
एनीमिया (Anemia) एक बहुत ही आम बीमारी है जिसमें आयरन और खून की कमी हो जाती है. दुनिया भर एनीमिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. एक नई स्टडी में एनीमिया से बचाव का कारगर तरीका बताया गया है. ये स्टडी फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन पत्रिका में छपी है. स्टडी के अनुसार, बाजरा के नियमित सेवन से हीमोग्लोबिन और सीरम फेरिटिन के स्तर में सुधार हो सकता है. ये स्टडी इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) के नेतृत्व में की गई है.
स्टडी की प्रमुख लेखिका डॉक्टर एस अनीता के अनुसार, स्टडीज के नतीजे बताते हैं कि बाजरा हर दिन की जरूरी आयरन मात्रा की कमी पूरी करता है. हालांकि आयरन की मात्रा बाजरा की क्वालिटी पर निर्भर करती है. स्टडी के नतीजे स्पष्ट रूप से बताते हैं कि आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के उच्च स्तर को रोकने और कम करने में बाजरा काफी कारगर भूमिका निभा सकता है.
क्या कहती है स्टडी- शोधकर्ताओं ने पाया कि बाजरा हीमोग्लोबिन के स्तर को 13.2 प्रतिशत तक बढ़ा देता है. वहीं सीरम फेरिटिन में औसतन 54.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. फेरिटिन खून में पाया जाने वाला एक आयरन युक्त प्रोटीन है. डॉक्टर्स के अनुसार आयरन की कमी वाले एनीमिया से बच्चों का शारीरिक विकास रुक जाता है और वयस्कों में उत्पादक क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में बाजरा के सेवन को एक समाधान के तौर पर (Millet benefits) देखा जा सकता है.
बाजरा में पाया जाने वाला आयरन- स्टडी के सह लेखक जोआना केन-पोटाका के अनुसार, 'अक्सर यह दावा किया जाता है कि उच्च स्तर के एंटीन्यूट्रिएंट्स के कारण बाजरा का आयरन ज्यादा असरदार नहीं होता है लेकिन हमारा विश्लेषण इसे गलत साबित करता है. बाजरे में प्लांट्स के बराबर ही आयरन पाया गया है. रिसर्च से ये भी पता चला है कि इसके प्रोसेसिंग से आयरन की मात्रा बढ़ जाती है. उदाहरण के तौर पर बाजरा से बने स्नैक्स में आयरन 5.4 गुना बढ़ जाता है, जबकि फर्मेंटेशन या सुखाने पर इसका आयरन तीन गुना से अधिक हो जाता है. वहीं अंकुरित करके खाने पर इसमें आयरन की मात्रो दोगुनी हो जाती है.