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कोरोना: सूंघने की क्षमता खोने में वैज्ञानिकों को दिखी राहत वाली बात

aajtak.in
  • 27 मई 2020,
  • अपडेटेड 6:40 AM IST
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बुखार-सूखी खांसी के अलावा सूंघने की शक्ति खोना (लॉस ऑफ स्मैल) और जुबान से स्वाद का गायब होना कोरोना वायरस के छिपे हुए लक्षण हैं. नजर न आने वाले कोविड-19 के ये लक्षण जो पहले बड़ी चुनौती थे, अब आपके लिए राहत की वजह बन सकते हैं.

Photo: Reuters

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अमेरिका के यूसी सैन डिएगो हेल्थ के शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड-19 के मरीजों में सूंघने की शक्ति खत्म होना बेहद अच्छा संकेत है. सूंघने की शक्ति खोने का मतलब रोगी बीमारी के मिडलर स्टेज पर है जो कि बेहद मामूली है.

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स्टडी की प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर कैरोल यान ने रिपोर्ट में कहा, 'नॉर्मोस्मिया यानी सूंघने की शक्ति के आधार पर हम कोरोना रोगियों में बीमारी के स्तर का पता लगा सकते हैं. अपनी पिछली रिसर्च में हमने कोरोना के शुरुआती लक्षणों में सूंघने की शक्ति खोने की भी बात साबित की थी.'

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अपने नए शोध में हमने पाया कि जिन मरीजों में सूंघने की शक्ति गायब हो रही है उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है. यदि किसी मरीज में ऐसा लक्षण नजर आ रहा है तो समझ लीजिए उसे वायरस से बहुत ज्यादा खतरा नहीं है. वे बेहद मामूली से लक्षणों का सामना करेंगे.

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यह शोध 169 ऐसे कोरोना मरीजों पर आधारित है जो 3 मार्च से 8 अप्रैल के बीच वायरस की चपेट में आए थे. इन 169 रोगियों में से सिर्फ 26 ही अस्पताल में एडमिट हुए थे. इसके बाद जांच में पता लगा कि अस्पताल में एडमिट ना होने वाले मरीज एडमिट हुए मरीजों की तुलना में सूंघने की शक्ति खो बैठे थे.

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एक अन्य शोधकर्ता डॉक्टर एडम डीकोन्ड ने बताया कि सूंघने की शक्ति खोने वाले मरीजों की अस्पताल में एडमिट होने की संभावना करीब 10 गुना कम थी. बता दें कि एक्सपर्ट्स ने पहले भी कोरोना वायरस के मरीजों को सीधे अस्पताल जाने की बजाये एक हफ्ते तक घर में आइसोलेट रहने की सलाह दी थी.

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सांस में तकलीफ, तेज बुखार या ज्यादा तकलीफ होने पर ही अस्पताल की तरफ रुख करें. घर में रहते हुए भी मास्क, हैंड वॉश और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें.

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