
बढ़ता हुआ वजन आज के समय में सभी के लिए काफी बड़ी समस्या बना हुआ है. पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं के लिए कुछ शारीरिक समस्याओं के कारण वजन कम करना मुश्किल हो सकता है. कई ऐसी महिलाएं हैं, जिन्हें पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) की शिकायत है और उस कारण वे वजन कम नहीं कर पा रही हैं. वजन बढ़ना भी पीसीओएस के लक्षणों में से एक हो सकता है. या फिर यह भी कह सकते हैं कि जिन महिलाओं को पीसीओएस की शिकायत होती है, उनका वजन आसानी से कम नहीं होता. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) महिलाओं में होने वाला हॉर्मोन असंतुलन है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में पीसीओएस 3.7 से 22.5 प्रतिशत महिलाओं में फैला हुआ है. वहीं कुछ रिपोर्ट ये भी बताती हैं कि हर 10 में से एक महिला को पीसीओएस है.
हालही में Aajtak.in ने एक ऐसी महिला से बात की जिन्हें पीसीओएस था. लेकिन उन्होंने पीसीओएस को अपनी फिटनेस जर्नी के बीच में नहीं आने दिया और अपना 30 किलो वजन कम कर लिया है. जो महिलाएं ये सोचती हैं कि पीसीओएस के कारण आसानी से वजन कम नहीं हो सकता, ये महिला उनके लिए उदाहरण हैं. तो आइए जानते हैं, इनकी फिटनेस जर्नी कैसी थी और उन्होंने किस तरीके से अपना 30 किलो वजन कम किया.
नाम : स्वाती सोढ़ी (Swati Sodhi)
उम्र : 36 साल
काम : फिटनेस कोच
शहर : दिल्ली
लंबाई : 5 फुट 4 इंच, 162 cm
अधिकतम वजन : 93 किलो
वर्तमान वजन : 63 किलो
फ्यूचर प्लान : लीन मसल्स मास गेन करना
92 से 63 किलो तक फिटनेस जर्नी (Fitness journey from 92 to 63 kg)
स्वाती सोढ़ी ने Aajtak.in से बात करते हुए बताया कि प्रेग्नेंसी के बाद उनका वजन बढ़ गया था. जब उनका पहला बच्चा हुआ, उसके बाद उनका वजन करीब 92 किलो तक हो गया था. उन्होंने इंटरनेट पर मौजूद आधी-अधूरी जानकारी से करीब 25 किलो वजन कम कर लिया था, जो कि दूसरा बच्चा होने के बाद वापस बढ़ गया था.
वापस से वजन बढ़ जाने के कारण वे दिन भर काम करने और बच्चों की देखभाल में थक जाती थीं और उनकी सांस भी फूलने लगती थीं. उनके पति नेवी में हैं, तो उन्हें सिंगल पैरेंट की तरह दोनों बच्चों का ख्याल रखना होता था और उनके साथ खेलना भी होता था. इसके बाद उन्होंने फिर से पहले वाले तरीके से वजन कम करना शुरू किया, तो किसी ने सलाह दी कि अगर तुम्हें फिटनेस का इतना ही शौक है, तो इसे प्रोफेशनल तरीके से क्यों नहीं करतीं?
बस फिर क्या था उन्होंने फेसबुक पर एक पेज देखा और उस पर अपने पहले वेट लॉस की फोटो पोस्ट की. इसके बाद उस फिटनेस कम्यूनिटी में बतौर कोच जॉब के लिए उन्हें ऑफर आया जहां उन्होंने क्वांटिफाइड न्यूट्रिशन और वर्कआउट के बारे में सारी बेसिक नॉलेज ली. बस फिर क्या था, सीखते-सीखते उन्होंने वे सारी चीजें अपने ऊपर अप्लाई कीं और उनका वजन कम होता गया. अब उनका वजन 63 से 65 किलो के बीच ही रहता है. लेकिन समय के साथ उनका मसल्स मास बढ़ गया है.
लेती थीं ऐसी डाइट (Diet for weight loss)
स्वाती बताती हैं कि उन्होंने जब पहली बार वजन कम किया था. उस समय उन्होंने सिर्फ इंटरनेट पर देखकर तैयार की थी, जिसमें काफी गलतियां थीं. लेकिन दूसरी बार उन्होंने जब वजन कम किया, उस दौरान उन्होंने क्वांटिफाइड न्यूट्रिशन से वजन कम किया. क्वांटिफाइड न्यूट्रिशन वो होता है, जिसमें आपको फूड की मात्रा को देखना होता है कि आप कितना खा रहे हैं. साथ ही साथ उस फूड की कैलोरी और मैक्रोज को भी ध्यान रखना होता है. जो लोग कहते हैं कि चावल खाने से वजन बढ़ता है या फैट खाने से वजन बढ़ता है, वह गलत है. अगर कोई क्वांटिफाइड न्यूट्रिशन से खाता है, तो वह कुछ भी खा सकता है और उसका वजन नहीं बढ़ेगा. स्वाती ने दूसरी बार जब अपना वजन कम किया था, तब वे ऐसी डाइट लेती थीं.
ब्रेकफास्ट (Breakfast)
ओट्स
अंडे
पनीर कटलेट
चिकन सैंडविट
प्रोटीन शेक
स्नैक्स (Snacks)
फल
ड्राई फ्रूट्स
लंच (Lunch)
ग्रिल चिकन या फिश या पनीर
रोटी या चावल
हरी सब्जियां
ईवनिंग स्नैक्स (Evening Snacks)
व्हे प्रोटीन शेक
डिनर (Dinner)
ग्रिल चिकन
सलाद
सूप
एक्सरसाइज से किया वजन कम (Lose weight with exercise)
स्वाती बताती हैं कि उन्हें फिट रहने का काफी शौक था, इसलिए वे हमेशा एक्सरसाइज, डांस, जुंबा, योगा आदि किया करती थीं. इसलिए उन्हें कभी भी वर्कआउट को लेकर चिंता नहीं हुई. वे रोजाना जिम में जाकर 30-45 मिनट वेट ट्रेनिंग करती थीं. इसके साथ क्रॉसफिट भी करती थीं, जिससे एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न करने में मदद मिली थी.
वे जब बच्चों के साथ खेलती थीं, तो उनके पैदल स्टेप्स काफी हो जाते थे, जिससे भी उन्हें फिट होने में काफी मदद मिली थी. बस इन्हीं आसान एक्सरसाइज से उन्हें वजन कम करने में मदद मिली.
पीसीओएस वाली महिलाओं के लिए टिप्स (Tips for women with PCOS)
सर्टिफाइड फिटनेस कोच स्वाती बताती हैं कि जिसे पीसीओएस होता है, वे डॉक्टर की सलाह पर मेडिकेशन पर होती हैं. लेकिन इसके साथ उन्हें भी कुछ एफर्ट डालने होते हैं. यानी कि अगर मेरे पास जो क्लाइंट आती हैं, उनमें से अधिकतर फिजिकल रूप से एक्टिव नहीं रहतीं, उनका बोलना होता है कि मैं बस घूम लेती हूं. लेकिन इससे अलग हटकर महिलाओं को पीसीओएस की ढाल बनाने की जरूरत नहीं है.
आप दिमाग में ये बात ही न लाएं कि आपको पीसीओएस है. आप सिर्फ अच्छी डाइट लें, वर्कआउट करें, मेंटली रूप से रिलैक्स रहें और मेहनत करते जाएं. जिससे आसानी से आपका वजन कम हो सकता है. कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि अगर महिलाएं 5-10 प्रतिशत वजन कम कर लेती हैं, तो उनके हार्मोन असंतुलन में सुधार हो सकता है.