
Weight Loss Story: गर्भ में बच्चा आते ही हर मां का उसके साथ लगाव बढ़ता जाता है. कई बार हेल्थ कंडीशन या अन्य कारणों से अजन्मा बच्चा दुनिया में नहीं आ पाता और फिर मां भीतर से टूट जाती है. आज हम आपको एक ऐसी ही महिला डॉक्टर की कहानी बता रहे हैं जिनका एक नहीं, दो नहीं बल्कि चार बार मिसकैरेज हुआ. इसके बाद जब उन्होंने पांचवीं बार कंसीव किया तो उन्हें लगातार 6 महीने तक ब्लीडिंग हुई. डॉक्टर्स ने चेतावनी दे दी थी कि इससे दोनों की जान को खतरा भी हो सकता है लेकिन इस मां ने काफी मुश्किलों बाद बच्चे को जन्म दिया.
परेशानियों भरे हालात से गुजरने के बाद भी उन्होंने अपने आपको मोटिवेट किया और अपने आपको फिट बनाया. Aajtak.in से बात करते हुए इन्होंने बताया कि किस तरह परेशानियों को झेलते हुए उन्होंने अपने आपको मोटिवेट किया और फिट बनाया. इस बारे में जानकर कोई भी सेल्फ मोटिवेट हो सकता है. तो आइए जानते हैं कैसी रही इनकी जर्नी.
कौन हैं यह महिला डॉक्टर और कैसे शुरू हुई फिटनेस जर्नी
महिला डॉक्टर का नाम डॉ. सुषमा पचौरी (Dr.Sushma Pachouri) है जो असिस्टेंट प्रोफेसर थीं. वह रायपुर की रहने वाली हैं. 15-16 साल रायपुर मेडिकल कॉलेज में प्रैक्टिस करने के बाद उन्होंने अब जॉब छोड़ दी है और फुलटाइम फिटनेस कोच बन गई हैं.
Aajtak.in से अपनी जर्नी शेयर करते हुए डॉ. सुषमा ने बताया, "2007 से पहले मुझे 4 मिसकैरेज हुए. हर बार तीसरे या चौथे महीने में जाकर मिसकैरेज हो जाता था. उस समय मेरा वजन 53 किलो था और पीसीओएस के कारण बॉडी में हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण मिसकैरेज हो जाता था. इसके बाद जब 2006 में जब वापस प्रेग्नेंट हुई तो मुझे लगातार ब्लीडिंग हो रही थी. जब डॉक्टर के पास गई तो उन्होंने बोला कि अगर इसी तरह ब्लीडिंग होती रही तो 15 दिन बाद भ्रूण को टर्मिनेट (अबॉर्शन) करना पड़ेगा. लेकिन मैं मन ही मन सोच चुकी थी अगर 9 महीने के दौरान अगर बच्चे की हार्ट बीट बंद हो गई तो ही मैं अबॉर्शन कराऊंगी लेकिन अगर नहीं हुई तो मैं बच्चे को जन्म दूंगी भले ही ब्लीडिंग होती रहे."
डॉ. सुषमा ने आगे कहा, "चौथे महीने से नौवें महीने तक मुझे लगातार हैवी ब्लीडिंग होती रही, इस कारण मैं पूरे समय बेड पर ही रहती थी. इस प्रकार की ब्लीडिंग को मेडिकल भाषा में रेट्रो प्लेसेंट्ल ब्लीडिंग (Retroplacental bleedng) कहते हैं. इस कारण धीरे-धीरे मेरा वजन बढ़ता गया और मैं 93 किलो की हो गई. मेरे अचानक से वजन बढ़ने का कारण था कि मुझे लगातार हार्मोंस के इंजेक्शन लगते थे."
डॉ. सुषमा ने आगे बोला, “जब मुझे नागपुर लेकर गए तो वहां भी बताया गया कि सातवें महीने तक ब्लीडिंग हो रही है तो हो सकता है बच्चा पैदा होने के कुछ दिन बाद ही जीवित ना रहे. अब ऐसे में बच्चे को पैदा होने के बाद खोना काफी मुश्किल हो सकता है इसलिए बेहतर होगा आप अभी ही इसे टर्मिनेट कर दें. लेकिन मैं फिर भी अपने फैसले पर अड़ी रही और आखिरकार 18 मई 2007 में मेरे बेटे का जन्म हुआ और वह पूरी तरह स्वस्थ है. इसके बाद जब मेरा बच्चा बड़ा होने लगा तो मेरे एक बड़े भाई ने मुझसे बोला 'तू मुझसे छोटी है लेकिन मुझसे बड़ी दिख रही है.' बस यही मेरी लाइफ का टर्निंग प्वाइंट रहा."
डॉ. सुषमा कहती हैं “इसके बाद मैं जिम ज्वाइन की और तीन महीने में 9 किलो वजन कम कर लिया. यह मेरी लाइफ की सबसे बड़ी गलती थी क्योंकि मैं जिम में जाकर सिर्फ ट्रेडमिल पर दौड़ती थी, ना वेट ट्रेनिंग करती थी और ना ही डाइट पर ध्यान देती थी. इसके बाद मैं फेसबुक पेज फिटर से जुड़ी और वहां से मैंने एक कोच हायर किया. उन्होंने मुझे सब कुछ खाते हुए भी वजन कम करने में मदद की. इसके बाद मैंने अपना वजन कम किया और मैं 59 किलो पर आ गई. इसके बाद 2019 में मेरे साथ कुछ हादसा हुआ जिसके कारण मैं डिप्रेशन में चली गई और मैंने फिर से 10 किलो वेट गेन कर लिया और मैं 69 किलो की हो गई. इसके बाद मैंने सोचा कि मैं खुद लोगों को फिट होने के लिए गाइड करती हूं और खुद मैंने ही अपने आपको क्या से क्या बना लिया है. बस फिर क्या था मैंने फिर से अपना वजन कम करना शुरू किया और मैं 50 किलो तक आ गई. अब मैं बॉडीबिल्डिंग कॉम्पिटिशन में हिस्सा ले रही हूं जो नवंबर 2022 में गोवा में होगा.”
लेती थीं ऐसी डाइट
डॉ. सुषमा ने बताया, “2019 में उस हादसे के बाद मैं इतनी डिप्रेशन में आ गई थी कि मैं दिन में 14-15 कप चाय पी लेती थी. मैं चाय बहुत पीती हूं इसलिए मैंने अपनी फिटनेस जर्नी के दौरान कभी चीनी वाली चाय पीनी नहीं छोड़ी.
डॉ. सुषमा आगे बताया, “मैंने हमेशा घर का बना खाना ही खाया और उससे ही मेरा वजन कम हुआ. मैं हमेशा दूध, दाल, चावल, फल सभी खाती थी. ब्रेकफास्ट में चाय-थेपला खाती थी. लंच में रोटी, चावल, दही और सलाद होती थी. स्नैक्स में चाय और मखाने खाती थी. इसके बाद डिनर में वापस रोटी, चावल, दही और सलाद खाती थी. इसके बाद जब मैंने कोच हायर किया तो मुझे पता चला कि मेरी डाइट में प्रोटीन की काफी कमी है. इसके बाद मैंने डाइट में सोया, पनीर और व्हे प्रोटीन एड किया. इससे मुझे वजन कम करने में तो मदद मिली ही, साथ ही साथ मसल्स गेन में भी मदद मिली.”
करती थीं ये वर्कआउट
डॉ. सुषमा ने बताया, “जब मुझे कोई जानकारी नहीं थी तब मैं सिर्फ कार्डियो के लिए घंटों तक ट्रेडमिल पर दौड़ती थी लेकिन जब मैंने कोच हायर किया तो उन्होंने मेरी गलती बताई और उसके बाद से मैंने वेट ट्रेनिंग शुरू की. मैं हफ्ते में 5-6 दिन वेट ट्रेनिंग करती हूं. एक से डेढ़ घंटा वेट ट्रेनिंग और 20 मिनिट कार्डियो करती हूं.”
प्रेग्नेंसी के बाद कैसे कम करें वजन
डॉ. सुषमा बताती हैं ”प्रेग्नेंसी के बाद वजन बढ़ना काफी सामान्य है. अगर आपकी प्रेग्नेंसी कॉम्प्लिकेटेड है और अगर आपको अधिक दवाइयों का सेवन करना पड़ रहा है तो वजन अधिक भी बढ़ सकता है. बच्चे के जन्म के बाद पहले उसका ख्याल रखें क्योंकि वजन कम करना हमारे हाथ में होता है. बच्चा जैसे ही थोड़ा बड़ा हो जाए तब आप अपने लिए भी कुछ समय निकालें. समय निकालकर पैदल स्टेप्स चलें, होम एक्सरसाइज करें या बच्चे के साथ खेले. वजन कम करने में डाइट सबसे जरूरी होती है. इसलिए किसी एक्सपर्ट से अपना डाइट चार्ट तैयार कराएं और उसे फॉलो करें.”