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लाइफस्टाइल

अगर इस तरह से झड़ रहे हैं बाल तो आप जल्द हो सकते हैं गंजे!

aajtak.in
  • 28 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST
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बाल झड़ना एक आम समस्या बन गई है और ज्यादातर लोग इस परेशानी से जूझ रहे हैं पर अगर आपके बाल जरूरत से ज्यादा गिर रहे हैं तो स्थिति गंभीर हो सकती है. अगर आपके बाल सामान्य से ज्यादा और जगह-जगह से गिर रहे हैं तो आप ऐलोपेसिया के शिकार हो सकते हैं.

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क्या होता है ऐलोपेसिया?

पुरुषों में हेयर लॉस को उनकी बढ़ती उम्र से जोड़कर देखा जाता है पर ऐलोपेसिया में ऐसा नहीं होता है. पुरुष हो या महिलाएं, किसी को भी ऐलोपेसिया की शिकायत हो सकती है. इस बीमारी में बाल सिर्फ स्कैल्प से ही नहीं बल्कि शरीर के किसी भी हिस्से से गिरने लगते हैं.

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जेनेटिक्स के आधार पर ऐलोपेसिया में सबसे ज्यादा बाल सिर से ही गिरते हैं. हर महिला और पुरुष के रोजाना 100 बाल झड़ना आम बात है पर बालों का बहुत ज्यादा झड़ना अच्छे संकेत नहीं हैं.

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ऐलोपेसिया के लक्षण

ज्यादातर लोगों के बाल हर महीने में आधा इंच तक बढ़ते हैं और बालों का 90 फीसदी हिस्सा अपने आप बढ़ता ही रहता है जबकि 10 फीसदी हिस्सा निष्क्रिय रहता है. दो या तीन महीने के बाद बालों का ये दस फीसदी निष्क्रिय हिस्सा भी गिरने लगता है और इसकी जगह नए बाल आने लगते हैं.

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नए बालों के आने के कुछ समय बाद 10 फीसदी के बाल फिर बेकार होने लगते हैं और इस तरह ये क्रम चलता रहता है. ऐलोपेसिया में बाल झड़ने पर सिर की त्वचा पर गोल आकार का पैच बनने लगता है.

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बाल झड़ना और हेयर लॉस दोनों अलग-अलग होते हैं. तनाव, प्रेग्नेंसी, डिवोर्स या दुख भी बाल झड़ने की वजह बन सकते हैं. वहीं हेयर लॉस होने पर बाल वापस से नहीं उगते हैं. खराब हेयर स्टाइल, हार्मोन का सही न होना, सर्जरी, बीमारी और न्यूट्रिशन की कमी से ऐलोपेसिया हो सकता है.

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न्यूयॉर्क के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉरिस डे ने बताया कि इस बीमारी का लक्षण दिखने के बाद डॉक्टर सबसे पहले व्यक्ति के स्कैल्प का निरीक्षण करते हैं और उसकी जिंदगी के साथ ही उसकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी जानने की कोशिश करते हैं.

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डर्मेटोलॉजिस्ट उस व्यक्ति की बायोप्सी भी करा सकते हैं. इसके लिए स्किन पैच से हेयर फॉलिकल लेकर उसे जांच के लिए पैथोलॉजिस्ट के पास भेजा जा सकता है. इससे हेयर लॉस की सही वजह पता चल जाती है. हेयर फॉलिकल की जांच से ये भी पता चल जाता है कि व्यक्ति को कोई  बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन है या नहीं.

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ऐलोपेसिया का इलाज

ऐलोपेसिया का इलाज बहुत महंगा होता है. ये बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करता है कि व्यक्ति के कितने बाल झड़ गए हैं और उसकी जगह कितने नए बाल लाने हैं. आमतौर पर हेयर विग, टॉपिकल क्रीम और लोशन, एंटी इंफ्लेमेटरी दवाओं से इसका इलाज संभव है.

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बहुत ज्यादा हेयर लॉस हो जाने की स्थिति में सर्जरी का भी सहारा लिया जा सकता. हेयर रिप्लेसमेंट तकनीक के जरिए ऐलोपेसिया का इलाज किया जा सकता है.

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