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Male birth control pills: पुरुषों ने खाईं गर्भनिरोधक गोलियां, शरीर पर हुआ ऐसा असर!

वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि पुरुष गर्भनिरोधक गोलियां (Male contraceptive pills) टेस्टोस्टेरोन को कम कर देती हैं जिससे शुक्राणुओं की संख्या में कमी आ जाती है. इससे प्रेग्नेंसी का खतरा नहीं रहता. क्लिनिकल ट्रायल में शामिल हुए तीन लोगों ने अपने एक्सपीरियंस शेयर किए हैं.

(Image credit: getty images) (Image credit: getty images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 8:25 AM IST
  • पुरुष गर्भनिरोधक गोली के ट्रायल में शामिल हुए 100 पुरुष
  • रिसर्च में पॉजिटिव रिजल्ट आए सामने
  • कुछ लोगों को हुए साइड इफेक्ट

वैज्ञानिकों ने पुरुषों के लिए भी गर्भनिरोधक गोली बनाई हैं जो पुरुषों की सेहत को बिना नुकसान पहुंचाए पार्टनर की प्रेग्नेंसी रोकने में सफल हो सकती है. लेकिन इससे पहले मार्केट में सिर्फ महिलाओं के लिए ही गर्भनिरोधक गोलियां मिलती थीं. रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुषों के लिए बनाई गई दो एक्सपेरिमेंटल गर्भनिरोधक गोलियां मार्केट में आने के लिए तैयार हैं. ट्रायल के बाद पता चला है कि इन गोलियों ने शुक्राणु उत्पादन को रोकने का काम किया.

रिसर्चर्स का कहना है कि ये गोलियां कंडोम, नसबंदी की अपेक्षा पुरुष गर्भनिरोधक का अच्छा विकल्प हो सकती हैं.  रिसर्चर तामार जैकबसन (Tamar Jacobsohn) के मुताबिक, पुरुष गर्भनिरोधक गोलियों के उपयोग से पुरुषों और महिलाओं के लिए फैमिली प्लानिंग के विकल्प बढ़ेंगे और अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने में भी काफी मदद मिलेगी. पुरुष फैमिली प्लानिंग में पहले से ज्यादा सक्रिय भूमिका निभा पाएंगे. पुरुष गर्भनिरोधक के ट्रायल में शामिल हुए तीन लोगों से Busenessinsider ने बात की और अपने एक्सपीरियंस शेयर किए. 

मसल्स मास में दिखी कमी

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रिसर्चर्स काफी समय से पुरुष गर्भनिरोधक पर रिसर्च कर रहे है. हाल ही में हुए ट्रायल से पता चलता है कि पुरुष गर्भनिरोधक गोलियां शरीर को सिंथेटिक हार्मोन प्रदान करते हैं जिससे नेचुरल टेस्टोस्टेरोन रुक जाता है. कम टेस्टोस्टेरोन के कारण स्पर्म भी कम हो जाते हैं जिससे प्रेग्नेंसी का खतरा कम हो जाता है. लेकिन इसके साथ ही टेस्टोस्टेरोन कम होने से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, डिप्रेशन और मसल्स मास में कमी भी आने लगती है.

 
यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के सेंटर फॉर रिसर्च इन रिप्रोडक्शन एंड कॉन्ट्रासेप्शन (सीआरआरसी) के रिसर्चर्स के मुताबिक, फार्मास्युटिकल कंपनियों के निवेश की कमी और पुरुषों की पसंद समझने में देरी के कारण पुरुष गर्भनिरोधक के विकल्पों को तलाशने में देरी हुई. लेकिन हाल ही पब्लिश हुई स्टडी के मुताबिक, एक रिसर्च की गई जिसमें 100 पुरुषों ने 28 दिन तक पुरुष गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन किया. 100 लोगों में से 75 प्रतिशत लोग फिर से गोलियां लेना चाहते हैं.

सीआरआरसी के ट्रायल में इन ट्रायल में शामिल हुए तीन लोगों ने को अपने एक्सपीरियंस शेयर किए. गर्भनिरोधक गोलियां लेने वाले पुरुषों ने क्लिनिकल ट्रायल में शामिल होने के बाद वजन बढ़ने से लेकर उत्तेजना में कमी की शिकायत की. 

1. उत्तेजना में कमी और आराम महसूस हुआ

स्टॉर्म बेंजामिन ने बताया कि क्लीनिकल ट्रायल में गोलियों खाने के बाद उन्होंने खुद की उत्तेजना में कमी देखी और उन्होंने रिलैक्स महसूस किया. जब स्टॉर्म फेसबुक स्क्रॉल कर रहे थे, तब उन्होंने पुरुष गर्भनिरोधक के ट्रायल में पार्टिसिपेट करने के बारे में एड देखा था. एड देखने के बाद उन्होंने 2018 में सीआरआरसी के परीक्षण में हिस्सा लिया और फिर उन्हें हाई फैट वाले भोजन के बाद 12 हफ्ते तक रोजाना पुरुष गर्भनिरोधक गोलियां खाने को कहा. 

पिछले रिसर्च के मुताबिक, हाई फैट वाली भोजन पर गोलियों की खुराक अधिक प्रभावी होती है. महीने में एक बार स्टॉर्म का वीर्य टेस्ट किया गया और करीब 1.18 लाख यानी 1500 डॉलर मुआवजे के रूप में दिए गए. बेंजामिन ने बताया कि उन्हें कोई भी नेगेटिव साइड इफेक्ट नहीं हुआ. मुझे सिर्फ उत्तेजना में कमी और ज्यादा रिलैक्स महसूस हुआ. इस पर रिसर्चर्स ने कहा कि ऐसा दवाओं में शामिल सिंथेटिक हार्मोन की प्रतिक्रिया के कारण हो सकता है. बेंजामिन ने आगे कहा, हर खुराक में पांच-छह बड़ी गोलियां शामिल थीं, जिन्हें खाना मुश्किल था. उन्हें रिजल्ट इतने पॉजिटिव मिले कि उन्होंने पुरुष बर्थ कंट्रोल इंजेक्शन के ट्रायल में भी भाग लिया जो मई 2022 में खत्म भी हो चुका है. 

2. रुफारो हगिन्स का वजन बढ़ा 

रुफारो हगिन्स (Rufaro Huggins) भी पुरुष गर्भनिरोधक गोली के ट्रायल में शामिल हुए थे. 40 साल के रुफारो ने सीआरआरसी के ट्रायल में शामिल होने का फैसला किया तो उन्हें भी हाई फैट डाइट के साथ गोलियों की खुराक दी गई. उन्होंने 2016 से कई बार मेडिसिन ट्रायल में पार्टिसिपेट किया था. उन्होंने बताया कि उन्हें भावनात्मक रूप से कोई भी परिवर्तन नहीं देखा, सिर्फ उनके शरीर का दो-तीन पाउंड (1-1.5 किलो) वजन बढ़ गया था. रुफारो प्रोफेशन मैराथन रनर हैं तो वह अपने रुटीन को अच्छे से फॉलो कर सकते थे. रुफारो का मानना है कि समाज में पुरुष काफी कुछ कर सकते हैं क्योंकि यह हमारी जिम्मेदारी बनती है. रुफारों ने कहा कि बच्चे पैदा करने या ना करने का दबाव महिलाओं की तुलना में पुरुषों के ऊपर कम होता है.  

3. 20 साल से ट्रायल का हैं हिस्सा

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स्टीव ओवेन्स (Steve Owens) और उनकी वाइफ पहले से चले आ रहे बर्थ कंट्रोल तरीकों से संतुष्ट नहीं थे इसलिए वे पिछले 20 सालों से पुरुष गर्भनिरोधक ट्रायल में हिस्सा लेते आ रहे हैं. उन्होंने हाल ही में हुए ट्रायल के बारे में रेडियो पर सुना था. जानकारी होने के बाद वे सीआरआरसी के ट्रायल में शामिल हुए. उन्होंने जेल, ट्रांसप्लांट, इंजेक्शन और हाल ही में गोलियों के ट्रायल में हिस्सा लिया. उन्हें कोई भी साइड इफेक्ट महसूस नहीं हुआ इसलिए वे लगातार इन ट्रायल्स में शामिल हो रहे हैं.
 

अनचाही प्रेग्नेंसी रोकने में मिलेगी मदद

US में यूनिस कैनेडी श्राइवर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डेवलपमेंट में कॉन्ट्रासेप्टिव डेवलपमेंट प्रोग्राम के मुख्य रिसर्चर तामार जैकबसन (Tamar Jacobsohn) के मुताबिक, पुरुषों में प्रेग्नेंसी के तरीके वर्तमान में नसबंदी और कंडोम ही हैं जो कि महिलाओं के लिए मौजूद गर्भनिरोध विकल्पों की तुलना में काफी सीमित हैं. पुरुषों के लिए इफेक्टिव गर्भनिरोधी तरीकों की खोज से पुरुष और महिलाओं में अनचाही प्रेग्नेंसी को कम करके सेहत पर अच्छा असर होगा. यह पुरुषों को फैमिली प्लानिंग में भी सक्रिय भूमिका निभाने में मदद करेगा.

जैकबसन ने आगे कहा, क्लिनिकल ट्रायल में पुरुषों द्वारा पॉजिटिव रिजल्ट और दवा को फिर से प्रयोग करने की इच्छा से आने वाले समय में पुरुष बर्थ कंट्रोल को संभावित रूप नई ऊंचाइयां मिलेंगी.

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