
Diabetes: डायबिटीज को साइलेंट किलर कहा जाता है और ये एक ऐसी घातक बीमारी है जिसमें ब्लड शुगर लेवल को लगातार मॉनिटर करना बहुत जरूरी है. टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के पीड़ितों को हेल्दी और लंबी जिंदगी के लिए ब्लड प्रेशर लेवल को मैनेज करना भी बहुत जरूरी है. यह समस्या डायबिटीज मरीजों की मौत का कारण बन सकती है.
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के 'हाइपरटेंशन साइंटिफिक सेशन 2021' में प्रस्तुत 21 साल की एक स्टडी के मुताबिक, रात के वक्त हाई ब्लड प्रेशर की समस्या झेलने वाले डायबिटीज मरीजों में मौत का खतरा उन लोगों के मुकाबले दोगुना होता है जिनका ब्लड प्रेशर रात में स्थिर या कम रहता है.
डॉक्टर्स कहते हैं कि रात के वक्त सोते समय हमारा ब्लड प्रेशर लेवल गिरता है. अगर सोते समय ब्लड प्रेशर ना गिरे तो इसे 'नॉन डिपिंग' कहते हैं, लेकिन जब रात में ब्लड प्रेशर लेवल दिन से भी ज्यादा ऊपर चला जाए तो इसे 'रिवर्स डिपिंग' कहा जाता है. ये असामान्य ब्लड प्रेशर पैटर्न दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम बढ़ने और टाइप-1 व टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों की मौत का कारण बन सकते हैं.
यूनिवर्सिटी ऑफ पीसा मेडिसिन इनवेस्टिगेटर मार्टिना शिरियाको कहती हैं, 'हमारी स्टडी बताती है कि 10 में से एक डायबिटीज रोगी रिवर्स डिपिंग का शिकार होता है. इस कंडीशन में ब्लड प्रेशर कंट्रोल की परवाह ना करने वाले डायबिटीज रोगियों में मौत का खतरा लगभग दोगुना हो सकता है. इसलिए डायबिटीज रोगियों को असामान्य ब्लड प्रेशर लेवल के बारे में डॉक्टर्स को जरूर बताना चाहिए.'
पिसा में 349 डायबिटीज मरीजों पर साल 1999 में शुरू हुई स्टडी में आधे से ज्यादा लोग नॉन डिपिंग ब्लड प्रेशर के शिकार पाए गए. जबकि 20 लोग ऐसे भी थे जिन्हें रिवर्स डिपिंग की शिकायत थी. उन्होंने पाया कि रिवर्स डिप के करीब एक-तिहाई मरीजों को कार्डिएक एटोनॉमिक न्यूरोपैथी की शिकायत थी. यह डायबिटीज में होने वाली एक ऐसी बीमारी है, जिसमें दिल और रक्त वाहिकाओं को कंट्रोल करने वाली नर्व्स डैमेज हो जाती है.