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Intermittent Fasting: फेमस कॉमेडियन भारती सिंह ने हाल ही में बेटे को जन्म दिया है. प्रेग्नेंसी के पहले उन्होंने अपना लगभग 15 किलो वजन कम किया था. वजन कम करने के लिए उन्होंने इंटरमिटेंट फास्टिंग का सहारा लिया था. पिछले कुछ सालों में इंटरमिटेंट फास्टिंग तेजी से वेट लॉस करने के कारण काफी फेमस हुई है. एक्सपर्ट भी वजन कम करने के लिए स्ट्रिक्ट डाइट की अपेक्षा इंटरमिटेंट फास्टिंग की सलाह देते हैं. भारती सिंह के अलावा वरुण धवन, आलिया भट्ट, मलाइका अरोड़ा, सारा अली खान जैसे कई स्टार्स भी इंटरमिटेंट फास्टिंग कर चुके हैं.
इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है, कैसे करते हैं, सही तरीका क्या है और इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान क्या हैं, इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.
इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है (What is intermittent fasting)
पहले के जमाने में सुपरमार्केट, रेफ्रिजरेटर या भोजन उपलब्ध नहीं था, तब लोग लंबे समय तक कुछ नहीं खाते थे, जिस कारण वे काफी फिट रहते थे और उन्हें वजन कम करने में भी मदद मिला करती थी. जब वैज्ञानिकों ने इस खाने के पैटर्न पर स्टडी की तो उन्होंने जाना कि यह पैटर्न हेल्दी तरीके से वजन कम करने के लिए काफी फायदेमंद है.
फास्टिंग अक्सर कई आध्यात्मिक कारणों से भी की जाती है, लेकिन पिछले कुछ समय से वजन कम करने के लिए भी फास्टिंग का प्रयोग किया जाता है. वास्तव में, रोजाना 3-4 या अधिक बार भोजन करने की तुलना में समय-समय पर फास्टिंग करना शरीर के लिए अच्छा माना गया.
इंटरमिटेंट फास्टिंग में स्ट्रिक्ट डाइट की जरूरत नहीं होती. इस डाइट में आप सबकुछ खाकर भी हेल्दी रूप से वजन कम कर सकते हैं. इंटरमिटेंट फास्टिंग खाने का एक पैटर्न है, जिसके दौरान आप लंबे समय तक किसी भी कैलोरी का सेवन करने से बचते हैं. आम तौर पर इस दौरान पानी, कॉफी और बिना कैलोरी वाली ड्रिंक का सेवन किया जा सकता है. लेकिन कोई भी ऐसी ड्रिंक जिसमें कैलोरी होती है, उनके सेवन की मनाही होती है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग को कई तरह से कर सकते हैं. लेकिन आमतौर पर सबसे अधिक लोग इस फास्टिंग के दौरान 16 घंटे का उपवास रखते हैं. उदाहरण के लिए अगर आप रात में 8 बजे खाना खा लेते हैं तो आपको अगले दिन सुबह 12 बजे तक कुछ नहीं खाना है. यानी कि आप 16 घंटे भूखे रहेंगे. इस दौरान आप बिना कैलोरी वाली ड्रिंक ले सकते हैं. इसके बाद दोपहर 12 से रात के 8 बजे तक हेल्दी फूड्स का सेवन करें.
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फेमस पैटर्न (Famous Patterns of Intermittent Fasting)
टाइम रिस्ट्रिक्टेड फास्टिंग (Time-restricted eating fasting): इस पैटर्न में रोजाना 12 घंटे से अधिक समय का फास्ट रखना होता है. उदाहरण के लिए अधिकतर लोग 16 घंटे फास्ट करते हैं और 8 घंटे के समय में खाते हैं, यह इसी पैटर्न के अंदर आता है.
5:2 डाइट (5:2 Diet): इस पैटर्न में आप हफ्ते में 5 दिन तो नॉर्मल दिनों की तरह खाना खाते हैं, लेकिन बचे हुए 2 दिनों में 500-600 कैलोरी का ही सेवन करते हैं.
खाएं, फिर रुकें, खाएं (Eat Stop Eat): इस पैटर्न में हफ्ते में 1 या 2 दिन की 24 घंटे फास्टिंग करना चाहिए.
अल्टरनेट डे फास्टिंग (Alternate-day fasting): इस फास्टिंग में एक दिन छोड़कर फास्टिंग करते हैं.
द वॉरियर डाइट (The warrior diet): इस पैटर्न में दिनभर कम मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन किया जाता है. इसके बाद रात में नॉर्मल भोजन किया जाता है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे (Benefits of intermittent fasting)
साइंस के मुताबिक, इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई फायदे होते हैं. इसलिए एक्सपर्ट भी इस फास्टिंग की सलाह देते हैं. अगर आप भी यह फास्टिंग करते हैं, तो किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
- इंटरमिटेंट फास्टिंग मेटाबॉलिक हेल्थ को इम्प्रूव करती है. मेटाबॉलिक हेल्थ को बूस्ट करने में मदद करती है, जिससे तेजी से वजन कम होता है.
- इंटरमिटेंट फास्टिंग लाइफ स्टाइल को सही तरीके से जीने का एक तरीका है.
- स्टडी के मुताबिक इंटरमिटेंट फास्टिंग से कैंसर से लड़ने में भी मदद मिल सकती है.
- इंटरमिटेंट फास्टिंग से इम्यूनिटी बूस्ट भी होती है.
- इंटरमिटेंट फास्टिंग से क्रॉनिक डिसीज में मदद मिलती है.
- इंटरमिटेंट फास्टिंग से हार्ट हेल्थ अच्छी रहती है.
- इंटरमिटेंट फास्टिंग से ब्रेन हेल्थ में भी सुधार होता है. इसका कारण है कि यह ब्रेन हार्मोन BDNF को रिलीज करता है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग का सही तरीका और सावधानी (Correct way and precautions of intermittent fasting)
इंटरमिटेंट फास्टिंग का सही तरीका यह है कि आप 16 घंटे की फास्टिंग वाला पैटर्न चुनें. इस पैटर्न को फॉलो करना आसान होता है. इसलिए आप शाम 7-8 बजे से सुबह 11-12 बजे तक 16 घंटे की फास्टिंग वाला पीरियड चुनें.
लेकिन इंटरमिटेंट फास्टिंग करते समय ध्यान रखें कि यह सभी के लिए नहीं है. अगर किसी को ईटिंग डिसऑर्डर है तो उसे बिना डॉक्टर की सलाह के इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करना चाहिए.
कुछ रिसर्च बताती हैं कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे कम होते हैं. कुछ स्टडीज के मुताबिक जिन महिलाओं ने इस फास्टिंग को किया था, उनके पीरियड्स रुक गए थे और वापस से पुराने ईटिंग पैटर्न पर आने पर उनके पीरियड्स नॉर्मल हुए थे.
इंटरमिटेंट फास्टिंग के साइड इफेक्ट (Side effects of intermittent fasting)
जब कोई इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करता है तो उसे पहले दिन काफी भूख लगती है, जिस कारण उसके मूड स्विंग हो सकते हैं.
इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले लोगों में सिरदर्द, कब्ज, थकान, नींद में गड़बड़ी जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं.
नए खाने के पैटर्न को अपनाने में कई मुश्किलें हो सकती हैं, जिससे उबरने में समय लग सकता है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग से एंग्जाइटी हो सकती है, इसलिए स्ट्रिक्ट फास्टिंग को करने से बचें.