
भारत में कई लोग ऐसे हैं, जो सुबह का नाश्ता करने की बजाए सिर्फ दोपहर में ही खाना खाते हैं. यानी सुबह चाय या कॉफी के बाद सीधे दोपहर का लंच करते हैं. जो लोग ऑफिस या कॉलेज जाते हैं, वे लोग टिफिन लेकर जाते हैं. अगर टिफिन लेकर नहीं जाते तो बाहर ही खाना खाते हैं. खाना-खाने के बाद कई लोगों ने महसूस किया होगा कि उन्हें नींद आने लगती है. नींद आने के बाद अगर जागते रहते हैं या काम करते रहते हैं तो आंख बंद होना, थकान होना, सिरदर्द जैसी समस्याएं भी काफी आम हैं.
खाने के बाद थकान के कारण के बारे में शोधकर्ताओं के अलग-अलग सिद्धांत हैं, लेकिन वे आमतौर पर इस बात से भी सहमत हैं कि यह एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया है. खाने के बाद थोड़ी नींद आना सामान्य है और चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन अगर रोजाना दोपहर के खाने के बाद अधिक नींद आए तो यह कुछ गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती हैं. दोपहर के भोजन के बाद की इस सुस्ती या नींद आने के पीछे क्या कारण है? इस बारे में जान लीजिए.
दोपहर में खाने के बाद नींद आने का कारण
दोपहर में खाना खाने के बाद अक्सर नींद आती है, उसका कारण आपका भारी खाना हो सकता है. दरअसल, अग्न्याशय ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन का प्रोडक्शन करता है. भोजन जितना भारी होगा, इंसुलिन का उत्पादन उतना ही अधिक होगा, जिससे ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि होगी.
इंसुलिन में इस वृद्धि के कारण हमारा शरीर स्लीप हार्मोन का उत्पादन करता है, जो हमारे मस्तिष्क में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन में परिवर्तित हो जाता है, जिससे नींद आने लगती है. अगर किसी को नींद आती है, तो उसकी एनर्जी कम होने लगती है और सुस्ती आने लगती है.
प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन करने के बाद अधिक नींद आती है. इसका कारण है अधिकतर प्रोटीन रिच फूड में ट्रिप्टोफैन पाया जाता है, जो कि सेरोटोनिन के उत्पादन को बढ़ा देता है. सेरोटोनिन ऐसा कैमिकल है, जो मूड और स्लीप पैटर्न को नियंत्रित करता है. वहीं कार्बोहाइड्रेट ट्रिप्टोफैन को सोख लेता है, जिसके कारण नींद आने लगती है.
सैल्मन, पोल्ट्री प्रोडक्ट, अंडे, पालक, सीड्स, दूध, सोया प्रोडक्ट, पनीर आदि प्रोटीन में हाई होते हैं. इसके अलावा चावल, पास्ता, रोटी, केक, कुकीदज, मफिन्स, कॉर्न, दूध, मीठे उत्पाद आदि में कार्ब अधिक होता है. इसलिए इन्हें खाने के बाद नींद आती है.
इसके अलावा अगर आपका नींद का पैटर्न सही नहीं है, तो खाना-खाने के बाद नींद आएगी. खाना-खाने के बाद इंसान रिलेक्स हो जाता है. जो नींद आपने रात में पूरी नहीं की थी, वह तब हावी होगी, जब आराम की स्थिति में होते हैं. इसलिए रात में 7-8 घंटे की गहरी नींद जरूर लें, ताकि खाना खाने के बाद नींद न आए.
अगर किसी की फिजिकल एक्टिविटी काफी कम है, तो उसे भी दोपहर में खाना-खाने के बाद नींद आएगी. इससे बचने के लिए रेगुलर एक्सरसाइझ करें, जिससे थकान कम करने में मदद करेगी.
इन बीमारियों के कारण भी आ सकती है नींद
कुछ मौकों पर भोजन के बाद थकान महसूस होना और हर समय नींद आना कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का भी संकेत हो सकता है. भोजन के बाद अगर किसी को नींद आती है, तो उसे निम्न समस्याएं हो सकती हैं.
यदि आपको बार-बार थकान महसूस होती है और नींद आती है, तो इनमें से कोई स्थिति भी हो सकती है, इसके लिए आप डॉक्टर से संपर्क करें. आपका डॉक्टर आपको यह पहचानने में मदद कर सकता है कि खाने के बाद नींद आने का कारण क्या है.
खाने के बाद नींद न आए, इसके लिए अपना सकते हैं तरीके
खाने के बाद अगर नियमित रूप से थकान होती है, तो डॉक्टर से संपर्क करें, लेकिन आपके साथ कभी-कभी ऐसा होता है, तो कुछ तरीके अपना सकते हैं. इससे नींद भी कम आएगी और एनर्जी भी बनी रहेगी. इसके लिए डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करते हुए, नीचे बताए गए तरीके अपनाएं.
ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जो आपके पेट, ब्लड शुगर, इंसुलिन लेवल और मस्तिष्क के लिए अच्छे हों. इन खाद्य पदार्थों में कॉम्प्लेक्स कार्ब, हाई फाइबर वाले कार्बोहाइड्रेट और हेल्दी फैट वाले फूड शामिल करें.