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स्टेज पर डांस करते करते युवक की मौत, अचानक Heart Attack आने पर करेंगे ये काम तो बच सकती है जान

पिछले कुछ सालों में दिल के रोगों और हार्ट अटैक के केस तेजी से बढ़े हैं. आमतौर पर 40 से अधिक उम्र के ऐसे लोग जिन्हें हार्ट, डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां हैं, उनमें हार्ट डिजीज ज्यादा देखी जाती है लेकिन अब युवाओं को भी दिल की बीमारियां हो रही हैं और इससे बेहद कम उम्र में लोगों की मौत भी हो रही है.

दिल के रोगों के लक्षण पहचानें दिल के रोगों के लक्षण पहचानें
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:43 AM IST

जम्मू-कश्मीर में एक कलाकार की स्टेज परफॉर्मेंस के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई. ये हादसा बिश्नाह इलाके में जागरण के दौरान हुआ. कार्यक्रम के दौरान स्टेज पर शिव और पार्वती के नाटक का मंचन चल रहा था और पार्वती की वेशभूषा में एक 20 साल का युवक डांस कर रहा था. भक्तिमय माहौल था और लोग तालियां पीट रहे थे. लेकिन अचानक डांस करते-करते वो युवक स्टेज पर गिर पड़ा और बेहोश हो गया. लोगों को लगा कि ये उसकी परफॉर्मेंस का ही हिस्सा है. काफी देर तक जब वो नहीं उठा तो शिव का रोल कर रहा व्यक्ति उसके पास गया और उसे उठाने की कोशिश करने लगा. लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. लोग युवक को अस्पताल लेकर गए लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया.

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बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में गणेश चतुर्थी के दौरान भी एक कलाकार की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. पिछले कुछ समय में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां अचानक व्यक्ति को हार्ट अटैक आया और उसकी कुछ ही पल में मौत हो गई. हैरानी की बात ये है कि ऐसी ज्यादातर घटनाएं 20 से 30 साल की उम्र के युवाओं के बीच देखी गईं.

क्यों बढ़ रहे हार्ट के मामले

दिल हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में एक है. इसका काम पूरे शरीर में ऑक्सीजन और खून की सप्लाई करना है. ये एक तरह से बाकी अंगों को जिंदा रखने का काम करता है. पिछले कुछ सालों में दिल के रोगों और हार्ट अटैक के केस तेजी से बढ़े हैं. आमतौर पर 40 से अधिक उम्र के ऐसे लोग जिन्हें हार्ट, डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां हैं उनमें हार्ट डिजीज ज्यादा देखी जाती है लेकिन अब युवाओं को भी दिल की बीमारियां हो रही हैं और इससे बेहद कम उम्र में लोगों की मौत भी हो रही है.

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लोगों में दिल की बीमारियों लेकर जागरूकता की कमी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में 50 फीसदी हार्ट अटैक के मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं. कई बार लोग दिल की बीमारियों के लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं. छाती में दर्द को गैस की वजह से हो रहा दर्द समझते हैं जिसकी वजह से स्थिति खराब हो जाती है और अचानक हार्ट अटैक आ जाता है. कोरोना के बाद से हार्ट अटैक और उससे होने वाली मौतों के आंकड़ों में भारी इजाफा हुआ है. जाने-माने सर्जन और मेदांता के चेयरमैन डॉ नरेश त्रेहन ने आजतक को बताया कि कोरोना होने के बाद कई लोगों में खून के पतला होने की दिक्कत देखी गई है. दिल की आर्टीरीज में ब्लड क्लॉट बनने से भी हार्ट फंक्शन प्रभावित होता है जो हार्ट अटैक का कारण है.

अगर परिवार में किसी को दिल की बीमारी है तो इससे कम उम्र के लोगों में भी दिल के रोग होने की संभावना ज्यादा है.
डायबिटिज के मरीजों में हार्ट अटैक की संभावना सबसे ज्यादा होती है.
इसके अलावा युवाओं में हाइपरटेंशन की बीमारी भी हार्ट अटैक की वजह बन रही है.
अधिक वजन और मोटापा दिल की बीमारियों को दावत देता है.
सिगरेट, शराब और नशे का सेवन दिल के रोगों की बड़ी वजह है.
खानपान और तनाव हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाने का बड़ा कारण है.

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हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानें
इस बीमारी से बचने के लिए हर किसी को इसके लक्षणों की पहचान करनी आनी चाहिए. कई बार लोग हार्ट के अटैक के लक्षण जैसे सीने में दर्द को गैस का दर्द समझ बैठते हैं. इसलिए जरूरी है कि आप इस बीमारी के लक्षण की अच्छे से पहचान कर लें.  
गैस होने की स्थिति में बाएं हाथ में दर्द, घबराहट और पसीना नहीं आता है. इसलिए अगर सीने में दर्द इस तरह का दर्द महसूस हो रहा है तो तुंरत अस्पताल जाना चाहिए.
हार्ट अटैक के दौरान होने वाला दर्द गैस या और किसी बीमारी के दर्द से काफी अलग होता है. इसमें सीने पर दबाव, जकड़न या उसे कोई निचोड़ रहा हो, ऐसा महसूस हो सकता है.
ये दर्द और बेचैनी कंधे, हाथ, पीठ, गर्दन और शरीर के ऊपरी हिस्सों तक फैल सकता है.
ठंडा पसीना
थकान
बेचैनी
घबराहट
उल्टी
चक्कर आना या बेहोशी

हार्ट अटैक के लक्षण दिखने पर क्या करें

डॉक्टर त्रेहन के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति को दिल की बीमारी है और अचानक उसे हार्ट अटैक के लक्षण दिखते हैं तो उसे तुरंत अपने परिवार के लोग, रिश्तेदार, पड़ोसी या एंबुलेंस को बुलाना चाहिए.
अचानक हार्ट अटैक के लक्षण दिखने पर घर में मौजूद एस्पिरिन (डिस्प्रिन) की गोली खा सकते हैं. अगर आप इसे पानी की जगह चबाकर खाते हैं तो ये जल्दी असर करती है.
अगर आपके सामने किसी व्यक्ति को ये लक्षण दिखाई देते हैं तो आप उसकी जान बचाने के लिए उस वक्त CPR का सहारा ले सकते हैं. CPR एक प्रक्रिया है जिसमें छाती को पर हाथ से बार-बार दबाव बनाया जाता है ताकि उसका ब्लड सर्कुलेशन चलता रहे. इसके अलावा हार्ट अटैक की स्थिति में व्यक्ति को बेसिक लाइफ सपोर्ट और एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट देने से भी लाभ मिल सकता है.

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