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Type 2 diabetes: खाने से पहले ये एक चीज पीने से कम हो सकता है ब्लड शुगर लेवल

हाल ही में हुई एक स्टडी में एक ऐसा तरीका खोजा गया है जिससे डायबिटीज से जूझ रहे लोगों को ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में काफी मदद मिल सकती है. रिसर्चर्स ने देखा कि जिन लोगों खाने से पहले व्हे प्रोटीन का शॉट पिया, उनका खाना खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ा.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 जून 2022,
  • अपडेटेड 1:30 PM IST
  • ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए रिसर्चर्स ने खोजा नया तरीका
  • लाइफस्टाइल में बदलाव करने से मिल सकती है मदद

डायबिटीज की समस्या होने पर शरीर में ब्लड शुगर लेवल काफी तेजी से बढ़ने लगता है. डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए जरूरी है कि ब्लड शुगर लेवल को मेनटेन किया जाए. हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक स्टडी की, जिसमें पाया गया कि अगर टाइप 2 डायबिटीज के मरीज खाने से 10 मिनट पहले व्हे प्रोटीन का सेवन करते हैं तो खाना खाने के बाद बढ़ने वाले ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है. वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि खाने से पहले व्हे प्रोटीन का एक शॉट पीने से हाइपोग्लाइसीमिया के रिस्क को बढ़ाए बिना डेली ब्लड शुगर के लेवल को कम किया जा सकता है. 

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इस स्टडी में टाइप 2 डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे 18 लोगों को शामिल किया गया था. इन सभी लोगों को एक हफ्ते तक खाने से पहले व्हे प्रोटीन का शॉट दिया गया. स्टडी के दौरान सभी लोगों ने यह अनुभव किया कि खाने से पहले व्हे प्रोटीन पीने से ब्लड शुगर हेल्दी लेवल में बना रहता है.

ओहयो के क्लीवलैंड क्लिनिक की डॉ डायना इसाक ने मेडिकल न्यूज टुडे को बताया कि, अगर व्हे प्रोटीन के सेवन से लोगों का ब्लड शुगर लेवल सात दिनों तक हेल्दी लेवल में बना रहता है तो इससे डायबिटीज के दौरान होने वाली आंख, किडनी और नर्वस से जुड़ी दिक्कतों के रिस्क को कम करने में मदद मिल सकती है. हालांकि, इसके फायदों की पुष्टि करने के लिए कई और बड़े ट्रायल की जरूरत है. 

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क्या होता है टाइप 2 डायबिटीज

डायबिटीज दो प्रकार का होता है- टाइप 1 और टाइप 2.  टाइप 2 डायबिटीज तब होता है, जब पैनक्रियाज बहुत कम मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन करता है. इंसुलिन एक ऐसा हार्मोन होता है जो खून में ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल में रखता है. वहीं टाइप 1 डायबिटीज में पैनक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन बिल्कुल भी नहीं करता. 

टाइप 2 डायबिटीज में इंसुलिन का उत्पादन काफी कम मात्रा में होने के कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ा हुआ ही रहता है. जिससे व्यक्ति के नर्वस, आंख, दिल और किडनी के डैमेज होने का खतरा रहता है. डॉ इसाक ने कहा कि टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है. हालांकि इसके लिए आपको काफी मेहनत और महंगी दवाइयों की जरूरत पड़ती है. उन्होंने कहा कि ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल करने के लिए सिर्फ ओरल मेडिकेशन ही काफी नहीं है. 

वहीं, लॉस एंजलिस के Cedars-Sinai  में डायबिटीज क्वॉलिटी की मेडिकल डायरेक्टर,एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ रोमा वाई ज्ञानचंदानी ने मेडिकल न्यूज टुडे को बताया कि असल जिंदगी में, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स को अलग से खाना काफी मुश्किल होता है. उदाहरण के लिए जब आप बरिटो खाते हैं जिसमें कई चीजें मिली होती हैं तो उसे खाने से पहले अगर आप प्रोटीन ड्रिंक पीते हैं तो इससे खाने के बाद बढ़ने वाला ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है. 

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डॉ. रोमा ने बताया कि अगर आप पहले फैट और इसके बाद कार्बोहाइड्रेट का सेवन करते हैं तो इससे खाने के बाद बढ़ने वाला ब्लड शुगर लेवल मेनटेन रहेगा. 

स्टडी में क्या सुझाव दिया गया है- 

डॉ. ज्ञानचंदानी ने कहा कि स्टडी में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि डायबिटीज के मरीजों के ट्रीटमेंट प्लान में दवाइयां बढ़ाने की बजाय लाइफस्टाइल में बदलाव किया जाए. उन्होंने कहा कि आजकल के समय में दवाइयां काफी ज्यादा महंगी हो गई हैं, साथ ही इन दवाइयों के साइड इफेक्ट्स भी होते हैं. ऐसे में लाइफस्टाइल में बदलाव करके भी आपको दवाइयों जितने ही फायदे मिल सकते हैं. उदाहरण के लिए- हाइपरटेंशन को कम करने के लिए नमक का सेवन कम करना चाहिए.

 

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