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What is Surrogacy: क्या होती है सरोगेसी जिससे Priyanka Chopra बनीं मां, भारत में क्या हैं इसके नियम?

सरोगेसी तकनीक (What is Surrogacy) के सहारे मां बननी वाली प्रियंका (Priyanka chopra baby) अकेली नहीं हैं. इससे पहले बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रीति जिंटा, शिल्पा शेट्टी, शाहरुख खान, आमिर खान, करण जौहर, एकता कपूर और तुषार कपूर जैसे कई सितारे सरोगेसी की मदद ले चुके हैं. आइए आपको बताते हैं कि आखिर सरोगेसी क्या होती है और भारत में इसके क्या नियम हैं.

बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा का नाम सरोगेसी के जरिए मां बनने वाली हस्तियों की लिस्ट में शामिल हो गया है. (Photo: Priyanka chopra officials) बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा का नाम सरोगेसी के जरिए मां बनने वाली हस्तियों की लिस्ट में शामिल हो गया है. (Photo: Priyanka chopra officials)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 6:30 PM IST
  • प्रियंका-निक ने 2018 में रचाई थी शादी
  • प्रियंका के अलावा बॉलीवुड की कई हस्तियों ने चुना सरोगेसी का रास्ता

बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा मां बन गई हैं. प्रियंका ने अपने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में खुद इस बात की पुष्टि की है. प्रियंका और निक जोनस को माता-पिता बनने का यह सौभाग्य सरोगेसी के जरिए मिला है. दोनों ने साल 2018 में ही शादी रचाई थी. सरोगेसी तकनीक के सहारे मां बननी वाली प्रियंका अकेली नहीं हैं. इससे पहले बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रीति जिंटा, शिल्पा शेट्टी, शाहरुख खान, आमिर खान, करण जौहर, एकता कपूर और तुषार कपूर जैसे कई सितारे सरोगेसी की मदद से पैरेंट्स बन चुके हैं. आइए आपको बताते हैं कि आखिर सरोगेसी क्या होती है और भारत में इसके क्या नियम हैं.

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सरोगेसी क्या है?
बच्चा पैदा करने के लिए जब कोई कपल किसी दूसरी महिला की कोख किराए पर लेता है तो इस प्रक्रिया को सरोगेसी कहा जाता है. यानी सरोगेसी में कोई महिला अपने या फिर डोनर के एग्स के जरिए किसी दूसरे कपल के लिए प्रेग्नेंट होती है. सरोगेसी से बच्चा पैदा करने के पीछे कई वजहें होती हैं. जैसे कि कपल को कोई मेडिकल से जुड़ी समस्या, गर्भधारण से महिला की जान को खतरा या कोई दिक्कत होने की संभावना है या फिर कोई महिला खुद बच्चा पैदा नहीं करना चाहती है. अपनी कोख में दूसरे का बच्चा पालने वाली महिला को सरोगेट मदर कहा जाता है.

सरोगेसी के लिए एक बच्चे की चाह रखने वाले कपल और सरोगेट मदर के बीच एक एग्रीमेंट किया जाता है. इसके तहत, प्रेग्नेंसी से पैदा होने वाले बच्चे के कानूनन माता-पिता सरोगेसी कराने वाले कपल ही होते हैं. सरोगेट मां को प्रेग्नेंसी के दौरान अपना ध्यान रखने और मेडिकल जरूरतों के लिए पैसे दिए जाते हैं ताकि वो गर्भावस्था में अपना ख्याल रख सके. 

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सरोगेसी के दो प्रकार
सरोगेसी दो तरह की होती है. एक ट्रेडिशनल सरोगेसी जिसमें होने वाले पिता या डोनर का स्पर्म सरोगेट मदर के एग्स से मैच कराया जाता है. इस सरोगेसी में सरोगेट मदर ही बॉयोलॉजिकल मदर (जैविक मां) होती है. और दूसरी जेस्टेशनल सरोगेसी जिसमें सरोगेट मदर का बच्चे से संबंध जेनेटिकली नहीं होता है. यानी प्रेग्नेंसी में सरोगेट मदर के एग का इस्तेमाल नहीं होता है. इसमें सरोगेट मदर बच्चे की बायोलॉजिकल मां नहीं होती है. वो सिर्फ बच्चे को जन्म देती है. इसमें होने वाले पिता के स्पर्म और माता के एग्स का मेल या डोनर के स्पर्म और एग्स का मेल टेस्ट ट्यूब कराने के बाद इसे सरोगेट मदर के यूट्रस में प्रत्यारोपित किया जाता है.

भारत में सरोगेसी के नियम
भारत में सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकने के लिए तमाम नियम तय किए गए हैं. ज्यादातर गरीब महिलाएं आर्थिक दिक्कतों के चलते सरोगेट मदर बनती थीं. सरकार की तरफ से इस तरह की कॉमर्शियल सरोगेसी पर अब लगाम दी गई है. 2019 में ही कॉमर्शियल सरोगेसी पर प्रतिबंध लगाया गया था. जिसके बाद सिर्फ मदद करने के लिए ही सरोगेसी का विकल्प खुला रह गया है. कॉमर्शियल सरोगेसी पर रोक लगाने के साथ ही नए बिल में अल्ट्रस्टिक सरोगेसी को लेकर भी नियम-कायदों को सख्त कर दिया गया था. 

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इसके तहत विदेशियों, सिंगल पैरेंट, तलाकशुदा जोड़ों, लिव-इन पार्टनर्स और एलजीबीटी समुदाय से जुड़े लोगों के लिए सरोगेसी के रास्ते बंद कर दिए गए हैं. सरोगेसी के लिए सरोगेट मदर के पास मेडिकल रूप से फिट होने का सर्टिफिकेट होना चाहिए, तभी वह सरोगेट मां बन सकती है. वहीं सरोगेसी का सहारा लेने वाले कपल के पास इस बात का मेडिकल प्रमाण पत्र होना चाहिए कि वो इनफर्टाइल हैं. 

हालांकि, सरोगेसी रेगुलेशन बिल 2020 में कई तरह के सुधार किए गए. इसमें किसी भी 'इच्छुक' महिला को सरोगेट बनने की अनुमति दी गई थी. 

कोरोना काल में बढ़े सरोगेसी के मामले
कोरोना की महामारी के बाद बीते दो साल से आई मंदी और बेरोजगारी की वजह से भी सरोगेट मदर की संख्या बढ़ी है. दूसरों के घरों में झाड़ू-पोछा, बर्तन या छोटे-मोटे काम करने वाली महिलाओं या फिर फैक्ट्री में मजदूरी करने वाली महिलाओं ने कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के लिए सरोगेसी को अपनाया है. परिवार का भविष्य सुरक्षित करने, बच्चों की सही देखभाल और पढ़ाई या फिर किसी के इलाज के खर्चे उठाने के लिए छोटे वर्ग की महिलाओं को सरोगेसी से पैसे कमाने का एक आसान रास्ता दिखता है.

 

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