सोफी फॉन्टानेल पेरिस की एक प्रसिद्ध लेखिका हैं. 27 साल की उम्र में एक दिन अचानक सोफी फॉन्टानेल ने सेक्स से दूरी बनाने का फैसला लिया. उन्होंने ये फैसला क्यों लिया और 12 साल तक सेक्स न करने का असर उनके जीवन पर कैसे पड़ा, इन सबका जिक्र उन्होंने अपनी किताब 'आर्ट ऑफ स्लीपिंग अलोन' में किया है.
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
57 साल सोफी ने हाल ही में न्यू यॉर्क टाइम्स को एक इंटरव्यू दिया है जिसमें उन्होंने बताया कि 12 साल तक सेक्स न करने की वजह से उनमें किस तरह का शारीरिक और मानसिक बदलाव आया.
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सोफी ने बताया कि वो 22 साल की थीं जब उनका ब्वॉयफ्रेंड बना और 5 साल तक दोनों रिलेशनशिप में रहे. इस दौरान सोफी वो सब कुछ करती थीं जिससे उनका ब्वॉयफ्रेंड खुश रहे.
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फिर एक दिन अचानक सोफी को लगा कि सबको खुश रखने के चक्कर में अपने साथ कहीं कुछ गलत तो नहीं कर रहीं? उन्होंने जानने की कोशिश की कि क्या वो खुद से संतुष्ट हैं?
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सोफी को अपनी सेक्स लाइफ काफी बोरिंग लगने लगी थी लेकिन उनके लिए ये स्वीकार करना मुश्किल हो रहा था. सोफी का कहना था, 'आमतौर पर सेक्स में दिलचस्पी ना लेने को लोग कोई दिक्कत ही समझते हैं. खासतौर से फ्रांस में खाने और सेक्स को हमेशा प्राथमिकता दी जाती है.'
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सोफी ने अपने ब्वॉयफ्रेंड से कहा कि वो अकेले रहना चाहती हैं. दोस्तों ने सोफी से पूछा कि क्या वो किसी और से प्यार करने लगी हैं. जवाब में सोफी ने कहा कि वो अपनी बॉडी को थोड़ा आराम देना चाहती हैं.
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सोफी जानना चाहती थीं कि सेक्स के अलावा उनका शरीर उनसे क्या चाहता है. सोफी का कहना है कि शारीरिक संबंध बनाने के दौरान साथी के प्रति भरोसा बहुत जरूरी होता है ताकि आप शरीर, दिल और दिमागी तौर पर अपने पार्टनर के साथ रह सकें.
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सोफी के लिए ये मुश्किल हो रहा था. कभी वो शारीरिक तौर पर तो अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ रहती थीं पर उनका दिमाग कहीं और ही होता था तो कभी वह मानसिक तौर पर मौजूद होती थीं लेकिन शारीरिक तौर पर खुद को तैयार नहीं पाती थीं. आखिरकार एक दिन हिम्मत कर उन्होंने अपने पार्टनर से बात की और सेक्स से दूरी बनाने का निर्णय लिया.
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सोफी ने कहा, 'ये फैसला लेने के कुछ दिनों बाद ही मुझे खुशी का एहसास होने लगा. मुझे अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं था. मेरे अंदर कई इच्छाएं जन्म लेने लगी थीं और खास बात ये है कि इच्छा किसी पुरुष को लेकर नहीं थी.'
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'मैं बहुत कुछ करना चाहती थी. मैं घूमने के लिए ग्रीस गई, मैंने स्विमिंग शुरू कर दी, मैंने महसूस किया कि मुझे पानी में रहना अच्छा लगता है. मैं दोस्तों के साथ हंसती थी और उन्हें पूरा समय देती थी. मैं हर तरीके से खुश थी और खुद को आजाद महसूस कर रही थी.'
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सोफी का कहना है कि जब आप अपनी बोरिंग सेक्स लाइफ पर फोकस करना बंद कर देते हैं तो वास्तव में आपकी आंखें खुल जाती हैं. आप दूसरे लोगों के बारे में जानना चाहते हैं और प्यार के अलावा जिंदगी के दूसरे पहलुओं पर बात करना चाहते हैं.
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सोफी ने बताया कि मेरी जिंदगी जीने के तरीके को लेकर कई लोग चिंतित थे पर मेरा इरादा बिल्कुल साफ था. शायद इनमें से कई लोग ऐसे थे जिनकी सेक्स लाइफ अच्छी नहीं थी और वो कहीं न कहीं मेरी जैसी जिंदगी जीना चाहते थे.
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सोफी का कहना है कि सेक्स नहीं करने का मतलब यह नहीं है कि आप दुखी या बोरिंग हैं. इसका मतलब है कि आप आजाद हैं. आप खुद से प्यार करना सीख जाते हैं और किसी तरह की बंदिश महसूस नहीं करते हैं.
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इंटरव्यू में सोफी ने कहा, 'ज्यादातर लोग सेक्स को जिंदगी की सबसे जरूर चीज मानते हैं पर मेरे लिए इससे भी जरूरी है प्यार करना और कविताएं लिखना. मेरे लिए मेरी बॉडी मशीन नहीं है और यह जानने में मुझे काफी वक्त लग गया.'
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अंत में सोफी ने कहा कि अगर आपके पास कोई ऐसा है जिससे आप सब कुछ शेयर कर सकें तो आपको जिंदगी से कुछ और नहीं चाहिए और आप अपने हिसाब से अपनी जिंदगी जी सकते हैं. सेक्स चॉइस होनी चाहिए, अनिवार्यता नहीं.
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