
भारत में एक से बढ़कर एक बॉडीबिल्डर हुए हैं जिन्होंने विदेशों तक देश का नाम रोशन किया. जहां पहले के समय में कुश्ती और मल्लयुद्ध हुआ करते थे, आज के समय में उनकी जगह बॉडी बिल्डिंग ने ले ली है. अपने शरीर को मजबूत बनाकर और तराशकर कई देसी पहलवानों ने विदेशी पहलवानों को चित्त किया था. भारत के ऐसे ही सबसे बुजुर्ग बॉडीबिल्डर का नाम था, मनोहर ऐच (Manohar Aich).
मनोहर ऐच, ऐसा नाम है जिसे हममें से बहुत से लोग नहीं जानते होंगे लेकिन बता दें कि उन्होंने एशियन गेम्स में तीन गोल्ड मेडल और जीते थे और मिस्टर यूनिवर्स (Mr Universe) का खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय थे. वह काफी सिंपल खाना खाते थे लेकिन उन्होंने अपने शरीर को इस तरह तराश लिया था कि अच्छे-अच्छे पहलवान उनके सामने फेल थे. मनोहर ऐच कौन थे? मनोहर ऐच ने कौन से टाइटल जीते? मनोहर ऐच का डाइट और वर्कआउट रूटीन क्या था? इस बारे में जानेंगे.
मनोहर ऐच कौन थे (Who was Manohar Aich)
Newyorktimes के मुताबिक, मनोहर ऐच का जन्म 17 मार्च, 1913 को कोमिला जिले के पुटिया गांव में हुआ था, जो उस समय ब्रिटिश भारत का हिस्सा था और अब बांग्लादेश में है. मनोहर ऐच ने अपना करियर महान जादूगर पीसी सोरकर के साथ एक स्टंटमैन के रूप में शुरू किया था. वह दर्शकों को दांतों से स्टील की सलाखों को मोड़ सकते थे और 1000 पेज की किताब को हाथों से फाड़ सकते थे. वह 'पॉकेट हरक्यूलिस' के नाम से मशहूर थे.
मनोहर ऐच ने 39 साल की उम्र में बॉडी बिल्डिंग की शुरुआत की थी और उसके बाद मिस्टर यूनिवर्स प्रतियोगिता जीती थी.1951 में वह मिस्टर यूनिवर्स प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहे लेकिन 1952 में शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने मिस्टर यूनिवर्स का खिताब जीता था. उन्होंने 1951 (नई दिल्ली), 1954 (मनीला) और 1958 (टोक्यो) में आयोजित एशियन गेम्स में तीन स्वर्ण पदक जीते. उस समय तक वह बॉडी बिल्डिंग कॉम्पिटिशन में भाग लेते रहे और उन्हें जीतते रहे. मनोहर ऐच ने अपना आखिरी बॉडी बिल्डिंग कॉम्पिटिशन 2003 में खेला था और उस समय उनकी उम्र 90 साल थी.
एयरफोर्स में हुए थे शामिल
बताया जाता है कि मनोहर ऐच 1942 में एयर फोर्स में भर्ती हुए थे लेकिन एक ब्रिटिश अधिकारी को थप्पड़ मार देने के कारण उन्हें जेल में डाल दिया गया था. जेल में रहते हुए मनोहर ऐच 12 घंटे वेट ट्रेनिंग करते थे, इसके लिए ब्रिटिश अधिकारियों ने उनके लिए खास डाइट की व्यवस्था की थी.उनके अच्छे व्यवहार के कारण उन्हें एक या दो साल बाद रिहा कर दिया था. उन्होंने जेल में जो फिजिक बनाई थी, उसके साथ ही 1950 में मिस्टर हरक्यूलिस कॉम्पिटिशन जीता था.
नारियल बेचते थे मनोहर ऐच
जब मनोहर ऐच के पिता बीमार हो गए तो उन्होंने स्टंट करना शुरू कर दिया था. वह अपने शरीर को तलवार की नोंक पर बैलेंस कर लेते थे. एक बार स्टंट दिखाते समय चूक हो जाने से उनकी गर्दन पर कट लग गया था. जब वे कलकत्ता गए थे तो उन्होंने पैसे कमाने के लिए रेलवे स्टेशन पर नारियल बेचकर अपना पेट पाला था. मिस्टर ऐच भारत के प्रसिद्ध बॉडी बिल्डर, प्रेमचंद डेगरा से इतने छोटे थे कि उन्होंने मनोहर ऐच को नई दिल्ली में एक कॉम्पिटिशन (1993) के दौरान कंधे पर उठा लिया था.
मिस्टर ऐच ने 1951 में लंदन में अपनी पहली मिस्टर यूनिवर्स प्रतियोगिता में भाग लिया था, जिसमें वह दूसरे स्थान पर रहे. इसके बाद लंदन में एक साल ट्रेनिंग और ब्रिटिश रेलवे में काम करने के बाद उन्होंने1952 में फिर से मिस्टर यूनिवर्स कॉम्पिटिशन लड़ा और उसके विजेता बने. इतने अवॉर्ड जीतने के बाद भी मनोहर ऐच के सामने पैसों की समस्या थी लेकिन उन्होंने कभी भी इस बात की शिकायत नहीं की.
मनोहर ऐच की डाइट और वर्कआउट (Manohar Aich's Diet and Workout)
मनोहर ऐच के बारे में बताया जाता है कि वह फिजिकली और फिलोसोफिकली रूप से काफी स्ट्रांग थे. उन्होंने कभी शराब नहीं पी और धूम्रपान भी नहीं किया. वह हमेशा चावल, मछली, सब्जियां, दाल, फल और दूध का ही सेवन करते थे. अगर एक्सरसाइज की बात की जाए तो वह मॉर्डन एक्सरसाइज करने से बचते थे और देसी एक्सरसाइज ही करते थे. वह एक बार में हजार पुशअप और डंड-बैठक लगा लिया करते थे.