दुनिया भर में कोरोना वायरस की वैक्सीन का ट्रायल जारी है इस बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर आई है. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदर पूनावाला का कहना है कि देश को इस साल के अंत तक कोरोना की वैक्सीन मिल जाएगी. सीरम इंस्टीट्यूट दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है. सीरम इंस्टिट्यूट ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ भी वैक्सीन उत्पादन का करार किया है.
CNBC-TV18 को दिए एक इंटव्यू में पूनावाला ने कहा कि उनकी कंपनी दिसंबर की शुरूआत में COVID-19 वैक्सीन लॉन्च करेगी. पूनावाला ने कहा, 'हम दो हफ्ते के अंदर वैक्सीन का ट्रायल शुरू करने जा रहे हैं. ये ट्रायल ICMR के साथ साझेदारी में किया जाएगा. हम अगस्त के अंत तक वैक्सीन बनाने का काम शुरू कर देंगे.'
7 अगस्त को, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने वैक्सीन संगठन GAVI और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ अपने पार्टनरशिप का ऐलान किया था. इनका उद्देश्य भारत के अलावा कम और मध्यम आय वाले देशों के लिए 10 करोड़ डोज तक की वैक्सीन तेजी के साथ बनाकर उन्हें उपलब्ध कराना है.
GAVI एक वैक्सीन संगठन है जो कोवैक्स फैसिलिटी का नेतृत्व करती है. कोवैक्स फैसिलिटी (Covax Facility) पूरी दुनिया में COVID 19 वैक्सीन को सबसे जल्दी और निष्पक्ष तरीके से पहुंचाने के लिए बनाई गई है. इसका लक्ष्य 2021 के अंत तक वैक्सीन की 200 करोड़ डोज अपने सदस्य देशों तक पहुंचाना है.
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने Gavi को करीब 11 अरब रूपए निवेश फंड के जरिए दिए हैं जिससे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को संभावित वैक्सीन के निर्माण में मदद मिल सके.
हालांकि पूनावाला ने वैक्सीन की कीमत पर साफ-साफ कुछ भी कहने से मना कर दिया. उन्होंने कहा, 'हमें तीन डॉलर (224 रुपए) पर इसकी फंडिग मिली है जो हमारे लिए एक खास कीमत है. लाइसेंस मिलने के बाद इस वैक्सीन की कीमत थोड़ी ज्यादा हो जाएगी. वैक्सीन की फाइनल कीमत की घोषणा दो महीनों में की जाएगी.'
आपको बता दें कि पुणे की सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया विश्व की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है. दुनिया की 60-70 फीसदी वैक्सीन का उत्पादन यहीं होता है. सीरम इंस्टिट्यूट 1.5 बिलियन वैक्सीन के डोज हर साल बनाती है, जिसमें पोलियो, डिप्थीरिया, टिटनस, पर्टुसिस, हिब, बीसीजी, आर-हेपेटाइटिस बी, खसरा, मम्प्स और रूबेला वैक्सीन शामिल हैं.
अनुमान है कि दुनिया में लगभग 65 फीसदी बच्चे सीरम संस्थान द्वारा बनाई कस से कम एक वैक्सीन जरूर लगवाते हैं. सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई गई वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की मान्यता प्राप्त है और दुनिया भर के लगभग 170 देश अपने राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रमों में इसका उपयोग करते हैं.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को भारत की नंबर 1 बायोटेक्नोलॉजी कंपनी का दर्जा प्राप्त है, जो अत्याधुनिक जेनेटिक और सेल आधारित तकनीक, एंटीसेरा और अन्य चिकित्सीय विशेषताओं का उपयोग कर जीवन रक्षक वैक्सीन का निर्माण करती है.
1966 में डॉक्टर साइरस पूनावाला ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की स्थापना की थी. साइरस पूनावाला का उद्देश्य बाहर से आयात किए जाने वाले जीवन रक्षक इम्यूनो-बायोलॉजिकल का देश में कम कीमत पर निर्माण करना था.