
अधिक वजन (ओवरवेट) वाले लोगों को कई तरह की फिजिकल और मेंटल प्रॉब्लम्स होती हैं. जैसे, दिल की बीमारियों का खतरा, दिल का दौरा, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, फैटी लिवर, डायबिटीज, जोड़ों और हड्डियों में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं, डिप्रेशन, एंग्जाइटी आदि. लेकिन क्या आप जानते हैं जिन पुरुषों का वजन अधिक होता है, उनके होने वाले बच्चे भी कम वजन वाले (Underweight) हो सकते हैं.
साओ पाओलो यूनिवर्सिटी के रिबेरियो प्रेटो मेडिकल स्कूल के रिसर्चर्स ने हाल ही में एक रिसर्च में पाया कि मोटापा पुरुषों के स्पर्म के स्ट्रक्चर और क्वालिटी और डीएनए को भी प्रभावित कर सकता है. 89 माता-पिता और उनके नवजात शिशुओं के वजन के बारे में जब जांच की गई तो यह बात सामने आई कि पुरुष की कमर का साइज और बीएमआई जितना अधिक होगी, उनके बच्चे के सिर की परिधि (Head circumference) उतनी ही छोटी होगी.
क्या पता चला रिसर्च में
रिसर्चर डॉ. मारियाना रिनाल्डी कार्वाल्हो ने कहा, 'भ्रूण की ग्रोथ और मां के स्वास्थ्य के बीच संबंध निकालने के बारे में काफी रिसर्च हुई हैं लेकिन हमारी रिसर्च में सामने आया है कि भ्रूण और पिता की हेल्थ भी प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद बच्चे की ग्रोथ में महत्वपूर्ण योगदान देती है.'
'हमारी रिसर्च ब्राजील की फैमिली से संबंधित पहली रिसर्च थी, जिसमें दिखाया गया कि पिता का बीएमआई जितना अधिक होगा, बच्चे का जन्म के समय वजन उतना ही कम होगा. जो नवजात बच्चे की हेल्थ और ग्रोथ में पिता के महत्व को बताती है. कम वजन के साथ पैदा हुए शिशुओं को आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज, कैंसर और हृदय रोग होने का खतरा अधिक होता है.'
खराब लाइफस्टाइल है कारण
रिसर्च से पता चलता है कि खराब डाइट, सुस्त लाइफस्टाइल या धूम्रपान के कारण पिता से बच्चे में जाने वाले जीन में परिवर्तन हो सकता है. अधिक वजन वाले पिताओं से जन्मे शिशुओं को गर्भ में ही ग्रोथ संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसके कारण उनकी सही ग्रोथ नहीं हो पाती और उनका वजन भी कम रहता है.
डॉ. कार्वाल्हो ने कहा, 'हम जानते हैं कि अधिक वजन पिता के शुक्राणुओं के स्ट्रक्चर और क्वालिटी को प्रभावित कर सकते हैं और बच्चों के डीएनए को भी प्रभावित कर सकते हैं. हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि जिस प्रकार मां के लिए न्यूट्रिशन संबंधी परामर्श जरूरी है, उसी तरह पिता की लाइफस्टाइल का भी प्रेग्नेंसी से पहले बदलना जरूरी है.'