प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से 5 अप्रैल (रविवार) को रात 9 बजे 9 मिनट तक घर की लाइटें बंद कर मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल फ्लैशलाइट जलाने का आग्रह किया है. कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में 130 करोड़ देशवासियों के महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से ऐसा किया जाएगा.
5 अप्रैल यानी आज रात 9 मिनट के लिए अपनी लाइट्स बंद कर दीये या मोमबत्ती जरूर जलाएं, लेकिन साथ ही साथ कुछ विशेष बातों का बारीकी से ध्यान भी रखें.
1. सोशल डिस्टेंसिंग- इस महासंकल्प के दौरान लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का सख्ती से पालन करें. भीड़ इकट्ठी न करें. घर से बाहर न निकलें. छत, बालकनी या चौखट पर खड़े होकर ही टॉर्च या मोबाइल फ्लैशलाइट जलाएं.
2. सैनिटाइजर से सावधानी- हाथ में सैनिटाइजर लगाने के बाद मोमबत्ती या दीया न जलाएं. दुनियाभर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां सैनिटाइजर लगाकर आग के नजदीक जाने वाले दुर्घटना के शिकार हुए हैं.
सीडीसी (सेंट्रल फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन, यूएस) का कहना है कि सैनिटाइजर में मौजूद एल्कोहल जल्दी आग पकड़ लेता है. इसमें लिक्विड सैनिटाइजर को ज्यादा खतरनाक बताया है.
3. सिर्फ लाइट बंद करें- पीएम मोदी के आग्रह पर आपको सिर्फ घर की लाइट ऑफ करनी है. इसके अलावा आप घर के जरूरी उपकरणों जैसे कि फ्रिज या कोई और चीज चालू रखें.
4. बाहरी सामान से रहें सतर्क- बाजार से लाए गए दीये या मोमबत्ती को हाथ लगाते वक्त सावधानी बरतें. दीये या मोमबत्ती जलाने के बाद अच्छे से हाथों को सैनिटाइज जरूर करें.
5. जमा होने से बचें- दीया या मोमबत्ती लगाने के बाद जमा होने से बचें. गली या नुक्कड़ पर भीड़ लगाने के बजाय अपने परिवार के सदस्यों के साथ कोरोना वायरस से सतर्क रहने का संकल्प लें. यानी पीएम मोदी की अपील पर दीये जरूर जलाएं लेकिन इसे दिवाली की तरह उत्सव समझकर सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोरोना से बचने से बचाव के किसी भी उपाय की अनदेखी न करें.