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Diabetes: नौजवानों में तेजी से बढ़ रहे हैं डायबिटीज के चलते पैर काटने के मामले, इन बातों का रखें ध्यान

डायबिटीज एक क्रॉनिक डिजीज है. बीते कुछ सालों में नौजवानों में भी डायबिटीज के मामले काफी ज्यादा दिखाई दे रहा हैं. NHS के मुताबिक, डायबिटीज के मरीजों में शरीर के अंग काटने का खतरा 15 गुना ज्यादा होता है. तो आइए जानते हैं पैरों और टांगों को कैसे नुकसान पहुंचाता है डायबिटीज और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए.

नौजवानों में तेजी से बढ़ रहे हैं डायबिटीज के चलते पैर काटने के मामले, इन बातों का रखें ध्यान (Photo Credit: Getty Images) नौजवानों में तेजी से बढ़ रहे हैं डायबिटीज के चलते पैर काटने के मामले, इन बातों का रखें ध्यान (Photo Credit: Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 9:38 AM IST

दुनियाभर में लाखों लोग डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे हैं. डायबिटीज की समस्या का सामना तब करना पड़ता है जब शरीर में ग्लूकोज का लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इसे बैलेंस करने के लिए इंसुलिन काफी मदद करता है. इंसुलिन पैनक्रियाज से निकलने वाला एक हार्मोन होता है, जो खून में ग्लूकोज के लेवल को मैनेज और कंट्रोल करने का काम करता है.  डायबिटीज दो तरह का होता है टाइप1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज. टाइप 1 डायबिटीज में पैनक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन बिल्कुल भी नहीं कर पाता. वहीं, टाइप 2 डायबिटीज में पैनक्रियाज बहुत कम मात्रा में ही इंसुलिन का उत्पादन करता है. 

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ऐसे में जरूरी है कि आप अपने ग्लूकोज लेवल को मेनटेन रखें. कई बार डायबिटीज को इग्नोर करना आपके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. इसके चलते शरीर के अंग काटने तक की नौबत भी आ सकती है. 

नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) का कहना है कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों में शरीर के अंगों को काटने का खतरा 15 गुना ज्यादा होता है. क्योंकि उनका शरीर पहले की तरह टिशू डैमेज की मरम्मत नहीं कर सकता है. टाइप 2 डायबिटीज की तुलना में टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों को इस खतरे का सामना काफी ज्यादा करना पड़ता है. 

नौजवानों में डायबिटीज के कारण अंग काटने के मामले पिछले 10 सालों में तेजी से बढ़ रहे हैं. ब्रिटेन में आंकड़े दर्शाते हैं कि बीते साल डायबिटीज के चलते 29 साल से कम उम्र के 17 नौजवानों को अपने हाथ-पैर गंवाने पड़े. वहीं,  साल 2011-12 में 6 और 2009-10 में सिर्फ दो लोगों को अपने हाथ-पैर गंवाने पड़े थे.

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हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे 14 साल की उम्र में टाइप 1 डायबिटीज का पता चला और 35 साल की उम्र में उसे अपने दोनों पैर गंवाने पड़े. इस महिला का नाम लूसी नजीर है. 

लूसी ने कहा, 'काश कोई मुझे पहले यह बता देता कि अगर मैंने खुद पर ध्यान नहीं दिया तो इस चीज की नौबत आ जाएगी.' लूसी ने साल 2016 में एंकल में फ्रैक्चर आने के बाद अपनी सीधी टांग गंवा दी थी. उसके बाद साल 2019 में लूसी को अपनी लेफ्ट टांग भी गंवानी पड़ी. 

लुसी ने कहा कि इससे बचने के लिए नौजवानों को समय रहते किसी अनुभवी व्यक्ति या एक्सपर्ट से इस संबंध में सुझाव लेना चाहिए, ताकि ऐसी नौबत ना आने पाए.

पैरों और टांगों को कैसे नुकसान पहुंचाता है डायबिटीज?

डायबिटीज का लिंक दो तरह की कंडीशन के साथ होता है- पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) और डायबिटिक न्यूरोपैथी. इन दोनों ही समस्याओं के चलते पैर काटने की नौबत आ सकती है. पेरिफेरल आर्टरी डिजीज में आर्टरीज काफी सिकुड़ने लगती हैं जिससे पैरों और टांगों तक ब्लड फ्लो या तो काफी ज्यादा कम हो जाता है या बिल्कुल भी नहीं हो पाता. जिस कारण अल्सर और इंफेक्शन की समस्या का सामना करना पड़ता है. अगर ब्लड सर्कुलेशन सही से नहीं हो पाता तो इससे अल्सर और इंफेक्शन को ठीक होने में काफी ज्यादा समय लग जाता है. 

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न्यूरोपैथी में नर्वस डैमेज हो जाती है. शरीर में ब्लड शुगर का लेवल अधिक होने से शरीर में मौजूद नर्वस और रक्त कोशिकाएं डैमेज हो जाती हैं. जब आपकी नर्वस डैमेज होती हैं तो आपको पैर में दर्द, गर्म, ठंडा और कोई भी नुकीली चीज महसूस नहीं हो पाती. वहीं, इसके चलते अल्सर और इंफेक्शन की समस्या भी हो सकती है. 

अगर आपको पैरों में न्यूरोपैथी का सामना करना पड़ रहा है तो इससे काफी मुश्किल हो सकती है. इसमें पैर में चोट लगने के बावजूद भी आपको इसका तब तक पता नहीं लग पाता जब तक यह इंफेक्ट ना हो जाए. 

इससे आपको गैंग्रीन नामक गंभीर इंफेक्शन का सामना करना पड़ सकता है. गैंग्रीन की समस्या तब होती है जब आपके टिशूज मर जाते हैं. कुछ गंभीर मामलों में डॉक्टर प्रभावित एरिया को काटकर ही इसका इलाज कर पाते हैं. 

इन चीजों के कारण भी बढ़ जाती है अंग काटने की संभावना- 

डायबिटीज के चलते पैर कटने की फैमिली हिस्ट्री

घर के बाकी सदस्यों को डायबिटीज की समस्या

पैर में अल्सर

पैर में फ्रैक्चर

घावों का धीरे-धीरे ठीक होना

पैर के नाखून में फंगस या कोई और इंफेक्शन होना

गांठ बनना या कॉर्न्स और कॉलस 

इस समस्या को कैसे करें अवॉइड

अगर आपको डायबिटीज है तो,आपको अपने पैरों का खास ख्याल रखना काफी जरूरी होता है ताकि पैर काटने के खतरे को कम किया जा सके. अगर आप अपनी सेहत का ख्याल रखेंगे तो इससे पैर काटने की नौबत भी नहीं आएगी. अगर आपको डायबिटीज है तो जरूरी है कि आप अपने ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करें. पैरों में छाले, कट, क्रैक, घाव, रेडनेस, व्हाइट स्पॉट्स, गांठ जैसी चीजें दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. 

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