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Omicron से बचाने में कारगर साबित होगी ये दवा, एक्सपर्ट ने किया दावा

ओमिक्रॉन का वर्तमान इलाज लक्षण पर ही आधारित है, जिसमें पैरासिटामोल तथा एलर्जी से लड़ने वाली दवाइयां ही समान्यत: दी जाती हैं. लेकिन फाइजर द्वारा बनाई गई मौजूदा दवा, जिसे पैक्सलोविद (Paxlovid) ओमिक्रॉन से बचने का अच्छा उपाय हो सकता है.

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स्नेहा मोरदानी
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:33 PM IST
  • ओमिक्रॉन देश में तेजी से फैल रहा है
  • ओमिक्रॉन का इलाज लक्षणों के आधार पर हो रहा है
  • फाइजर द्वारा बनाई गई दवा ओमिक्रॉन से लड़ सकती है

कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron variant) नवंबर 2021 में साउथ अफ्रीका से होता हुआ दुनिया के 90 से अधिक देशों में फैल गया है. वहीं भारत में ओमिक्रॉन से संक्रमित हुए लोगों का आंकड़ा 2,307 के पार पहुंच गया है. दुनिया भर के साइंटिस्ट और हेल्थ एक्सपर्ट कोरोना के इस वैरिएंट को फैलने से रोकने और इससे होने वाली मौतों को कम करने के लिए दिन रात रिसर्च कर रहे हैं.

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इसी बीच एक्सपर्ट्स ने एक बड़ा दावा किया है. उनके मुताबिक, फाइजर द्वारा बनाई गई मौजूदा दवा, जिसे पैक्सलोविद (Paxlovid) कहा जाता है, ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रभावी हो सकती है. Paxlovid को US FDA द्वारा उच्च जोखिम वाले वयस्कों और उच्च जोखिम वाले बाल रोगियों दोनों में आपातकालीन उपयोग के लिए अधिकृत किया गया है. बच्चों की उम्र 12 साल या उससे अधिक और उनका वजन 40 किलो से अधिक होना चाहिए.  

ओमिक्रॉन के प्रभाव को कर सकती है कम

डॉ. स्वप्निल पारिख (द कोरोनावायरस बुक के लेखक) के मुताबिक, दुनिया भर में SARS-CoV-2 के लिए 3 एंटीवायरल ट्रीटमेंट (2 ओरल ड्रग) को अधिकृत किया गया है, जो कि कोविड 19 के विभिन्न वैरिएंट के साथ ओमिक्रॉन के प्रभाव को भी कम करने में मदद कर सकते है. इनका उपयोग उन संक्रमितों में किया जा सकता है, जिन्हें हल्के या मध्यम लक्षण हैं. 3 एंटीवायरल ट्रीटमेंट Molnupiravir, Paxlovid हैं और Sotrovimab मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थैरेपी है. इनमें से Paxlovid और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थैरेपी इंडिया में मौजूद नहीं है. 

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भारत में ऐसे आएगी Paxlovid

फाइजर द फार्मास्युटिकल जाइंट (Pfizer the pharmaceutical giant) का कहना है कि वे प्रोडक्शन बढ़ा रहे हैं और अमेरिकी सरकार को 10 मिलियन ट्रीटमेंट कोर्सेज उपलब्ध करा रहे हैं. जहां पर दिन में करीब 10 लाख से अधिक केस मिल रहे हैं.

फाइजर ने संयुक्त राष्ट्र समर्थित मेडिसिन पेटेंट पूल के साथ एक समझौते की घोषणा की है. जिसका अर्थ है कि फाइजर जेनेरिक मैन्युफैक्चरर्स (Generic manufactures) को सब-लाइसेंस देकर ओरल एंटी वायरल ट्रीटमेंट के उत्पादन और वितरण की अनुमति दे रहा है. फाइजर को उम्मीद है कि यह दवा 95 देशों तक पहुंच जाएगी और वैश्विक आबादी का 53% हिस्सा कवर करेगी.

इंडियन जायंट्स सन फार्मास्युटिकल्स (Sun Pharmaceuticals), ऑप्टिमस फार्मा (Optimus Pharma) और डॉ. रेड्डीज लैब्स (Dr Reddy’s Labs) ओरल गोली के निर्माण की संभावना तलाश रहे हैं. इसके लिए कंपनियों को एक समझौते पर हस्ताक्षर करना होगा और भारत में 3 ट्रायल करने होंगे, जिसके बाद ही उसे आगे बढ़ाना होगा. 

ओवरऑल कोविड पैशेंट पर 90 % तक असरदार 

मैक्स हेल्थकेयर के एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. अंबरीश मिथल (Dr Ambrish Mithal) के मुताबिक, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (Monoclonal antibody) कोविड से लड़ने के लिए काफी जरूरी हैं, लेकिन अभी उपलब्ध एंटीबॉडी ओमिक्रॉन के खिलाफ अधिक कारगर नहीं हैं. क्योंकि वायरस की संरचना में परिवर्तन हुआ है. 

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ओमिक्रॉन का वर्तमान इलाज लक्षण पर ही आधारित है, जिसमें पैरासिटामोल तथा एलर्जी से लड़ने वाली दवाइयां ही समान्यत: ली जाती हैं. फाइजर्स की Paxlovid ओवरऑल कोविड के पैशेंट को 90 % तक अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को कम करती है और यह ओमिक्रॉन पर भी प्रभावी हो सकती है.

गंभीर स्थिति में अस्पताल में एडमिट होने का सोचें

इस बीच सरकार ने दूसरी लहर की गलतियों को दोहराने के खिलाफ चेतावनी दी है. अस्पताल में भर्ती के लिए चिंता करने वालों के लिए कहा है कि अगर किसी को सांस लेने में कठिनाई होती है, अधिक थकान होती है, शरीर में दर्द होता है या अधिक बुखार आता है, तो ही हॉस्पिटल में एडमिट होने के बारे में सोचें. 

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