कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से पूरी दुनिया परेशान है. फिलहाल इससे बचने के लिए हाथ धोना, मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे जरूरी उपाय ही काम आ सकते हैं. हालांकि कुछ लोग अपनी लापरवाही से इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं, जिसमें युवाओं की संख्या बहुत ज्यादा है. मेलबर्न की एक नर्स ने ऐसे ही युवाओं को आड़े हाथों लेते हुए सावधान किया है.
रॉयल मेलबर्न हॉस्पिटल के ICU की हेड मिशेल स्पेंस का कहना है कि कोरोना वायरस से युवाओं और मध्यम आयु वर्ग के लोगों की मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. उन्होंने कहा, अब जो मामले आ रहे हैं, उनमें युवाओं की मौत ज्यादा हो रही है. ये 30, 40, और 50 साल के ऐसे लोग हैं जिन्हें पहले से कोई बीमारी नहीं है.'
मिशेल का कहना है कि शुरुआत में इस वायरस से मरने वालों में बुजुर्गों की संख्या ज्यादा थी लेकिन अब समीकरण बदल गए हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों से पता चला है कि 50 से कम उम्र वाले लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या बढ़ी है, जिसमें से 20 और 30 साल के कुछ लोग ICU में एडमिट हो रहे हैं. बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पताल अपने यहां वेंटिलेटर मशीनों की संख्या भी बढ़ा रहे हैं.
मिशेल ने कहा, ' ICU एक ऐसी जगह है, जहां कोई भी नहीं आना चाहता.' घर से बाहर निकलने से पहले मास्क पहनने का आग्रह करते हुए मिशेल ने कहा, 'वेंटिलेटर पर रहने की बजाय मास्क में रहना ज्यादा आरामदायक है.'
विक्टोरिया प्रीमियर के डेनियल एंड्रयूज ने भी युवाओं में बढ़ते COVID-19 मामलों पर सख्ती दिखाते हुए उन्हें सारे गाइडलाइन्स मानने की चेतावनी दी है. एंड्रयूज ने कहा, 'ये सोचना गलत है कि इस वायरस से निपटने के लिए युवाओं में ज्यादा इम्यूनिटी है. कई देशों में युवाओं की मौतों की संख्या बढ़ी है और सेहतमंद लोग भी बहुत बीमार हो रहे हैं.'
एंड्रयूज ने कहा, 'अगर आप मौजूदा हालात को दूर कर दोस्तों से मिलना चाहते हैं, उनके साथ बाहर खाने जाना चाहते हैं और आजादी से घूमना चाहते हैं तो आपको वर्तमान में सारे नियमों का पालन करना होगा.'
वहीं ऑस्ट्रेलिया की स्वास्थ्य मंत्री जेनी मिकाकोस ने कहा, 'ये कोई बुजुर्गों की बीमारी नहीं है. जुलाई का डेटा हमें बता रहा है कि संक्रमण का एक चौथाई हिस्सा वास्तव में 20 साल के युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले रहा है. वहीं 60 की उम्र में सिर्फ छह फीसदी लोगों में इस वायरस का पता चला है.'
मेलबर्न विश्वविद्यालय में महामारी विशेषज्ञ प्रोफेसर जॉन मैथ्यूज ने कहा कि वो युवाओं में बढ़ रहे संक्रमण के मामलों से हैरान नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि बुजुर्गों में गंभीर बीमारी होने का अधिक खतरा होता है और वो लोग ज्यादातर घरों में ही रहते हैं. जबकि युवाओं के साथ ऐसा नहीं है. सोशल डिस्टेंसिंग जैसे दिशा-निर्देशों के बावजूद वो बाहर निकल कर लोगों से मिल रहे हैं.'