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सुबह 3 से 5 के बीच उठने से शरीर को मिलते हैं ये 5 फायदे, जानने के बाद आप भी नहीं सोएंगे देर तक

मेडिकल साइंस में सुबह जल्दी उठने को सेहत और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है. भारतीय ग्रंथों में भी सुबह 3 से 5 बजे के बीच जागना बहुत ही शुभ, सौभाग्यशाली और परिवर्तनकारी समय माना गया है. यह spiritual time period (आध्यात्मिक अवधि) है जब ऊर्जा बहुत अधिक होती है और आप उस समय आध्यात्मिक गतिविधियां कर सकते हैं. आध्यात्मिक रूप से विकसित होने, मानसिक स्पष्टता प्राप्त करने और अपनी एकाग्रता को बढ़ाने के लिए यह सबसे अच्छा समय है.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:56 AM IST

भारत समेत पूरी दुनिया में बदलते समय के साथ लोगों की जीवनशैली, खानपान और सोने-जागने की आदतें भी बदली हैं. आजकल के दौर में कई लोग खासकर युवा सुबह देर से सोकर उठते हैं जबकि पुराने समय में इसे काफी खराब माना जाता था और हर कोई सुबह तड़के उठना ही पसंद करता था. खासकर भारतीय संस्कृति में सुबह 3 से 5 बजे के बीच की अवधि को ब्रह्म मुहूर्त के नाम से जाना जाता है. प्राचीन भारतीय ग्रंथों में सुबह 3 से 5 बजे के बीच जागना बहुत ही सौभाग्यशाली और परिवर्तनकारी समय माना गया है.

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यह spiritual time period (आध्यात्मिक अवधि) है जब ऊर्जा बहुत अधिक होती है और आप उस समय आध्यात्मिक गतिविधियां कर सकते हैं. आध्यात्मिक रूप से विकसित होने, मानसिक स्पष्टता प्राप्त करने और अपनी एकाग्रता क्षमता को बढ़ाने के लिए यह सबसे अच्छा समय है. इस समय अवधि के दौरान आध्यात्मिक गतिविधियां करने से आपके शरीर और मन के बीच बेहतर कनेक्शन बैठता है. इस खबर में हम आपको ब्रह्म मुहूर्त के दौरान जागने के फायदों के बारे में बात करने जा रहे हैं. 

1. ध्यान

आमतौर पर सुबह 3 से 5 बजे का समय बहुत ही शांतिपूर्ण होता है इसलिए 3 से 5 बजे के बीच का शांत, व्याकुलता-मुक्त वातावरण ध्यान और अन्य आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए आदर्श होता है. क्योंकि इस अवधि के दौरान मन स्वाभाविक रूप से शांत और खुला होता है इसलिए ध्यान अधिक प्रभावी होता है.

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2. एकाग्रता और ध्यान 
ब्रह्म मुहूर्त के दौरान आपका कॉन्शसनेस हाई लेवल पर होता है इसलिए आप इस समय जो भी काम करते हैं वो आपको जल्दी याद हो जाता है और देर तक याद भी रहता है. इसीलिए कहते हैं कि बच्चों को सुबह तड़के उठकर पढ़ाई करनी चाहिए क्योंकि इस समय दिमाग ज्यादा सक्रिय होता है.

3. ऊर्जा 
सुबह तीन से पांच बजे के बीच दुनिया शांत होती है जो इसे भगवान के साथ संवाद करने का आदर्श समय बनाता है. माना जाता है कि इस अवधि के दौरान आध्यात्मिक ऊर्जा सबसे मजबूत होती है जो ध्यान और प्रार्थना के लिए सबसे अनुकूल समय है. 

4. बेहतर स्पष्टता 
दिन के इन शुरुआती घंटों के दौरान आपका मन स्वाभाविक रूप से सहज होता है. इससे यह अधिक रचनात्मकता, अंतर्ज्ञान और मानसिक स्पष्टता के साथ काम करता है और आपको कोई भी फैसला लेने या काम करने में बेहतर तरीके से मदद कर सकता है.

5. भावनाओं पर बेहतर नियंत्रण

माइंडफुलनेस एक तरह की मेंटल एक्सरसाइज या मेडिटेशन है जो सुबह के समय करना ज्यादा बेहतर होता है क्योंकि इन घंटों के दौरान किसी भी व्यक्ति के लिए अपने दिमाग को शांत रखने और भावनाओं को मैनेज करने में आसानी रहती है.

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