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कोरोना वायरस (Corona virus) की तीसरी लहर में संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. संक्रमित होना, कमजोर प्रतिरक्षा / इम्यूनिटी (Weak immunity) का परिणाम होता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली विशेष रूप से आंत बैक्टीरिया (Gut bacteria) से भी जुड़ी हुई होती है. स्वस्थ शरीर को बढ़ावा देने के लिए आंत और प्रतिरक्षा प्रणाली एक दूसरे का समर्थन करते हैं. इसलिए इम्यूनिटी मजबूत होने के लिए शरीर की आंतों का भी स्वस्थ रहना काफी जरूरी है और हमें ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करे.
आंतों की सेहत को बढ़ावा देने के लिए ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं
किण्वित खाद्य पदार्थ (Fermentation food) आंत को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. ये फूड प्रोबायोटिक्स और आंतों के लिए अनुकूल रहने वाले बैक्टीरिया में काफी समृद्ध होते हैं, जो कि आंतों की सेहत को बढ़ावा देते हैं. इसके अलावा किण्वित खाद्य पदार्थ इम्यूनिटी मजबूत करते हैं, पाचन सही करते हैं, लैक्टोज असहिष्णुता के लक्षण कम कर सकते हैं, लिवर की बीमारी रोक सकते हैं, गठिया की बीमारी में मदद कर सकते हैं, मधुमेह के लक्षणों में सुधार कर सकते हैं, आदि.
इसलिए आंत को स्वस्थ रखने के लिए किण्वित खाद्य पदार्थ का सेवन करना काफी अच्छा माना जाता है. हमारे भारतीय घरों में काफी सारे किण्वित उत्पादों का सेवन किया जाता है, जो कि आंत को हेल्दी रख सकते हैं. जैसे
पनीर (Paneer)
पनीर को दूध से बनाया जाता है, जो कि काफी अच्छा किण्वित फूड है.पनीर प्रोटीन में भी काफी हाई होता है, जिससे प्रोटीन की कमी पूरी हो सकती है. पनीर का किसी भी रूप में सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है. पनीर को बनाने के लिए दूध में नींबू डाला जाता है, जिसके बाद दूध फट जाता है. इसके बाद उसे कपड़े में बांधकर तब तक लटकाया जाता है, जब तक कि उसका पानी न निकल जाए. पानी निकलने के बाद उसे भारी चीज से दबाकर रख दिया जाता है. जिससे ठोस पनीर बनता है.
दही (Yoghurt)
पोषण विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं, कि बैक्टीरिया भी आंत की गतिविधि में सुधार करते हैं. यही कारण है कि बाजार में कई किण्वित ड्रिंक्स और उत्पाद सुपर फूड मार्केट में मिल रहे हैं, जिनका सेवन रोजाना करना चाहिए. दही भी ऐसा ही किण्वित उत्पाद है. रोजाना भोजन के साथ 1 कटोरी दही का रोजाना सेवन करें. भारत में काफी पहले से पाचन तंत्र को सही रखने और पेट की हेल्थ को सही करने के लिए दही का सेवन करना सामान्य घरेलू उपचार रहा है.
डोसा और इडली (Dosa and Idli)
डोसा और इडली को आमतौर पर दक्षिण भारत में खाया जाता है, लेकिन इनका सेवन अब अधिकतर घरों में बढ़ गया है. इन्हें भी चावल और दाल के घोल को किण्वित करके बनाया जाता है. यह काफी फूड है, जो कि विभिन्न न्यूट्रिशन से भरपूर होता है. किण्वन वाली इडली खाने के लिए रेडी-टू-मिक्स पैकेट का इस्तेमाल न करें. चावल-उड़द की दाल को पीसकर उसके आटे को रात में किण्वित होने के लिए रखें और फिर डोसा या इडली बनाएं.
ढोकला (Dhokla)
ढोकला एक पारंपरिक किण्वित फूड है, जो कि गुजराती व्यंजन है. हालांकि अब यह पूरे भारत के साथ विदेशों में भी काफी फेमस है. इसे चने की दाल या बेसन से बनाया जाता है. इसे बनाने के पहले इसमें भी खमीर उठाया जाता है और उसके बाद इसे बनाते हैं. यह खाने में काफी हल्का और टेस्टी होता है.
कोम्बुचा या किण्वित चाय (Kombucha or fermented tea)
कोम्बुचा एक चाय है, जिसे हरी या काली चाय में वैक्टीरिया, यीस्ट और चीनी को मिलाकर बनाया जाता है. यह स्वाद में मीठी होती है, जो पाचन में सुधार करती है, ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है और आंत की सेहत को भी सुधारती है. इसे बनाने के बाद इसे 30 दिन तक खमीरीकृत होने के लिए रखा जाता है.
(Disclaimer: यह आर्टिकल विभिन्न रिसर्च एवं स्टडी के आधार पर है. किसी भी फूड का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)