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Intermittent Fasting: रमजान के दौरान इंटरमिटेंट फास्टिंग के हैं ये फायदे, इन फूड को करें शामिल

रमजान 2022 (Ramadan 2022 Date) 2 अप्रैल 2022 शनिवार से शुरू हो रहे हैं. अगर शनिवार को चांद दिख जाता है, तो रविवार यानी 3 अप्रैल को पहला रोजा होगा. रमजान के रोजा के दौरान इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting Benefits) के क्या फायदे होते हैं. इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.

(Image credit: pixabay and gettyimages) (Image credit: pixabay and gettyimages)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 4:45 PM IST
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई फायदे होते हैं
  • रमजान के दौरान इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई फायदे हो सकते हैं

Ramadan 2022: रमजान 2 अप्रैल 2022 शनिवार से शुरू हो रहे हैं. अगर शनिवार को चांद दिख जाता है, तो रविवार यानी 3 अप्रैल को पहला रोजा होगा. इस पूरे महीने में मुस्लिम लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं. मुस्लिमों को इस पूरे महीने अपने विचारों में शुद्धता रखना और अपनी बातों से किसी को नुकसान न पहुंचाना जरूरी होता है. इस पूरे महीने शरीर की शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है. इस पूरे महीने मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी नहीं खाते हैं और न ही कुछ पीते हैं. 

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शाम को इफ्तार की नमाज के बाद वे अपना रोजा खोलते हैं. रमजान के दौरान इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के अपने फायदे हैं, हालांकि किसी भी स्वास्थ्य समस्या से बचने के लिए इसे स्वस्थ तरीके से करना चाहिए, जिससे अधिक फायदे मिल सकें. इंटरमिटेंट फास्टिंग में भी एक लंबे समय तक कुछ नहीं खाया जाता. जैसे अधिकतर लोग रात 8 से सुबह 12 बजे तक कुछ नहीं खाते और फिर निश्चित समय यानी 12 से रात 8 के बीच हेल्दी फूड का सेवन करते हैं, इसे इंटरमिटेंट फास्टिंग कहा जाता है. इसके क्या फायदे होते हैं, यह भी जान लीजिए.

इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे (Benefits of intermittent fasting)

एक्सपर्ट बताते हैं कि रमजान के महीने में रोजा के दौरान इंटरमिटेंट फास्टिंग से न केवल आपका फैट कम होता है, बल्कि शरीर भी उन हानिकारक विषाक्त पदार्थों से मुक्त हो जाता है, जो शरीर में फैट जमा करते हैं. दरअसल, इस दौरान 1 महीने के लंबे में आपकी बॉडी नेचुरल रूप से डिटॉक्सीफाई हो जाती है, जिससे आपको रमजान के बाद भी एक स्वस्थ जीवन शैली जारी रखने का मौका मिलता है.

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हेल्थ पर हुई कुछ स्टडीज के मुताबिक, रमजान का उपवास रखने से लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी), सफेद रक्त कोशिकाओं (डब्ल्यूबीसी), प्लेटलेट (पीएलटी) की संख्या, एच डी एल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाता है और रक्त कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है. 

जब भी कोई लंबी समय के लिए नियमित रूप से फास्टिंग करता है, तो इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और फैट बर्न भी होता है. इंटरमिटेंट फास्टिंग हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के साथ ही LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए जाना जाता है. 

रमजान के उपवास के दौरान, भोजन और पानी के बिना 12-14 घंटे से अधिक समय तक कुछ नहीं खाते, जो एक तरह की इंटरमिटेंट फास्टिंग ही है. रमजान के दौरान दिन में खाना ना खाने से उच्च कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मोटापा जैसी पुरानी बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है.

फास्टिंग में इन फूड्स को करें शामिल

इंटरमिटेंट फास्टिंग का फायदा उठाने के लिए सहरी और इफ्तार के समय हेल्दी फूड ऑफशंस को चुनें. इस दौरान ऐसे फूड्स का सेवन करना चाहिए, जो लंबे समय तक पेट को भरा रखें.

अपने खाने में फाइबर युक्त खाद्य फूड्स को शामिल करें. सेब, नाशपाती, बीन्स, साबुत अनाज, पॉपकॉर्न से आपको पर्याप्त मात्रा में फाइबर की कमी पूरी हो जाएगी. दाल और दही का सेवन जरूर करें. दही पाचन को ठीक रखने में मदद करती है और इससे पर्याप्त मात्रा में कैल्सियम भी मिलता है. साथ ही हर प्रकार के दालों का सेवन हमें दिनभर के लिए पर्याप्त प्रोटीन की आपूर्ति करता है. 

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कच्चा पनीर या दूध का सेवन आपको दिनभर ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करेगा. इन खाद्यान्नों में मौजूद प्रोटीन पेट को देर तक भरा रखता है. सहरी के खाने के बाद एक गिलास दूध का सेवन करें या पनीर के चार-पांच टुकड़े खा लें. सहरी व इफ्तार दोनों ही वक्त सूखा खजूर खाने का रिवाज रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये सूखा मेवा पेट को देर तक भरा रखता है और भूख भी महसूस नहीं होती. खजूर के अलावा आप काजू, बादाम किशमिश आदि का सेवन भी कर सकते हैं. 

इस दौरान ज्यादा तला भूना, मीठी या नमकीन चीजों से परहेज करें. इस बात का ख्याल रखें कि खाना सीमित मात्रा में ही खाएं नहीं तो एक बार में ज्यादा खाने से पेट में अपच की समस्या हो सकती है.

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