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Heart Disease: मोटी कमर वालों को हार्ट अटैक का खतरा अधिक! घर पर इस फ्री टेस्ट से जानें जोखिम

Heart disease: बड़ी कमर वालों के शरीर में विसरल फैट की मात्रा काफी अधिक होती है जो कई बीमारियों का कारण बनता है. इसलिए यह जानना जरूरी है कि किन-किन लोगों का हार्ट अटैक का जोखिम अधिक होता है.

सांकेतिक फोटो सांकेतिक फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 1:05 PM IST

Heart disease: हार्ट संबंधित बीमारियां दुनियाभर में मृत्यु के सबसे बड़े कारणों में से एक हैं जो कुल मौतों में से एक चौथाई मौतों के लिए जिम्मेदार मानी जाती हैं. ऐसे कई कारक हैं जो हार्ट बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देते हैं. इनमें हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लडप्रेशर भी शामिल हैं. ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन (बीएचएफ) के अनुसार एक फ्री टेस्ट बताया गया है जिसे घर पर ही करके पता लगाया जा सकता है कि आपको हृदय रोग का खतरा है या नहीं.

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ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन का कहना है कि आपकी कमर की गोलाई को मापने से आप हार्ट की बीमारी के जोखिम का पता लगा सकते हैं. अधिक वजन या मोटापा होने से हृदय रोग और डायबिटीज का जोखिम बढ़ जाता है. आपका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) यह बताने का एक तरीका है कि आपका वजन अधिक है या आप मोटे हैं. आमतौर पर 25 या उससे अधिक के बीएमआई का मतलब है कि आपका वजन अधिक है और 30 या उससे अधिक के बीएमआई को मोटापे की श्रेणी में रखा जाता है.

विसरल फैट है जिम्मेदार

ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन का कहना है कि बीएमआई हार्ट की बीमारियों के जोखिम को कम करने का एकमात्र उपाय नहीं है. आपके शरीर के मध्य भाग के आसपास अधिक वजन होने या फैट जमने से हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. 

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आम तौर पर यदि किसी पुरुष की कमर 94 सेमी (37 इंच) से अधिक है या किसी महिला की कमर 80 सेमी (31½ इंच) से अधिक है तो उसे हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है. सामान्य तौर पर शरीर की मिडिल बॉडी में एक्स्ट्रा वजन होने का मतलब है कि आपके शरीर में काफी अधिक विसरल फैट है. बीएचएफ का कहना है कि विसरल फैट आपके लीवर और अग्न्याशय जैसे अंगों के आसपास जमा होता है और काफी जिद्दी होता है.

विसरल फैट विषाक्त पदार्थों को बनाता है जो आपके शरीर के काम करने के तरीके को प्रभावित करता है. यह आपके शरीर के लिए इंसुलिन हार्मोन को उपयोग करना मुश्किल बना देते हैं जो ब्लड शुगर (चीनी) के स्तर को नियंत्रित करता है. इससे टाइप 2 डायबिटीज हो सकता है. ब्लड स्ट्रीम में बहुत अधिक ग्लूकोज आपकी धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है.

टेप से कमर मापने के लिए इन बातों का खास ख्याल रखें

- टेप को नाभि से नीचे रखें.
- कमर मापते समय देखें कि टेप को अच्छी तरह से कस लिया गया है. 
- कमर मापते समय कपड़े ना पहनें.
- कमर मापते समय सांस रोककर ना रखें.
- एक बार कन्फर्म करने के लिए दूसरी बार भी कमर की माप लें.

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