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ऑफिस में करें ये दो छोटे-छोटे काम, डायबिटीज और वेट दोनों रहेगा कंट्रोल में

एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वर्कप्लेस पर छोटे-छोटे ब्रेक और हेल्दी हैबिट्स मेंटेन कर मोटापा, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को कंट्रोल किया जा सकता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (PC: Getty) प्रतीकात्मक तस्वीर (PC: Getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 12:02 PM IST

आपने अक्सर लोगों को यह कहते सुना होगा कि लंबे समय तक एक ही जगह पर (डेस्क या सीट) बैठे रहने से शरीर में कई तरह की दिक्कतें होने लगती हैं, इसलिए अपनी सेहत को अच्छा रखने के लिए वर्किंग आवर्स के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक जरूरी होते हैं. वहीं, एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि काम के दौरान ब्रेक डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से निपटने में भी मदद कर सकते हैं.

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देश और विदेशी संस्थानों ने की रिसर्च

पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया, मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन, एमोरी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटीज ने संयुक्त रूप से एक सर्वे के बाद अपनी रिपोर्ट इंडिया-वर्क्स में बताया कि हेल्दी वर्कप्लेस हैबिट्स कर्मचारियों को इन बीमारियों से लड़ने में मदद करती हैं. उन्होंने अपनी रिसर्च में पाया कि छोटे-छोटे ब्रेक की आदतों और पोर्शन कंट्रोल ने कई कर्मचारियों को टाइप 2 डायबिटीज के स्तर को सामान्य करने, वजन कम करने और ब्लड प्रेशर को काबू करने में मदद की.

इस रिपोर्ट में इन सवालों के भी जवाब ढूंढ़ने की कोशिश की गई थी जिसमें कहा गया कि क्या ऑफिस कैंटीन में खाने के पोर्शन में बदलाव से ब्लड शुगर को मैनेज करने में मदद मिल सकती है? और क्या हेल्दी वर्किंग हैबिट्स हमें फाइव डे वर्किंग में भी अपनी हेल्थ को बेहतर करने में मदद कर सकती हैं.  

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रिसर्च में मिले चौंकाने वाले नतीजे

इंटिग्रेटिंग डायबिटीज प्रिवेंशन इन वर्कप्लेसेस (INDIA WORKS) में कहा गया कि 18 महीने की रिसर्च में पाया गया कि इन हैबिट्स की वजह से कम से कम 25 प्रतिशत प्रतिभागियों का एचबीए1सी (तीन महीने का औसत रक्त ग्लूकोज) सामान्य हो गया और उन्होंने इसे लगभग दो वर्षों तक मेंटेन भी किया. यह रिपोर्ट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जीवनशैली में सुधार का एक व्यावहारिक तरीका पेश करती है. यह बताता है कि कॉर्पोरेट वर्क कल्चर में अपनी डेली वर्किंग हैबिट्स में हल्के-फुल्के सुधार भी कर्मचारियों पर वीकेंड के दौरान हैवी एक्सरसाइज के बोझ को कम कर सकते हैं.

मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन के प्रेसिडेंट और चेयरमैन डॉक्टर वी मोहन ने एक अंग्रेजी वेबसाइट को बताया, ''यह कॉर्पोरेट जगत में सबसे लंबे समय तक किए गए सर्वे रिपोर्टों में एक है. यह वर्कप्लेस पर हेल्दी हैबिट्स और इनवायरमेंट को बढ़ावा देने के लिए एक शानदार उदाहरण है कि कैसे कर्मचारी कार्यस्थल पर अपनी लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव कर कई बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं.'' 

ये आदतें बीमारियों को कर सकती हैं कंट्रोल

वहीं, अगर हम तेज गति से ब्रिस्क वॉक जैसी शारीरिक गतिविधि को प्रति सप्ताह 150 मिनट तक बढ़ा देते हैं तो अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होने पर भी ओवरऑल वेट को सात प्रतिशत तक कम किया जा सकता है. यह तो जगजाहिर है कि आप शारीरिक रूप से जितना सक्रिय होंगे, उतने ही बेहतर तरीके से ऑफिस का काम कर पाएंगे.

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भारत में करीब 10 करोड़ लोग डायबिटीज, 13 करोड़ 60 लाख लोग प्री-डायबिटीज और 31.5 करोड़ लोग हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं. हालांकि केवल एक चौथाई ग्रामीणों और आधे से भी कम शहरी लोगों को पता है कि वो इन बीमारियों से जूझ रहे हैं.

 

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