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Transformation Journey: वजन कम करना कुछ लोगों को काफी चैलेंजिंग लगता है, लेकिन असल में उतना है नहीं. हां, बस वजन कम करने के लिए कुछ आसान चीजों को फॉलो करना काफी जरूरी है. जैसे हेल्दी डाइट, फिजिकल एक्टिविटी, पर्याप्त नींद, विटामिन-मिनरल, हाइड्रेशन और सबसे महत्वपूर्ण धैर्य. अगर कोई इन चीजों को फॉलो करता है तो उसके लिए वजन कम करना काफी आसान है. आज हम आपको एक ऐसी ही वेट लॉस स्टोरी बताने जा रहे हैं, जिसमें एक लेडी ने 4 एक्सीडेंट के बाद भी हार नहीं मानी और अपना वजन कम कर लिया.
Aajtak.in से बात करते हुए उन्होंने बताया कि उनकी हेल्थ कंडीशन इतनी खराब हो गई थी कि उन्होंने अपनी जिंदगी की आखिरी इच्छा भी पूरी कर ली थी. इसके बाद COVID-19 लॉकडाउन में उन्होंने अपने आपको फिट करने का सोचा और अब वे पूरी तरह से फिट और स्वस्थ हैं. इनकी ये चैलेंजिंग वेट लॉस स्टोरी आपको काफी मोटिवेट कर सकती है. तो आइए अब ट्रांसफॉर्मेशन स्टोरी के बारे में जान लीजिए.
नाम : वत्सला (Vatsala)
उम्र : 44 साल
काम : ट्रेनिंग हेड, IT कंपनी
शहर : दिल्ली
लंबाई : 5 फुट 5 इंच, 165 cm
अधिकतम वजन : 78 Kg
वर्तमान वजन : 56 Kg
अधिकतम BMI : 28.67
वर्तमान BMI : 20.58
फ्यूचर प्लान : सर्टिफाइड फिटनेस कोच बनना
78 से 56 किलो तक फिटनेस जर्नी (Fitness journey from 78 to 56 kg)
Aajtak.in से बात करते हुए वत्सला ने बताया, मेरे 4 एक्सीडेंट हुए हैं. जिनके कारण मेरे लोअर बैक में काफी चोट आई थी. डॉक्टर ने मुझे हैवी वेट उठाना तो दूर प्रेग्नेंसी कंसीव करने के लिए भी मना कर दिया था.
शादी के बाद इतनी स्लिम हुआ करती थी कि मुझे देखकर लगता था कि हड्डियों के ऊपर बस एक स्किन की परत चढ़ी हुई है. शादी के कुछ समय बाद मुझे गर्दन पर कुछ लिंफ नोड्स (उभरी हुई स्किन) दिखे. जब डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने बोला कि 80 परसेंट चांस हैं कि यह कार्सिनोमिक यानी कैंसर वाले लिंफ नोड्स हो सकते हैं.
इसके बाद मेरे सैंपल को जांच के लिए यूएस भेजा गया. उस रिपोर्ट को आने में लगभग 1 महीने का समय लगा और उस पूरे 1 महीने मैं इस डर में रही कि मुझे कैंसर हो चुका है. रिपोर्ट आने से पहले मैं अपना आखिरी सपना पूरा करना चाहती थी, जो ट्रैवल करके लेह जाना था. मैंने रिपोर्ट आने से पहले अपनी आखिरी इच्छा पूरी की और फिर जब रिपोर्ट आई तो रिपोर्ट कैंसर के लिए नेगेटिव थी. उसमें सिर्फ कैटल ट्यूबरक्लोसिस यानी टीबी के कुछ लक्षण थे.
इसके बाद 9 महीने तक मैं मेडिकेशन पर रही. बस इसी दौरान मेडिकेशन से मेरा वजन बढ़ने लगा और मैं 78 किलो पर पहुंच गई. धीरे-धीरे मुझमें काम करने की क्षमता कम होने लगी और मैं घर और ऑफिस का काम करने में भी थकने लगी. ऐसा कोई दिन नहीं था, जिसमें मेरे शरीर का कोई भी हिस्सा दर्द न करता हो.
इसके बाद मैंने अप्रैल 2020 में इंटरनेट पर बताई हुई कई सारी डाइट्स को फॉलो किया. इन डाइट्स से वजन कम तो हुआ लेकिन शरीर में कमजोरी आ गई. इसके बाद मैंने जुलाई 2020 में कोच हायर किया और उन्होंने मुझे डाइट और वर्कआउट प्लान तैयार करके दिया. मैंने उसे फॉलो किया और मेरा धीरे-धीरे हेल्दी तरीके से वजन कम होने लगा.
करीब 1.5 साल में मेरा वेट लगभग 22 किलो कम हुआ और आज मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं. एक्सीडेंट के कारण जो बैक पेन होता था, वह भी पूरी तरह जा चुका है.
फॉलो करती थीं ये डाइट (Diet For Weight Loss)
वत्सला बताती हैं कि उन्होंने अप्रैल 2020 से जुलाई 2020 तक हर तरह की डाइट को फॉलो किया. इससे उनका वजन कम तो हुआ लेकिन एनर्जी कम हो गई थी और काफी कमजोरी भी आ गई थी. लेकिन जब उन्होंने फिटनेस कोच शानू शशांक को हायर किया तो उन्होंने उनके अंडर में रहकर डाइट फॉलो की. वे लगभग 1500 कैलोरी लेती थीं. इसके बाद जैसे-जैसे उनका वजन कम होता गया, वे मेंटनेस कैलोरी के मुताबिक अपने कैलोरी इंटेक को बदलती गईं. वे दिन भर में ये डाइट लिया करती थीं.
ब्रेकफास्ट : पोहा या ब्रेड ऑमलेट या पनीर पराठा या दूध के साथ 1 कप चाय या अंडा पराठा
दोपहर का भोजन : दाल, चावल, दही, रोटी, ग्रीन सलाद
रात का खाना : सोया पुलाव या सोया ढोकला, चावल / रोटी के साथ अंडा करी या रोटी के साथ सोया
प्री-वर्कआउट मील : ब्रेड जैम या 1 कप ब्लैक कॉफी, केला
पोस्ट-वर्कआउट मील : 1 स्कूप व्हे प्रोटीन
वत्सला बताती हैं, मैं कभी भी चीट मील नहीं लेती थी. क्योंकि मैंने कोई एक डाइट फॉलो नहीं की थी, बल्कि मैंने उन चीजों को डाइट में जोड़ा था जिन्हें में लंबे समय तक खा सकती हूं. ऐसा करने से मेरा कभी कुछ अलग खाने का मन नहीं करता था.
होम वर्कआउट से किया वेट लॉस (Weight loss by home workout)
वत्सला ने बताया, मैंने जब अपनी फिटनेस जर्नी शुरू की थी उस समय लॉकडाउन चल रहा था और सभी जिम भी बंद थे. इसलिए मैंने होम वर्कआउट करना शुरू किया था. मैं हफ्ते में 6 दिन वर्कआउट करती थी. वर्कआउट में हाई इंटेंसिटी वर्कआउट, स्ट्रेचिंग, कुछ कार्डियो एक्सरसाइज और डम्बल एक्सरसाइज शामिल होती थीं.
हालांकि अधिक इक्युपमेंट न होने के कारण मेरा फोकस बॉडी वेट वर्कआउट पर ही रहता था, जिससे मुझे रिजल्ट मिले. अब जिम खुल गए हैं तो मैंने जिम जाना शुरू कर दिया है. कार्डियो की अपेक्षा मैं वेट ट्रेनिंग पर फोकस करती हूं और उसी से मेरा वेट लॉस हुआ है.