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Smartwatch & Health: स्मार्टवॉच पर पूरी तरह विश्वास करना जानलेवा! डॉक्टर्स ने बताए नुकसान

Smartwatches can be helpful: डिजिटल स्मॉर्टवॉच से सेहत की अलग-अलग तरीके से मॉनिटरिंग की जा सकती हैं. कई लोग स्मॉर्टवॉच के डेटा को पूरी तरह सच मान लेते हैं. लेकिन कई बार ऐसा करना जानलेवा साबित हो सकता है. स्मॉर्टवॉच के यूज को लेकर डॉक्टर्स का क्या कहना है? इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.

सांकेतिक फोटो (Image Credit: getty images) सांकेतिक फोटो (Image Credit: getty images)
मृदुल राजपूत
  • नई दिल्ली,
  • 14 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 7:19 AM IST

Smartwatches & Health: आज के डिजिटल समय में रोजाना नए-नए प्रोडक्ट लॉन्च हो रहे हैं जो लाइफ को काफी आसान बना रहे हैं. भारत में पिछले कुछ सालों में स्मार्टवॉच का चलन भी काफी अधिक बढ़ गया है. काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, जून तिमाही में पहली बार भारत चीन को पछाड़कर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टवॉच बाजार बना था. रिसर्च फर्म काउंटरपॉइंट के आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक स्मार्टवॉच बाजार में भारत की हिस्सेदारी जुलाई-सितंबर 2022 की तिमाही में बढ़कर 30 प्रतिशत हो गई थी जो उत्तरी अमेरिका के 25 प्रतिशत और चीन के 16 प्रतिशत से अधिक है. 

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स्मार्टवॉच एक डिजिटल घड़ी है जो आपकी एक्टिविटी और हेल्थ को ट्रैक करती है और आप उस डेटा का विश्लेषण कर सकते हैं. आज के समय में लोग स्मार्ट वॉच का प्रयोग फिटनेस गोल्स तक पहुंचने, बर्न की हुई कैलोरी देखने, पैदल स्टेप्स काउंट करने, ब्लड प्रेशर चेक करने, नींद की एक्टिविटी नापने, हार्ट रेट पता लगाने आदि के लिए कर रहे हैं. 

अधिकतर स्मार्टवॉच में सेहत से जुड़े कोई ना कोई फीचर्स जरूर होते हैं जिनसे प्राप्त डेटा का लोग आंख बंद करके विश्वास कर लेते हैं कि वह एकदम सटीक जानकारी है. ऐसा करना कई बार सेहत के लिए हानिकारक भी हो सकता है. स्मार्टवॉच के उपयोग और उसके डेटा पर विश्वास करना कितना सही है? क्या स्मार्टवॉच को हम मेडिकल इंस्टुमेंट की तरह उपयोग कर सकते हैं? इस बारे में हमने डॉक्टर से बात की और जाना कि स्मार्टवॉच से मिले हेल्थ डेटा पर विश्वास करना कितना सही है.

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सौ प्रतिशत विश्वास करना गलत: डॉ. हरेश मेहता 

एसएल रहेजा अस्पताल माहिम-फोर्टिस के कंसल्टेंट-इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हरेश मेहता (Dr Haresh G. Mehta) ने Aajtak.in से बात करते हुए बताया, "स्मार्टवॉच को एक छोटा कंप्यूटर कह सकते हैं जिसमें कई सारे फंक्शन होते हैं. आज कई लोग स्मार्टवॉच का यूज कर रहे हैं और उसे प्राइमरी मेडिकल इक्युपमेंट की तरह यूज में ला रहे हैं. उससे प्राप्त डेटा के मुताबिक, स्वयं अपनी हेल्थ का अंदाजा लगा रहे हैं. स्मार्टवॉच से हार्ट रेट और ईसीजी रिदम का पता चल सकता है लेकिन स्मार्टवॉच सौ प्रतिशत हार्ट अटैक को डिटेक्ट कर लेगा, इस बारे में दावा नहीं किया जा सकता. स्मार्टवॉच सिर्फ आपकी अनियमित हार्ट रिदम को डिटेक्ट कर सकती है."

डॉ. हरेश आगे बताते हैं, "अगर आपकी स्मार्ट वॉच अच्छी कंपनी की है और इंडियन रेग्यूलेट्री अथॉरिटी सेंट्रल ड्रग स्टेंडर्ट कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) से अप्रूव है तो वह ईसीजी की 12 लीड में से एक लीड सही बता सकती है लेकिन उससे भी आप हार्ट अटैक का पता नहीं लगा पाएंगे. यह वेंट्रीकुलर टैकीकार्डिया यानी ह्रदय की गति तो बता सकती है लेकिन उससे अधिक कुछ नहीं बता सकती." 

डॉ. हरेश कहते हैं, "कोरोना के समय पर कई लोगों ने स्मार्टवॉच को ब्लड ऑक्सीजन नापने के लिए भी यूज किया. कई मामलों में मैंने देखा है कि स्मार्टवॉच ब्लड ऑक्सीजन मशीन की अपेक्षा गलत रिजल्ट देती हैं. स्मार्टवॉच फॉल डिटेक्शन सिक्योरिटी के लिए यूज किया जा सकता है. इसमें यह होता है कि अगर आप गिरते हैं या फिर आपका एक्सीडेंट होता है तो वह आपके इमरजेंसी कॉन्टेक्ट्स को अलर्ट के साथ नोटिफिकेशन भेज देगा. लेकिन हर वॉच में यह सुविधा भी हो यह भी जरूरी नहीं." 

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डॉ. हरेश आगे बताते हैं, "अगर आपको स्मार्टवॉच का यूज करना ही है तो किसी डॉक्टर के सुपरविजन में रहकर करें. हो सकता है कि आपकी स्मार्टवॉच के डेटा से आपको डॉक्टर को कुछ मदद मिल सके. अगर आप बिना डॉक्टर के उस डेटा को सही मानते रहेंगे तो वह आपके लिए टेशन पैदा करेगा क्योंकि हो सकता है आपकी हेल्थ सही हो लेकिन आपकी स्मार्टवॉच आपकी सेहत का गलत डेटा दे. मैं यह भी कहूंगा कि जो लोग स्मार्टवॉच के डेटा को पूरी तरह सच मान रहे हैं, वह अपनी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. स्मार्टवॉच पहनें लेकिन उसे प्राइमरी मेडिकल इक्यूपमेंट की तरह ना देखें. अगर आपको कोई भी अनकंफर्टेबल फील होता है तो तुरंत अपने हॉस्पिटल जाकर डॉक्टर से मिलें. अगर हार्ट रेट अचानक बढ़ गई है तो एक जगह बैठ जाएं और लंबी सांस लें. इसके बाद तुरंत मेडिकल सहायता लें."

अप्रूव्ड वॉच पहनना सही: डॉ. चंद्रशेखर

शालीमार बाग स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के एसोसिएट डायरेक्टर, कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी-पेसमेकर और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. चंद्रशेखर (Dr. Chandrashekhar) ने कहा, "स्मार्टवॉच संभावित रूप से उपयोगकर्ताओं को उनकी हृदय गति, फिजिकल एक्टिविटी और हार्ट हेल्थ से संबंधित अन्य स्वास्थ्य मेट्रिक्स को ट्रैक करने में मदद करके हार्ट डिसीज की रोकथाम में भूमिका निभा सकती हैं. जैसे, हृदय गति की निगरानी: स्मार्टवॉच लगातार हृदय गति की निगरानी कर सकती हैं जो हार्ट हेल्थ का एक महत्वपूर्ण संकेतक है. यदि एक स्मार्टवॉच एक अनियमित हृदय रिदम का पता लगाती है तो यह पहनने वाले को चिकित्सकीय ध्यान देने के लिए सचेत कर सकती है. रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी हार्ट डिसीज के कम जोखिम से जुड़ी है. स्मार्टवॉच उपयोगकर्ताओं को अधिक फिजिकल एक्टिव रहने से तय की गई दूरी और बर्न की गई कैलोरी को ट्रैक कर सकती हैं. स्मार्टवॉच उपयोगकर्ता का डेटा कलेक्ट करती हैं. अगर किसी की स्मार्च वॉच डेटा कलेक्ट करती है तो उस आधार पर डॉक्टर को इलाज में मदद मिल सकती है.”

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