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कैंसर की दवा को लेकर वैज्ञानिकों ने किया बड़ा दावा, पहली बार बनी इस तरह की मेडिसिन

कैंसर से हर साल दुनिया भर में लाखों लोगों की मौत होती है. अब यूरोप के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने कैंसर का इलाज ढूंढने की दिशा में बहुत बड़ी सफलता हासिल की है. वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने एक ऐसी दवा खोजी है जो कैंसर पैदा करने वाले जीन को रोक देगी.

बिश्वजीत
  • नई दिल्ली,
  • 27 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 11:43 AM IST

कैंसर के अनुसंधान और उपचार के लिए बने यूरोपीय संगठन ने दावा किया है कि वे कैंसर पैदा करने वाली जीन MYC को रोकने की दवा बनाने में सफल रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि OMO 103 मेडिसीन ने क्लिनिकल ट्रायल के पहले चरण को सफलतापूर्वक पास कर लिया है. इससे पहले कोई अन्य दवा MYC जीन को सुरक्षित और प्रभावी ढंग से रोकने में सक्षम नहीं पाई गई है. 

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वैल डी'हेब्रोन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी (वीएचआईओ) के अनुसार, OMO-103 को एक मिनी प्रोटीन के रूप में विकसित किया गया है. यह कोशिकाओं में प्रवेश कर कैंसर में ट्यूमर को बढ़ावा देने वाले जीन MYC को सफलतापूर्वक रोक सकता है.

कैंसर को बढ़ावा देने में MYC की अहम भूमिका
स्पेन की राजधानी बर्सिलोना में स्थित 'वैल डीहेब्रोन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी' में शोधकर्ता डॉ एलेना गैराल्डा समेत वैज्ञानिक समिति के अन्य सदस्यों ने कहा कि MYC कैंसर को बढ़ावा देने में सबसे अहम भूमिका निभाता है, क्योंकि यह स्तन, प्रोस्टेट, फेफड़े और ओवेरियन कैंसर जैसे कई सामान्य मानव कैंसर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. वैज्ञानिक समिति के मुताबिक, आज तक MYC रोकने वाली किसी भी दवा को अनुमोदित नहीं किया गया है.

ऐसे हुआ पहले चरण का ट्रायल 
अप्रैल 2021 में डॉ. गैराल्डा और अन्य दो अन्य स्पैनिश डाक्टरों ने मिलकर 22 रोगियों को पहले चरण के ट्रायल में शामिल किया. इन रोगियों में अग्नाशय, आंत और गैर-छोटे सेल के फेफड़ों के कैंसर समेत कई खतरनाक ट्यूमर थे. वैज्ञानिकों ने इन रोगियों को सप्ताह में एक बार OMO-103 की छह डोज दी. नौ सप्ताह के बाद सीटी स्कैन में पता चला कि 12 रोगियों में से आठ रोगियों में OMO-103 ने कैंसर को बढ़ने से रोक दिया और बीमारी गंभीर नहीं हुई.

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हल्के साइड इफैक्ट 
वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस उपचार में OMO-103, MYC जीन को सफलतापूर्वक रोकने में सफल रहा. वहीं, इसके ज्यादातर साइड इफेक्ट हल्के हैं, जो इस कैंसर के उपचार के दूसरे चरण कीमोथेरेपी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है.

 

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