
चीन के शंघाई के बाद भारत में खासकर दिल्ली-NCR के शहरों में कोरोना ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. कोरोना वायरस की इस नई लहर में खासकर बच्चों में कोरोना के केस बहुत तेजी से आ रहे है. इसका कारण है कि एक तो बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी है, दूसरे स्कूल खुल जाने से बच्चे एक-दूसरे के संपर्क में तेजी से आ रहे हैं. बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं कर पाते. एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना का यह नया वेरिएंट बाकी सभी वेरिएंट्स की तुलना में काफी ज्यादा संक्रामक है.
हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि पेरेंट्स को इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि बच्चों में दिखाई देने वाले इस नए वेरिएंट के लक्षण काफी हल्के हैं और समय पर इलाज करवाने से बच्चे जल्दी ठीक भी हो रहे हैं लेकिन फिर भी जरूरी है कि माता-पिता इसे लेकर बेफ्रिक ना हों. जरूरी है कि कुछ सावधानियां बरती जाएं ताकि बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सके.
बरतें ये सावधानियां-
- अगर आपका बच्चा बहुत छोटा है तो उसकी साफ-सफाई का जिम्मा आपके ऊपर है. अगर आपका बच्चा बड़ा और समझदार है तो उसे साफ-सफाई के बारे में बताएं. कोरोना को लेकर बच्चों को सभी जरूरी बातें समझाएं और हाइजीन को लेकर भी उन्हें टिप्स दें.
- बच्चे को बताएं कि खांसते और छींकते समय टिशू का इस्तेमाल करें. इस्तेमाल किए गए टिशू को तुरंत डिस्पोज करें और साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें. खांसने या छींकने के बाद हाथों को तुरंत साफ करें.
- अगर आपका बड़ा बहुत छोटा है कोरोना संक्रमण से बचने के लिए दिन में एक बार उसके सभी खिलौनों को धोएं.
- अपने घर के फर्श को दिन में एक बार जरूर साफ करें, ताकि बच्चे को किसी भी तरह का इंफेक्शन ना हो.
- अगर किसी व्यक्ति में खांसी, जुकाम या फ्लू के लक्षण नजर आ रहे हैं तो बच्चों को उस व्यक्ति के संपर्क में जाने से रोकें.
- बच्चों को किसी भीड-भीड़ वाली जगह पर ले जाने से बचें. जहां तक संभव हो उसे घर में ही रखें.
- बच्चे पर नजर बनाएं रखें. अगर आपको उसमें खांसी, जुकाम और बुखार जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या घरेलू इलाज शुरू कर दें.
- बच्चों को भरपूर पानी के साथ पौष्टिक आहार देना न भूलें. खट्टे फल (नारंगी, नींबू, अंगूर) और सब्जियां दें जो विटामिन सी, विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ (पनीर, अंडे ) और जिंक युक्त खाद्य पदार्थ (फलियां, दाल, बीन्स और नट्स) से भरपूर हों.
- घर की खिड़कियों और दरवाजों को खुला रखें ताकि बच्चे को हवा मिलती रहे. हो सके तो उन्हें छत पर लेकर जाएं.
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