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ओजेम्पिक 'जादुई गोली' नहीं लेकिन..., दुनिया की बड़ी फार्मा कंपनी के MD ने वेट लॉस वाली दवाई पर कही ये बात

India Today Conclave 2025: भारत समेत पूरी दुनिया में मोटापा एक माहमारी की तरह फैल रहा है. मोटापे से लड़ने के लिए डाइट और एक्सरसाइज के बीच एक दवाई Ozempic खूब पॉपुलर हो रही है. दावा है कि यह मोटापा कम करने का पेनलेस मेथड है लेकिन ये कितनी असरदार है और किसे इसका सेवन करना चाहिए, इसकी जानकारी इस दवा को बनाने वाली कंपनी के भारत में प्रबंध निदेशक विक्रांत श्रोत्रिय ने दी.

Novo Nordisk India के MD विक्रांत श्रोत्रिय Novo Nordisk India के MD विक्रांत श्रोत्रिय
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 9:33 PM IST

पिछले कुछ समय से पूरी दुनिया में मोटापे से लड़ने के लिए ओजेम्पिक दवाई के इस्तेमाल पर खूब बात हो रही है. दुनिया के सबसे अमीर बिजनसमैन एलन मस्क के ओजेम्पिक के यूज के दावे के बाद से इसे मोटापे के खिलाफ जीवनरक्षक की तरह समझा जाने लगा है. 'India Today Conclave 2025' में ओजेम्पिक और डायबिटीज की दवाओं की दिशा में काम कर रही दुनिया की बड़ी फार्मा कंपनी नोवो नॉर्डिस्क इंडिया के कॉर्पोरेट उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विक्रांत श्रोत्रिय ने ओजेम्पिक के फायदे और नुकसान पर खुलकर बात की.

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सेशन के दौरान जब विक्रांत श्रोत्रिय से इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और एक्जिक्यूटिव एडिटर इन चीफ कली पुरी ने पूछा कि ओजेम्पिक कैसे इस समस्या में मददगार है.  

ओजेम्पिक मैजिक पिल नहीं

इस पर विक्रांत कहते हैं, 'मुझे लगता है कि लाइफस्टाइल, डाइट और एक्सरसाइज जरूरी है. इसे मैं एटिट्यूड, बिहेवियर और च्वॉइसेस (ABC) बोलूंगा. ये कोई मैजिक पिल नहीं है कि मैं जाकर पार्टी करूं और फिर जाकर इंजेक्शन ले लूं. ये कुछ ऐसी है कि अगर डाइट और एक्सरसाइज से वजन कम नहीं हो रहा है तो ये रेस्कयू करती है यानी ये आपके लिए लाइफगार्ड की तरह काम करती है. लेकिन ये एक दवाई है.'

वह आगे कहते हैं, 'ये दवाई दिमाग को बताती है कि आप अब मत खाओ. ये सेंस ऑफ फुलनेस को बढ़ावा देती है. ये आपको वेट कम करने में मदद करती है. लेकिन इसका मिसयूज नहीं करना चाहिए.'

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इस सवाल पर कि ये दवाई इंसुलिन सेसिंटाइजर है और इससे मसल लूज होता है . अगर आपने इसे बंद कर दिया तो आप दोबारा मोटे हो जाएंगे?

इस पर उन्होंने कहा, 'अगर आप एरोबिक एक्सरसाइज करते हैं तो उसमें भी मसल लूज होती हैं. इसलिए आप डॉक्टर के निर्देश पर इसका सेवन करें क्योंकि इस दवाई के साथ पोषण जरूरी है. ऐसा नहीं हो सकता कि आप जाएं और इसे फार्मेसी से ले लें और फिर दवाई पर ब्लेम करें. पोषण जरूरी है इंजेक्शन के साथ.' 

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मोटापा कंट्रोल करना आसान नहीं

वह आगे कहते हैं, 'स्वास्थ्य और सुकून सभी को चाहिए. मोटापे से भारत समेत दुनिया भर में अलग-अलग तरह से जूझ रहे हैं. सीधा फॉर्मूला है कि ज्यादा खाएं तो ज्यादा एक्सरसाइज करें, कम एक्सरसाइज कर रहे हैं तो कम खाएं. लोगों को पता है कि क्या सही नहीं है.लेकिन फिर भी वो खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं. ये दिमाग का खेल है.'  

उन्होंने कहा, 'खाना सस्ता होता जा रहा है. ऐसा नहीं है कि इसके रेट्स नहीं बढ़ रहे लेकिन बाकी चीजों के मुकाबले सस्ता है. ज्यादा खाना खाने की आदत स्मोकिंग की तरह ही है जिसे छोड़ना मुश्किल है. लोगों की विल पावर से ज्यादा मजबूत है खाने की इच्छा.' 

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मोटापा कम करने के लिए सबसे जरूरी है विल पावर

हमारी लाइफस्टाइल ही हमारे खिलाफ काम कर रही है. आप क्या कहते हैं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "पूरी कायनात ही हमारे खिलाफ काम करती है. घर से एसी से निकले और गाड़ी में बैठ गए. फिर एसी वाले ऑफिस में पहुंच गए. ऑफिस में बढ़िया लंच टेबल पर तैयार मिलता है. मैं बेंगलुरु में रहता हूं जहां लोग हमेशा बैठे रहते हैं और कोडिंग करते हैं और उन्हें फैटी लिवर है. मोटापे से लड़ना इतना आसान नहीं है."

क्या इस दवाई के साथ बाकी कोई सप्लिमेंट्स भी लेने की जरूरत है?

इस पर उन्होंने कहा, सभी मरीज अलग होते हैं. मोटापा अकेले नहीं आता है. ये कई बीमारियों को रिप्रेसेंट करता है. जैसे बीपी, हार्ट डिसीस, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और इनफर्टिलिटी.  इसलिए इस दवाई के साथ प्रॉपर डॉक्टरी निगाह में न्यूट्रिशन और सप्लिमेंट्स जरूरी हैं. मोटापा 200 से ज्यादा बीमारियों की जड़ है जो सिर से लेकर पैर तक होती हैं. अगर आप वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं, अगर आपने 5 पर्सेंट भी कम कर लिया तो आपका ब्लड प्रेशर कम होता है. फैटी लिवर कम होता है. 10 से 15 पर्सेंट कम करने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी कम होता है. 

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