गर्लफ्रेंड या लाइफ पार्टनर के साथ 'कैंडल लाइट' की दूधिया रोशनी में डिनर डेट का लुत्फ भला कौन नहीं उठाना चाहेगा. लेकिन शायद आपको मालूम नहीं कि ये डिनर डेट आपकी मौत का कारण भी बन सकती है. आइए 'वर्ल्ड कैंडल लाइटिंग डे' के मौके पर जानते हैं कि दूधिया रोशनी वाली ये डिनर डेट आपकी सेहत के लिए कितनी खतरनाक है.
एक रिसर्च में शोधकर्ताओं ने पाया कि मोमबत्ती से निकलने वाला धुआं इंसानों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है. उनका दावा है कि सिगरेट के धुएं से निकलने वाले कई टॉक्सिन मोमबत्ती के धुएं में भी पाए जाते हैं.
साउथ कैरोलाइना स्टेट युनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स ने भी मोमबत्ती के धुएं का टेस्ट किया था. उनका मानना था कि पैराफीन की मोमबत्तियों से निकलने वाला हानिकारक धुआं फेंफड़ों के कैंसर और दमे जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है.
मोमबत्ती का धुआं धीरे-धीरे आपकी सेहत पर असर डालते हैं. इसलिए मोमबत्ती की रोशनी में लगातार रोमांस का मजा लूटने वाले लोगों को इससे सतर्क रहना चाहिए.
वैज्ञानिकों का दावा है कि बंद कमरे में तो मोमबत्ती का धुआं और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है. धुएं में मौजूद कैमिकल्स खराब वेंटिलेशन के कारण इंडोर पॉल्यूशन का कारण बनते हैं.
यह धुआं न सिर्फ कैंसर की वजह बन सकता है, बल्कि इससे लोगों को अस्थमा, एग्जिमा के अलावा स्किन संबंधी परेशानियां घेर सकती हैं.
ब्रिटेन के वैज्ञानिका का मानना है कि धूम्रपान, मोटापा और शराब सेवन से कैंसर होने का खतरा ज्यादा है. हालांकि कैंडल लाइट को रेगुलर फेस न करने वाले लोगों को इससे कोई खास खतरा नहीं है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि मधुमक्खी के छत्ते से निकाले गए मोम या सोया से बनी मोमबत्तियों से ज्यादा खतरा नहीं है. इसलिए वैज्ञानिक सिर्फ इन्हीं मोमबत्तियों का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं.