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ओणम के त्योहार की ये 7 बातें हैं खास...

aajtak.in
  • 13 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 4:24 PM IST
ओणम के त्योहार की ये 7 बातें हैं खास...
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केरल का सबसे बड़ा त्‍योहार है ओणम जिसे यहां पर उत्‍तर भारत के त्‍योहर दीपावली की तरह मनाया जाता है. इस दिन घरों को फूलों से सजाया जाता है और तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं. दस दिन तक चलने वाले इस त्‍योहार का मुख्‍य आकर्षण घर की सजावट और खानपान होता है.

ओणम के त्योहार की ये 7 बातें हैं खास...
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क्यों मनाया जाता है ओणम?
ओणम पर्व की मान्यता है कि राजा बलि केरल के राजा थे. उनके राज्य में प्रजा बहुत सुखी व संपन्न थी. इसी दौरान भगवान विष्णु वामन अवतार लेकर आए और तीन पग में उनका पूरा राज्य लेकर उनका उद्धार कर दिया. माना जाता है कि वे साल में एक बार अपनी प्रजा को देखने के लिए आते हैं. तब से केरल में हर साल राजा बलि के स्वागत में ओणम का पर्व मनाया जाता है.

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1. ओणम पर्व घरों की आकर्षक साज-सज्जा के साथ ही तरह-तरह के पकवान बनाने का भी रिवाज है. 

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2. इसके साथ ही ओणम नई फसल के आने की खुशी में भी मनाया जाता है. 

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3. हर घर के सामने फूलों की रंगोली सजाने और दीप जलाने की भी परंपरा हैं.

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5.  इस अवसर पर मलयाली समाज के लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर शुभकामनाएं देते हैं. साथ ही परिवार के लोग और रिश्तेदार इस परंपरा को साथ मिलकर मनाते हैं.

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4. इस मौके पर केरल में बोट महोत्‍सव का आयोजन भी किया जाता है. हर साल इस बोट रेस को देखने के लिए लाखों की संख्‍या में पर्यटक केरल पहुंचते हैं.

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6. ओणम से पहले इस त्‍योहार के आगमन की तैयारियां शुरू हो जाती हैं और आज के दिन हाथियों का सजाकर उनकी रैली निकाली जाती है.

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