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444 KG का पुलिस ऑफिसर....पत्नी ने मोटा कहकर छोड़ा तो आया हार्ट अटैक!

मैक्सिको के रहने वाले एंड्रेस मोरेनो (Andres Moreno) का वजन लगभग 444 किलो था. ग्रैस्ट्रिक बाइपास सर्जरी के बाद उनका वजन 120 किलो कम हुआ था लेकिन एक दिन अचानक हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई. एंड्रेस मोरेनो कौन थे? एंड्रेस मोरेनो का वजन कैसे बढ़ा था? इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.

444 किलो के एंड्रेस मोरेना (Image credit: Andres Moreno) 444 किलो के एंड्रेस मोरेना (Image credit: Andres Moreno)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:12 AM IST

दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जिनका वजन किसी ना किसी कारण से बहुत अधिक हो गया था और फिर उन्हें वजन कम करने के लिए सर्जरी करानी पड़ी. कई लोग आज भी अपनी लाइफ जी रहे हैं तो कई की मौत हो चुकी है. ऐसे ही एक शख्स थे जिनका वजन 444 किलो हो गया था. उन्होंने जब सर्जरी कराई तो उनका 120 किलो वजन कम भी हो गया था लेकिन उन्हें हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई. उनके बढ़े हुए वजन के कारण उनकी लाइफ काफी मुश्किलों से भरी रही. इन शख्स का नाम एंड्रेस मोरेनो (Andres Moreno) था जो मैक्सिको के रहने वाले थे. उनका लगातार वजन कम हो रहा था लेकिन डॉक्टर्स के मुताबिक, इमोशनल स्ट्रेस और हार्ट अटैक के कारण उनकी मौत हो गई.

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ओवरवेट के कारण पत्नी ने छोड़ा

एंड्रेस मोरेनो की मृत्यु 38 साल की उम्र में हुई.

डेली मेल के मुताबिक, एंड्रेस मोरेनो का वजन 2015 में 444 किलो था जिसके कारण उन्हें दुनिया का सबसे मोटा आदमी कहा गया. जन्म के समय सामान्य बच्चे का वजन  2.8 से 3.2 किलो होता है लेकिन एंड्रेस का जब जन्म हुआ तब उनका वजन 5.8 किलो था. वहीं जब उनकी उम्र 10 साल हुई तो उनका वजन 82 किलो हो गया था.

एनर्जी ड्रिंक एडिक्ट और डायबिटिक मोरेनो बड़े होकर पुलिस ऑफिसर बने और उसके बाद शादी भी की. जैसे-जैसे मोरेनो की उम्र 20 साल हुई, उन्हें हेल्थ संबंधित समस्याएं होने लगीं और उनके अधिक वजन के कारण उनकी पत्नी ने उन्हें छोड़ दिया. पत्नी के छोड़ देने के बाद मेरे दोस्त और परिवार उनसे मिलने जाते थे और वह उन्हें अपनी हालत के बारे में बताते थे. मोरेनो मृत्यु से पहले पत्नी से अलग होने के कारण इमोशनली स्ट्रेस में भी थे.

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मरने से पहले पी थी 6 एनर्जी ड्रिंक

जैसे-जैसे मोरेनो का वजन बढ़ता गया, वह कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित होते गए. सर्जरी से पहले मोरेनो को फुटबॉल सुपरस्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो से एक हस्ताक्षरित रियल मैड्रिड शर्ट भी मिली थी जिसने उन्हें फिट होने के लिए मोटिवेट किया था.

वजन कम करने के लिए उन्होंने बाइपास सर्जरी कराई थी और डॉक्टर्स ने उनके 70 प्रतिशत पेट को निकाल दिया था. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, एंड्रेस ने मरने के एक दिन पहले छ: एनर्जी ड्रिक पी थीं जिसके बाद उन्हें हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई.

सर्जरी से 120 किलो वजन हुआ था कम

मोरेनो एनर्जी ड्रिंक के काफी शौकीन थे. उन्होंने अपने वजन को कम करने की ठान ली थी और वॉक करना शुरू कर दिया था. वह इंटेंस वर्कआउट नहीं कर सकते थे क्योंकि इससे उनकी हार्ट बीट बढ़ सकती थी और उन्हें हार्ट अटैक आ सकता था.

सर्जरी में उसके पेट के तीन चौथाई हिस्से को हटाया गया था और जो भी बचा हुआ हिस्सा था उसे ट्यूब के आकार में बनाना था ताकि वह अधिक ना खा सकें. सर्जरी के बाद उनका 120 किलो वजन हो गया था और उनका वेट लगभग 317 किलो रह गया था. ऑपरेशन के बाद मोरेनो का वजन लगभग 361 किलो कम होना था ताकि उनका वजन मेंटेन रह सके और वह हेल्दी लाइफ जी सकें. मौत के दिन जब मोनेरो को हार्ट अटैक आया तब 7 लोगों ने मिलकर उन्हें स्ट्रेचर पर बैठाया ताकि उन्हें अस्पताल ले जाया जा सके. लेकिन वह जीवित नहीं बचें. 

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मोरेनो लगातार अपना वजन कम कर रहे थे लेकिन 25 दिसंबर 2015 को उनकी मौत हो गई. डॉक्टर्स ने उनकी मौत का कारण अनियमित हार्ट बीट और हार्ट अटैक बताया था. 

मोटापे से हार्ट अटैक का संबंध

मोटे व्यक्तियों को अपने शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए अधिक खून की जरूरत होती है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. खून को सारे शरीर में ले जाने के लिए शरीर को अधिक दबाव की भी जरूरत होती है. इससे हार्ट बीट बढ़ जाती है और आप तो जानते ही हैं कि हाई ब्लड प्रेशर दिल का दौरा आने का सामान्य कारण है. 

हममें से अधिकतर लोग नहीं जानते. मोटापा खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लेवल में वृद्धि का कारण बन सकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह अच्छे उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (HDL) कोलेस्ट्रॉल को भी कम कर देता है. एचडीएल कोलेस्ट्रॉल खराब कोलेस्ट्रॉल को हटाने और हार्ट रोग के जोखिम को बढ़ाने में भी अमह भूमिका निभाता है.

मोटापे के कारण डायबिटीज हो सकती है. जो लोग मोटापे से ग्रस्त होते हैं उन लोगों में हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्लडप्रेशर और दिल का दौरा जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं. मोटे व्यक्तियों को डायबिटीज की संभावना अधिक होती है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के कम से कम 68 प्रतिशत लोगों को डायबिटीज और हार्ट डिसीज है. डायबिटीज वाले व्यक्तियों को हार्ट डिसीज के लिए दो से चार गुना अधिक जोखिम होने की संभावना है, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के द्वारा डायबिटीज वाले लोगों को हार्ट डिसीज का खतरा अधिक होता है.

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अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, लोगों को हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों से बचने के लिए अपना वजन कम करने की जरूरत है.


 

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