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रोज रात को फिक्स टाइम पर टूट जाती है नींद? जानिए कब हो जाएं सतर्क

ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी रात के बीच में अचानक से नींद खुल जाती है. आमतौर पर यह कोई बड़ी समस्या नहीं और ना ही इसके लिए आपको परेशान होने की जरुरत है लेकिन जब एक बार आंख खुलने के बाद आपको दोबारा से नींद ना आ पाए तो यह चिंता का कारण हो सकता है. ऐसा होने पर व्यक्ति को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

आपकी भी रोज रात के बीच में खुलती है नींद? कारण है ये खतरनाक बीमारी (Photo/credit: Getty Images) आपकी भी रोज रात के बीच में खुलती है नींद? कारण है ये खतरनाक बीमारी (Photo/credit: Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 12:22 PM IST

सोते समय रात के बीच में नींद खुलना काफी आम है. कई बार प्यास लगने या यूरिन पास करने के लिए रात के बीच में आंख खुल जाती है. इसके लिए आपको ज्यादा परेशान होने की कोई जरूरत नहीं होती. लेकिन क्या कभी आपके साथ भी ऐसा होता है कि रोजाना एक ही समय पर आपकी आंख खुलती है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं. ऐसे बहुत से लोग है जिनकी रोजाना रात में एक फिक्स टाइम पर आंख खुलती है. रात में एक फिक्स टाइमिंग पर उठने का समय हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकता है. 

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रात में क्यों खुलती है नींद?

एलेक्सा केन नाम की एक साइकोलॉजिस्ट ने कहा कि आप रात में किस समय जागते हैं, वह जरूरी नहीं है. एलेक्सा ने कहा, एक प्वॉइंट पर, रात के बीच में जागने के आपके पास कई कारण हो सकते हैं जैसे, स्लीप एपनिया या कोई और वजह. हो सकता है कि आपकी बॉडी इसके अनुकूल हो गई हो. 

रात में नींद खुलने की समस्या को कुछ लोग इंसोमनिया की समस्या मान लेते हैं लेकिन अगर एक बार नींद खुलने के बाद आपको तुरंत ही दोबारा से नींद आ जाती है तो इसका मतलब है कि आपको इंसोमनिया नहीं है और ना ही आप बैड स्लीपर हैं.

रात में जागना कब दिक्कत बन जाती है?

रात में जागना जरूरी नहीं कि कोई समस्या हो. दिक्कत उस वक्त होती है जब एक बार जागने के बाद आपको नींद ना आए. डॉ.एलेक्सा केन ने कहा, अगर आपको रात में नींद खुलने के बाद चिंता, एंग्जाइटी, निराशा का सामना करना पड़ता है तो आपके अंदर सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है. 

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जब ऐसा होता है, आपका दिमाग स्लीप मोड से जागने वाले मोड में स्विच हो जाता है. ऐसे में आपका दिमाग काफी ज्यादा एक्टिव हो जाता है और हार्ट रेट बढ़ जाती है. इस स्थिति में दोबारा से नींद आना काफी मुश्किल होता है. इस स्ट्रेस के कारण इंसोमनिया जैसे स्लीप डिसऑर्डर की समस्या होने लगती है. 

यह स्लीप एपनिया का लक्षण भी हो सकता है, जिस कारण लोगों को नींद में सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है. इस बीमारी के चलते रात में अचानक से आपकी नींद खुल सकती है, साथ ही इसके चलते फेफड़ों और शरीर के बाकी हिस्सों में ऑक्सीजन का फ्लो काफी कम हो जाता है. जिससे आपकी हार्ट रिदम बाधित हो सकती है.

स्लीप एपनिया के अन्य लक्षण हैं- अचानक झटके से जागना, सांस  ना आना, खर्राटे, थकान और दिन के समय सुस्ती आना. 

डॉ. केन ने कहा, अगर आपको खुद में ये लक्षण नजर आते हैं तो जरूरी है कि आप किसी स्लीप एक्सपर्ट से संपर्क करें. स्लीप एपनिया का समय पर इलाज ना हो पाने के कारण आपको हार्ट डिजीज, डायबिटीज, मोटापा जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. 

रात के बीच में नींद खुलने पर आपको क्या करना चाहिए?

अगर आपकी भी रात के बीच में नींद खुलती है तो अच्छा रहेगा कि आप खुद को 15 से 20 मिनट का समय दें और फिर से सोने की कोशिश करें. अगर लाख कोशिशों के बावजूद आपको नींद नहीं आ रही है तो बेहतर रहेगा कि आप उठ जाएं.

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डॉ. एलेक्सा ने कहा, नींद ना आने के बावजूद भी जब आप लंबे समय तक बिस्तर पर लेटे रहते हैं तो इससे दिमाग में कई तरह की चीजें चलने लगती है. इस दौरान आप सोने की बजाय किसी चीज की चिंता या प्लानिंग करना शुरू कर देते हैं. ऐसे में जब आप बेड से उठ जाते हैं तो ये सभी चीजें आपके दिमाग में नहीं चलती.

 

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