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बियर बढ़ाती है उम्र-दूध से बीमारियां, PETA के दावे पर लोग हुए हैरान

aajtak.in
  • 09 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST
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शराब या बियर पीना सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. शायद इसी वजह से हमें बचपन से ही दूध पीने के फायदों के बारे में बताया जाता है. वहीं, दूसरी ओर पेटा (पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल) ने दूध पीने से ज्यादा बियर पीना फायदेमंद बताया है.

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शारीरिक और मानसिक विकास के लिए दूध के फायदे हमें बचपन से ही बताए जा रहे हैं. इसके फायदों को देखते हुए तो कुछ परिवारों में रोजाना लोगों को एक से दो ग्लास दूध पीने के लिए दिया जाता है.

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पेटा के अनुसार बियर पीना दूध से ज्यादा फायदेमंद है. बियर न सिर्फ हड्डियों को मजबूत बनाता है, बल्कि इसे पीने से उम्र भी बढ़ती है. पेटा ने लोगों को दूध न पीने की सलाह दी है.

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इतना ही नहीं, पेटा ने दूध पीने के कई नुकसान भी उजागर किए हैं. इसमें बताया गया है कि दूध मोटापा, डायबिटीज और कैंसर जैसी घातक बीमारियों का कारण भी बनता है.

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पेटा ने यह दावा हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की एक रिपोर्ट के आधार पर किया है. इस बयान को शाकाहारी होने के फायदों से जोड़कर भी देखा जा रहा है. हालांकि इस दावे के बाद एक बड़ी बहस छिड़ गई है.

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बियर को एक एल्कोहल बेवरेज माना जाता है. इसे बनाने में जिन चीजों का इस्तेमाल किया जाता है उसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. बियर बनाने में जौ, गेहूं, मक्का और चावल का इस्तेमाल होता है.

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इतना ही नहीं, बियर में मौजूद 90 प्रतिशत पानी के अलावा फाइबर, कैल्शियम, आयरन समेत शरीर को फायदा पहुंचाने वाले कई पोषक तत्व होते हैं.

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बियर इंसान के हड्डियों को भी मजबूत बनाने का काम करती है. शरीर की मांसपेशियों के विकास के लिए भी इसे काफी फायदेमंद बताया जाता है. जबकि दूध पीने से कई तरह के हृदय रोग, मोटोपा, डायबिटीज और कैंसर की बीमारियों उत्पन्न होती हैं.

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पेटा की तरफ से जारी बयान में यह भी बताया गया कि बियर दूध से ज्यादा फायदेमंद हो सकती है, लेकिन फिर भी वो एल्कोहो युक्त प्रोडक्ट है. जरूरत से ज्यादा बियर पीना भी सेहत के लिए खतरनाक है.

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बता दें कि बियर पीने के फायदे पहले भी कई बार रिसर्च में सामने आ चुके हैं. एक रिसर्च में बताया गया था कि वाइन और बियर की खुराक दिल की सेहत सुधार सकती है. यही नहीं, यह दिल की बीमारियों के कारण समय से पहले होने वाली मौत के खतरे को कम कर सकती है.

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यह अध्ययन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास और शैनडॉन्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया था. शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन 8 साल तक 3,33,247 अमेरिकियों पर हुआ था.

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शोधकर्ताओं का दावा था कि वाइन और बियर का कम अनुपात में सेवन करें तो यह उनके दिल की सेहत के लिए मददगार हो सकती है.

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शोधकर्ताओं के अनुसार मध्यम अनुपात में वाइन और बीयर की खुराक, समय से पहले होने वाली मौत के जोखिम को 22 फीसदी कम कर सकती है. वहीं, दिल की बीमारियों के चलते होने वाली मौत का खतरा इससे 29 फीसदी कम हो जाता है.

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डॉक्टर्स न सिर्फ बियर को बल्कि रेड वाइन को भी फायदेमंद बताते हैं. एक स्टडी के अनुसार बियर और रेड वाइन पीने से व्यक्ति मानसिक अवसाद से बाहर आते हैं.

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रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि करीबन 53 फीसदी लोग वाइन पीने के बाद ज्यादा शांत महसूस करते हैं. वहीं 50 फीसदी लोगों को कहना था कि बियर पीने के बाद वो रिलेक्स महसूस करते हैं. जबकि रेड वाइन से 60 फीसदी लोगों को थकान महसूस हुई.

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शोधकर्ताओं के अनुसार, हर ड्रिंक में अलग-अलग तरह की सामाग्री का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही हर व्यक्ति के ड्रिंक करने की क्षमता अलग होती है.

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इसी वजह से हर व्यक्ति में ड्रिंक करने के बाद अलग-अलग तरह की भावनाएं उत्पन्न होती हैं. उन्होंने यह भी बताया है कि महिलाएं ड्रिंक करने के बाद ज्यादातर इमोशनल हो जाती हैं.

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भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के एक शोध में पता चला था कि भारत में बिकने वाला 10% दूध हमारी सेहत के लिए खतरनाक है. इस 10 प्रतिशत में 40 प्रतिशत मात्रा पैकेट मिल्क की है.

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कॉन्टैमिनेटेड मिल्क तो शरीर के लिए और भी ज्यादा हानिकारक है. इसकी मात्रा में वृद्धि दिखाने के लिए इसमें यूरिया, वेजिटेबल ऑयल, ग्लूकोज या अमोनियम सल्फेट आदि मिला दिया जाता है, जो सेहत के लिए बहुत ही नुकसानदायक है.

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मिलावटी या कॉन्टैमिनेटेड दूध पीने स आपको फूड प्वॉइजनिंग, पेट दर्द, डायरिया, इंटेस्टाइन इंफेक्शन, टाइफाइड, उल्टी, लूज मोशन जैसे इंफेक्शन होने का डर होता है.

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पुष्पावती सिंघानिया हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट की कंसल्टेंट पीडियाट्रिक्स डॉक्टर अंजलि जैन बताती हैं, "कॉन्टैमिनेटेड दूध में कुछ ऐसी केमिकल की मिलावट भी होती है, जिनसे कार्सियोजेनिक समस्याएं भी हो सकती हैं.

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अगर आप करीब 10 साल तक इस मिल्क प्रोडक्ट को ले रहे हैं तो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होने की संभावना हो सकती है."

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