
इसमें कोई शक नहीं कि नॉन वेजिटेरियन फूड खाने वाले लोगों के लिए चिकन-मटन छोड़ना काफी मुश्किल है लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि आपको सिर्फ एक महीने के लिए मांसाहारी भोजन से दूरी बनानी होगी और इससे आपके शरीर में जबरदस्त बदलाव नजर आएंगे तो आपका क्या जवाब होगा.
हैदराबाद के केयर हॉस्पिटल्स में सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर अथर पाशा ने एक अंग्रेजी वेबसाइट से बातचीत में बताया कि प्लांट बेस्ट फूड यानी वेजिटेरियन फूड्स में बहुत ज्यादा फाइबर होता है जो आपके पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कई पेट की बीमारियों से बचाव करता है. अगर पेट अच्छा रहता है तो आपका पूरा शरीर स्वस्थ रहता है.
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का कहना है कि पिछले कुछ सालों में दुनिया भर में और खासकर अमेरिका और यूरोप में शाकाहार का चलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है.
उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की डाइटीशियन डॉ. एकता सिंहवाल ने भी बताया कि ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से कई मांसाहारी लोग शाकाहार या शाकाहार की ओर रुख कर रहे हैं जिसमें नैतिक और पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं से लेकर स्वास्थ्य को होने वाले लाभ और यहां तक कि वेजिटेरियन फूड विकल्पों की बढ़ती उपलब्धता भी शामिल है.
उन्होंने बताया कि मांसाहारी आहार का सेवन बंद करने के कई फायदे होते हैं. इससे आमतौर पर हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, टाइप 2 मधुमेह और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी बीमारियों का रिस्क कम होता है. इसके अलावा अपने आहार में विभिन्न प्रकार के प्लांट बेस्ड फूड्स को शामिल कर आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप नॉन वेज पर निर्भर हुए बिना अपनी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं.
अगर आप एक महीने के लिए मांसाहारी भोजन खाना बंद कर देते हैं तो आपके शरीर में तुरंत पांच बदलाव नजर आएंगे.
कब्ज से छुटकारा
एकता सिंहवाल ने बताया कि फाइबर होने की वजह से यह बाउल मूवमेंट यानी आपके मोशन को ठीक करता है और पाचन तंत्र को बेहतर करता है. फाइबर का सेवन बढ़ने से कब्ज से राहत मिलती है.
घट जाएगा वजन
सिंघवाल ने बताया कि प्लांट बेस्ड फूड्स से वजन घटाने में मदद मिल सकती है क्योंकि इसमें आम तौर पर नॉन वेज की तुलना में कम कैलोरी होती हैं और फाइबर ज्यादा होता है जिससे बार-बार भूख नहीं लगती और कैलोरी कम होने से वजन भी काबू में रहता है.
सूजन से राहत
सिंघवाल ने कहा कि प्लांट बेस्ड फूड्स विशेष रूप से प्रॉसेसेस्ड मीट शरीर में सूजन का कारण बन सकता है. नॉन वेज कम खाने से आप सिस्टमैटिक इंफ्लेमेशन कम होती है जो कई क्रॉनिक डिसीस का कारण है.
कोलेस्ट्रॉल होगा कम
अथर पाशा ने बताया, प्लांट बेस्ड फूड्स की तुलना में मांसाहार में विशेष रूप से सैचुरेटेड और ट्रांस फैट ज्यादा होता है जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का कारण है. इस खाना छोड़ने या सीमित करने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार हो सकता है जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है.
एंटीऑक्सिडेंट्स मिलेंगे भरपूर
एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर प्लांट बेस्ड फूड शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और सेलुलर डैमेज से बचाने में मदद कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, ''फलों, सब्जियों, नट्स और बीजों का अधिक सेवन आपके शरीर को अधिक एंटीऑक्सिडेंट्स दता है जिससे ओवलऑल हेल्थ अच्छी होगी और क्रॉनिक डिसीस का रिस्क कम होता है.''
एनर्जी मिलेगी
पाशा के अनुसार, प्लांट बेस्ड फूड विटामिन, खनिज और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट प्रदान करते हैं जो आपको पूरे दिन एनर्जेटिक रखते हैं.