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नवरात्रि: कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच घर पर ऐसे मनाएं अष्टमी-नवमी

महामारी के बीच लोग नवरात्र भी मना रहे हैं जिसमें अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन की परंपरा होती है. हालांकि धार्मिक आस्थाओं और परंपराओं के बीच कोरोना वायरस की अनदेखी जानलेवा साबित हो सकती है.

Photo Credit: Getty Images Photo Credit: Getty Images
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 7:17 AM IST
  • कंजक पूजन या भंडारे का आयोजन से बचें
  • बच्चों पर भी कहर बरपा रहा नया स्ट्रेन

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते पूरे देश में चिंता का माहौल है. महामारी के बीच लोग नवरात्र भी मना रहे हैं जिसमें अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन की परंपरा होती है. हालांकि धार्मिक आस्थाओं और परंपराओं के बीच कोरोना वायरस की अनदेखी जानलेवा साबित हो सकती है. इसलिए खतरे को देखते हुए कंजक पूजन या भंडारे का आयोजन करने से बचें. कोरोना का ये नया स्ट्रेन बच्चों पर भी कहर बरपा रहा है.

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कैसे रखें बच्चों का ख्याल- नवरात्र में बच्चियों को कन्या पूजन के लिए आस-पड़ोस में ना भेजें. अगर आपके आस-पास भंडारे का आयोजन किया गया है तो वहां प्रसाद लेने बच्चों को बिल्कुल न जाने दें. लोगों के एक जगह पर इकठ्ठा होने से कोरोना वायरस का खतरा बढ़ सकता है. आपको घर या घर से बाहर कहीं भी भीड़ में शामिल होने से बचना चाहिए.

भजन-कीर्तन- नवरात्र में लोग भजन-कीर्तन के लिए भी इकट्ठे होते हैं. ऐसे कीर्तन या चौकियों का ना तो आयोजन करें और ना ही उनमें शामिल हों. घर से बाहर मंदिर आदि में जाने से भी परहेज करें. इन हालातों में ऐसा कोई काम न करें जिससे आपकी या दूसरों की जान पर खतरा बन आए. हो सकता है अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए फिलहाल मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए प्रवेश न करें. घर पर ही पूजा करें.

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कैसे करें कन्या पूजन- नवरात्र में दुर्गाष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है. लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस बार कन्या पूजन की प्रक्रिया में थोड़ा बदलाव करना उचित होगा. यदि आपके घर में कोई कन्या है तो उसे भोजन करवा दीजिए. आस-पड़ोस में कंजकाओं को खाने के सामान की जगह ऑनलाइन गिफ्ट या कूपन भिजवा सकते हैं.

 

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