
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बा (हीराबेन) मोदी ने शुक्रवार तड़के सुबह 3:30 बजे अहमदाबाद के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली. मंगलवार शाम को सांस लेने में शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हीरा बा मोदी 100 साल की थीं. इसी साल 18 जून को ही उन्होंने 99 वां जन्मदिन मनाया था. उम्र के इस पड़ाव में भी हीरा बा पूरी तरह स्वस्थ रहती थीं.
पीएम मोदी की मां हीरा बा गांधीनगर में भले ही वो अपने छोटे बेटे पंकज मोदी के साथ रहती थीं. लेकिन अपने घर का सारा काम खुद ही करती थीं. आइए जानते हैं कि इस उम्र में भी उनकी सेहत का राज क्या था.
सादा भोजन और लापसी था पसंदीदा खाना
हीरा बा को घर का खाना ही पसंद था. वो ज्यादातर घर का खाना ही खाती थीं. उन्हें खिचड़ी, दाल, चावल जैसी चीजें ज्यादा पसंद थीं. मीठे में उन्हें लापसी खूब भाता था. जन्मदिन के मौके पर जब भी पीएम मोदी मां हीरा बा के आशीर्वाद के लिए जाते थे, तो उन्हें भी हीरा बा मिश्री और लापसी से ही मुंह मीठा कराती थीं. प्रधानमंत्री मोदी जब भी मां के साथ भोजन करते थे तो वो भी हमेशा सादा भोजन ही खाना पसंद करते थे.
कोरोना काल में वैक्सीन लेकर समाज को दिया उदाहरण
हीरा बा समाजिक संदेश देने में हमेशा आगे रहती थीं. कोरोना काल में जब लोग वैक्सीन लेने से कतरा रहे थे तब हीरा बा ने वैक्सीन की डोज लगवाकर समाज के सामने उदाहरण पेश किया था. उम्र के इस पड़ाव में भी एक साल पहले हुए गांधीनगर म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के चुनाव में वोट डालने भी गई थीं.
आम लोगों से काफी बेहतर रहता था स्वास्थ्य
अहमदाबाद के एक डायटिशियन के अनुसार, इस उम्र में भी हीरा बा की बीमारी को लेकर ज्यादा खबर नहीं आती थी. आम लोगों की तुलना में उनका स्वास्थ्य काफी बेहतर था. डायटिशियन का कहना है कि सादा खाना ही एक स्वस्थ जीवन की निशानी है और वे हमेशा सादा खाना ही पसंद करती थी, उसमें भी घर का बना हुआ खाना.
हीरा बा ने अपनी पूरी जिंदगी बेहद सादगी से बिताई है. स्वस्थ्य जीवन कैसे जीना चाहिए, इसके लिए हीरा बा एकदम सटीक उदाहरण हैं.
पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि ट्वीट करते हुए लिखा है, "मैं जब उनसे 100 वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से."
पीएम मोदी ने लिखा, "मां में मैंने हमेशा त्रिमूर्ति की अनूभूति की है, जिसमे एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है."