
बॉलीवुड सेलिब्रिटी हो या हॉलीवुड सेलिब्रिटी, हर कोई उनके जैसी बॉडी बनाना चाहता है. सेलेब्रिटीज जैसी फिटनेस पाने के लिए कई लोग उनकी डाइट और वर्कआउट प्लान भी फॉलो करते हैं लेकिन फिर भी उनके जैसी बॉडी नहीं बना पाते. इसका कारण है कि हर इंसान की बॉडी, हार्मोंस, लाइफस्टाइल अलग-अलग होते हैं इसलिए एक ही तरह की डाइट और वर्कआउट हर इंसान पर एक जैसा असर नहीं दिखाती.
सेलिब्रिटीज स्ट्रिक्ट डाइट, वर्कआउट, लाइफस्टाइल, पर्याप्त नींद और कई छोटी-छोटी बातें को ध्यान में फिटनेस पाते हैं जो कि आम लोगों के लिए काफी मुश्किल हो सकता है. वर्कआउट के अलावा वे अपनी दिनचर्चा में कई ऐसी चीजें और ट्रेंडी टेक्नीक्स को भी जोड़ते हैं, जिससे उन्हें फिटनेस पाने और मेंटेन रखने में मदद मिलती है.
अगर दुनिया के बेस्ट फुटबॉलर में से एक क्रिस्टियानो रोनाल्डो की बात करें तो उन्होंने कुछ समय पहले अपने 11 साल के बेटे के साथ एक फोटो शेयर की है. इसमें वे क्रायोथेरेपी चैंबर (Cryotherapy chamber) के बाहर खड़े हुए हैं, जिससे उन्हें अपनी फिजीक को मेंटेन रखने में मदद मिलती है. Independent.co.uk के मुताबिक, उन्होंने इस खास चैंबर के लिए लगभग 48-50 लाख रुपये खर्च किए हैं. क्रायोथेरेपी चैंबर क्या होता है और इसकी क्या खासियत होती हैं, इस बारे में भी जान लेते हैं.
क्या होता है क्रायोथेरेपी चैंबर (What is cryotherapy chamber)
क्रायोथेरेपी को कोल्ड थैरेपी नाम से भी जाना जाता है. इसका प्रयोग कई डॉक्टर्स मरीजों के इलाज में भी करते हैं. कुछ लोग क्रायोथेरेपी को आइस बाथ के रूप में जानते हैं लेकिन ये दोनों अलग-अलग होते हैं. क्रायोथेरेपी के आइस बाथ से अधिक लाभ होते हैं.
क्रायोथेरेपी को 1970 के दशक में जापानी रुमेटोलॉजिस्ट तोशिमा यामागुची (Toshima Yamaguchi) द्वारा बनाया गया था और 1980-1990 के दशक में यूरोप, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में पेश किया गया था.
मांसपेशियों में दर्द को कम करने से लेकर डिप्रेशन कम करने तक क्रायोथेरेपी का प्रयोग किया जाता है. क्रायोथेरेपी का उपयोग सॉफ्ट टिश्यूज को डैमेज होने के बाद या सर्जरी के बाद मसल्स दर्द, मोच और सूजन को कम करने में भी किया जाता है.
क्रायोथेरेपी, हाइपोक्सिक कोशिका को डेड होने, सूजन को बढ़ने और मसल्स की ऐंठन को कम करने के लिए किया जाता है, जिससे मसल्स टिश्यूज का तापमान कम बना रहता है और रिकवरी तेजी से होती है.
फिटनेस इंड्स्ट्री में क्रायोथेरेपी (In the fitness industry Cryotherapy)
काफी समय पहले से क्रायोथेरेपी का प्रयोग एक्सरसाइज के बाद एथलीट्स द्वारा फास्ट रिकवरी के लिए किया जाता है. क्रायोथेरेपी का उपयोग फिटनेस इंडस्ट्री में क्रायोथेरेपी चैंबर या क्रायोचैंबर के रूप में होता है. आम भाषा में लोग इसे आइस चैंबर के नाम से भी जानते हैं.
क्रायोचैंबर अधिकतर ट्यूब के आकार का होता है, जिसमें एक व्यक्ति आराम से बैठ सकता है. इसका तापमान माइनस 93 डिग्री सेल्सियस से माइनस 150 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है. इस चैंबर में 3-5 मिनट से अधिक नहीं बैठना चाहिए.
क्रायोचैंबर 2 प्रकार के होते हैं. पहला पार्शली-बॉडी क्रायोथेरेपी (Partial-Body cryotherapy, PBC) और दूसरा होल बॉडी क्रायोथेरेपी (Whole body cryotherapy, WBC).
पार्शली-बॉडी क्रायोथेरेपी में तापमान को कम करने के लिए नाइट्रोजन का प्रयोग होता है. इसमें चैंबर ट्यूब के आकार का होता है. होल बॉडी क्रायोथेरेपी में इसके चैंबर के एक अंदर आदमी बैठ सकता है और बिजली द्वारा उस चैंबर का तापमान कम किया जाता है.
दोनों तरह के क्रायोचैंबर त्वचा के तापमान को कम करते हैं, लेकिन WBC, PBC की तुलना में शरीर का तापमान अधिक कम कर सकता है इसलिए इसे बेस्ट माना जाता है.
क्रायोथेरेपी के फायदे (Benefits of cryotherapy)
कई सेलेब्स क्रायोथेरेपी लेते हैं, जिससे उन्हें अपनी फिटनेस और बॉडी को मेंटन रखने में मदद मिलती है. क्रायोचैंबर या क्रायोथेरेपी चैंबर के क्या फायदे हैं? अब इस बारे में भी जान लीजिए.
मसल्स दर्द को कम करके आराम दे (Pain relief and muscle healing)
क्रायोथेरेपी मसल्स दर्द और जोड़ों के दर्द को कुछ समय में ही कम कर सकती है इसलिए एथलीट दर्द को कम करने के लिए यह थेरेपी लेते हैं. आपने देखा होगा डॉक्टर्स भी मसल्स या जोड़ों में दर्द होने पर आइस पैक से सिकाई करने की सलाह देते हैं. क्रायोथेरेपी तो आइस पैक से हजार गुना बेहतर है.
2000 में पब्लिश हुई एक स्टडी के मुताबिक, क्रायोथेरेपी ने रूमेटोइड गठिया के दर्द में आराम पहुंचाया था. रिसर्च में पाया गया था, क्रायोथेरेपी इंटेंस एक्सरसाइज से होने वाले दर्द को कम कर सकती है. 2017 में हुई रिसर्च के मुताबिक, मसल्स दर्द को तेजी से कम करने में क्रायोथेरेपी ने मदद की थी.
वजन घटाने में मदद (Helps in Weight Loss)
क्रायोथेरेपी वजन कम नहीं करती लेकिन यह वजन कम करने की प्रोसेस को प्रमोट कर सकती है. दरअसल, क्रायोथेरेपी के बाद जब शरीर ठंडा हो जाता है तो उसे नॉर्मल तापमान में आने के लिए अधिक मेहनत करनी होती है, जिससे अधिक कैलोरी बर्न होती हैं. कुछ क्रायोथेरेपी प्रोवाइडर का कहना है कि कुछ मिनट क्रायोथेरेपी लेने से मेटाबॉलिज्म बढ़ सकता है.
सूजन कम करे (Reduced inflammation)
कई बार एक्सरसाइज के बाद मसल्स में सूजन आ जाती है. सूजन कैंसर, डायबिटीड, डिप्रेशन, डिमेंशिया और आर्थराइटिस जैसी बीमारियों का जोखिम भी बढ़ा सकता है. सूजन को कम करने में क्रायोथेरेपी मदद कर सकती है. सूजन को कम करने से ओवरऑल हेल्थ में सुधार हो सकता है और कई पुरानी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है.
कुछ रिसर्च बताती हैं कि क्रायोथेरेपी सूजन को कम कर सकती है. हालांकि, अधिकांश रिसर्च चूहों पर की गई हैं इसलिए अभी और रिसर्च की आवश्यकता है.
एंग्जाइटी और डिप्रेशन कम करे (Reducing anxiety and depression)
रिसर्च बताती हैं कि क्रायोथेरेपी सूजन को कम कर सकती है, जिससे पता चलता है कि यह सूजन से जुड़ी मानसिक स्थितियों से भी निपट सकती है. 2008 में हुई स्टडी के मुताबिक, डिप्रेशन और एंग्जाइटी वाले एक तिहाई लोगों में क्रायोथैरेपी ने 50 प्रतिशत लक्षण कम कर दिए थे.
क्रायोथेरेपी लेते समय सावधानी (Caution when taking cryotherapy)
क्रायोथेरेपी आमतौर पर सुरक्षित है लेकिन क्रायोथेरेपी लेने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें. हालांकि, डॉक्टर्स भी क्रायोथेरेपी का भी उपयोग मस्से या कैंसर कोशिकाओं को जमाने के लिए, फेशिअल थेरेपी के लिए इसका प्रयोग करते हैं.
गर्भवती महिलाओं, बच्चों, हाई ब्लड प्रेशर वाले और हार्ट की बीमारी वाले मरीजों को क्रायोथेरेपी नहीं लेनी चाहिए. क्रायोथेरेपी कुछ मिनटों से अधिक समय तक करना घातक हो सकता है. क्रायोथेरेपी के दौरान किसी को भी सोना नहीं चाहिए, नहीं तो उसके लिए जानलेवा साबित हो सकता है.