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Omicron को ये लोग भूलकर भी ना लें हल्के में, नए वैरिएंट से इन्हें सबसे ज्यादा बचकर रहने की जरूरत

नई दिल्ली स्थित सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टर धीरेन गुप्ता ने रविवार को बताया कि ओमिक्रॉन से संक्रमित रोगियों में डेल्टा के मुकाबले अपर रेस्पिरेटरी से जुड़े लक्षण ज्यादा देखे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों में इसका जोखिम ज्यादा है, जबकि 11-12 साल के बच्चों में इसके लक्षण ज्यादा हैं, लेकिन खतरा कम है.

Delta से मैच हो रहे Omicron के लक्षण, जानें किन लोगों को है ज्यादा खतरा (Photo: Getty Images) Delta से मैच हो रहे Omicron के लक्षण, जानें किन लोगों को है ज्यादा खतरा (Photo: Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:18 PM IST
  • ओमिक्रॉन में डेल्टा के मुकाबले अपर रेस्पिरेटरी के लक्षण ज्यादा
  • 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए खतरनाक

दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. नई दिल्ली स्थित सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टर धीरेन गुप्ता ने रविवार को बताया कि ओमिक्रॉन से संक्रमित रोगियों में डेल्टा के मुकाबले अपर रेस्पिरेटरी से जुड़े लक्षण ज्यादा देखे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों में इसका जोखिम ज्यादा है, जबकि 11-12 साल के बच्चों में इसके लक्षण ज्यादा हैं और खतरा कम है.

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अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुरनजीत चटर्जी ने बताया कि कुछ रोगियों में लूज़ मोशन और उल्टी जैसे अलग लक्षण भी देखे जा रहे हैं. कुछ मरीजों को खाने-पीने में परेशानी हो रही है तो कुछ स्वाद और गंध को पहचानने की शक्ति भी खो रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हमें ओमिक्रॉन को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि कुछ मरीज निश्चित रूप से बीमार पड़ेंगे.'

उन्होंने कहा कि हम पहले ही हॉस्पिटलाइजेशन के मामले देख रहे हैं और मुझे लगता है कि ओमिक्रॉन काफी संक्रामक है. अगर आप अनियंत्रित डायबिटीज या अस्थमा जैसी बीमारियों के शिकार हैं तो आप बीमार भी पड़ सकते हैं. कोरोना का नया वैरिएंट संक्रामक है और यह लोगों को संक्रमित कर रहा है. युवाओं को इससे कम खतरा हो सकता है, लेकिन कमजोर इम्यूनिटी या पहले से किसी बीमारी का शिकार लोगों को इसे बिल्कुल हल्के में नहीं लेना चाहिए.

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डॉ. चटर्जी ने बताया कि ओमिक्रॉन से संक्रमित कुछ मरीजों में डेल्टा जैसे लक्षण भी देखे गए हैं, जैसे कि लॉस ऑफ टेस्ट एंड स्मैल यानी स्वाद लेने और सूंघने की क्षमता खोना. कोविड पॉजिटिव मरीजों को देखकर पता नहीं लग रहा कि वो डेल्टा से संक्रमित है या फिर ओमिक्रॉन से. इनके लक्षण एक-दूसरे से मिल रहे हैं. मुझे लगता है कि अगले कुछ सप्ताह में सरकार भी इसका खुलासा कर देगी. 

मरीज में ओमिक्रॉन के लक्षण कितने दिन तक रहते हैं? इस सवाल के जवाब में डॉक्टर ने कहा, 'मैं कई लोगों का ऑनलाइन इलाज कर रहा हूं और मैंने देखा है कि लोग तीन से पांच दिन के भीतर ठीक हो रहे हैं. पहले तीन दिन मरीजों के गले में काफी दर्द रहता है. 102 या 103 बुखार होता है. इसके बाद उन्हें सिरदर्द और शरीर में दर्द की शिकायत भी होती है. अधिकांश मरीजों में ये लक्षण करीब तीन दिन तक रहते हैं. इसके बाद बिना एंटीबायोटिक लिए ही उनकी हालत में अपने आप सुधार आ रहा है.'

डॉक्टर ने कहा कि जब मरीज के शरीर में बुखार तीन दिन से ज्यादा रहता है तो ये चिंता की बात हो सकती है. वहीं, एक्सपर्ट लगातार ये दावा कर रहे हैं कि वैक्सीन ना लगवाने वालों में ओमिक्रॉन के लक्षण थोड़े गंभीर हो सकते हैं. जबकि वैक्सीनेट लोगों में इसका गंभीर संक्रमण नहीं दिखाई दे रहा है. इसलिए WHO लोगों से लगातार वैक्सीन लगवाने का आग्रह कर रहा है.

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