
H3N2, Covid-19, स्वाइन फ्लू और H1N1 के चलते भारत में वायरल इंफेक्शन के मामले काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. हालांकि, इस दौरान H3N2 के बहुत से मामले सामने आ रहे हैं, डेटा में यह बात भी सामने आ रही है कि स्वाइन फ्लू और कोरोना के मामले भी भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं. हेल्थ मिनिस्ट्री के लेटेस्ट डेटा के मुताबिक, भारत में अभी कोरोना के 4,623 एक्टिव मामले सामने आए हैं, वहीं, डाटा में यह भी बताया गया कि बीते महीने 28 फरवरी तक H1N1 के कुल 955 मामले दर्ज किए गए थे.
H1N1 के ये सभी मामले तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल और पंजाब में दर्ज किए गए. इसके अलावा H3N2 वेरिएंट के 451 मामले 2 जनवरी से लेकर 5 मार्च 2023 तक दर्ज किए गए. केंद्रीय मंत्रालय के मुताबिक, H3N2 वेरिएंट के कारण अब तक कर्नाटक और हरियाणा में 2 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, हाल ही में असम में भी H3N2 के मामले दर्ज किए गए हैं.
बता दें कि H3N2, Covid-19, स्वाइन फ्लू और H1N1 ये सभी श्वसन संबधी वायरल इंफेक्शन हैं. ऐसे में सवाल यह उठता हैं कि कैसे इनके लक्षणों को पहचानकर यह पता लगाया जाए कि आपको कौन सा इंफेक्शन हुआ है और इसका ट्रीटमेंट कैसे किया जाए?
H1N1 और H3N2
H1N1, जिसे पहले स्वाइन फ्लू के नाम से भी जाना जाता था, यह इन्फ्लुएंजा वायरस की ही तरह जानवरों में होने वाली बीमारी के कारण होता है . वहीं मौसम बदलने के कारण लोगों को फ्लू और सामान्य सर्दी जुकाम का सामना करना पड़ता है जो नुकसानदायक साबित नहीं होता है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लगभग 200 से 300 तरह के वायरस के कारण सामान्य सर्दी का सामना करना पड़ता है. हर वायरस का अपना सब-टाइप और वेरिएंट होता है. अधिकतर मामलों में सामान्य सर्दी की समस्या राइनोवायरस, रेस्पिरेटरी सिंकिटियल वायरस, इन्फ्लुएंजा टाइप ए और टाइप बी वायरस के कारण होती है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि H3N2 के बढ़ते मामलों के कारण लोग पहले से ही काफी ज्यादा परेशान थे. इसी बीच एक बार फिर कोविड 19 के बढ़ते मामलों के कारण लोगों की चिंता और भी ज्यादा बढ़ गई है.
ये लक्षण हैं आम
हेल्थ एक्सपर्ट्स ने बताया कि जहां एक ओर कुछ लोगों में सांस से संबंधित समस्याओं के हल्के-फुल्के मामले सामने आ रहे हैं वहीं, दूसरी ओर कुछ लोगों में काफी गंभीर लक्षण नजर आ रहे हैं, इसमें खास तौर पर वो लोग शामिल हैं जिनकी उम्र ज्यादा है, लो इम्यूनिटी या फिर वो जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन सभी इंफेक्शन में कुछ लक्षण काफी आम हैं, जैसे- बुखार, शरीर में दर्द, थकान, सिरदर्द, कफ, और गले में दर्द.
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन सभी वायरस के लक्षण एक-दूसरे से काफी मिलते-जुलते हैं. ऐसे में इस बात का पता लगाना काफी मुश्किल हो जाता है कि आपको सामान्य सर्दी है या H3N2, Covid-19, स्वाइन फ्लू और H1N1. हालांकि कुछ बातों का खास ख्याल रखकर आप इनमें अंतर कर सकते हैं.
- H3N2 के कारण आवाज में भारीपन का सामना करना पड़ता है. वहीं, कोविड-19 की शुरुआत बुखार और सूंघने की क्षमता खत्म होने से होती है.
- फ्लू होने पर पूरे शरीर और मांसपेशियों में काफी ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ता है.
- फ्लू के कारण ड्राई कफ की समस्या का काफी लंबे समय तक सामना करना पड़ता है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स ने ये भी बताया कि कोविड-19 के कुछ लक्षण जो इन्फ्लुएंजा A वायरस से पीड़ित लोगों में काफी रेयर देखे जा रहे हैं उनमें शामिल हैं- चीजों की गंध और खाने का स्वाद ना आना और पूरे शरीर में रैशेज होना.
कैसे पता लगाएं आप किस वायरस से हैं संक्रमित?
नासॉफिरिन्जियल स्वाब, ऑरोफरीन्जियल स्वैब और नासॉफिरिन्जियल वॉश के जरिए आप कोविड-19 और फ्लू का पता लगा सकते हैं. इसके अलावा इन दोनों संक्रमणों का पता लगाने के लिए आप रैपिड टेस्ट का भी सहारा ले सकते हैं. कई बार, लोगों में H1N1 और H3N2 के लक्षण दिखाई देते हैं और वह इसे कोविड-19 समझने की गलती कर बैठते हैं. ऐसे में, लोगों को यह सलाह दी जाती है कि अपना कोविड टेस्ट करवाएं, ताकि आपको यह पता लग सके. एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि , H1N1 और H3N2 का टेस्ट एक ही तरह का होता है ऐसे में एक टेस्ट से ही इन दोनों वायरस का पता लगाया जा सकता है.
क्या करें
हेल्थ एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि फ्लू के कुछ लक्षण जैसे बुखार और कफ आदि के लिए आप पेनकिलर्स, नेबुलाइजर ले सकते हैं. इसके साथ ही जरूरी है कि आप घर पर रहकर आराम करें और घर का बना सिंपल खाना खाएं, साथ ही खुद को हाइड्रेटेड रखें.
फ्लू से बचने के लिए जरूरी है कि आप कोविड के नियमों का पालन करें.
फ्लू से संबंधित समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि आप इंफ्लुएंजा वैक्सीनेशन लगवाएं.
जरूरी है कि आप ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीएं और अपनी मर्जी से एंटीबायोटिक का सेवन करने से बचें.