
राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर की मूवी 'बधाई दो' कुछ दिन पहले रिलीज हो चुकी है. यह मूवी एक ऐसे सामाजिक मुद्दे पर आधारित है, जिस पर आज भी बात करने से आज भी कई लोग डरते हैं. इस मूवी में राजकुमार राव ने शार्दुल ठाकुर और भूमि पेडनेकर ने सुमन सिंह का किरदार निभाया है. मूवी में सुमन एक लेस्बियन (Lesbian) हैं, जबकि शार्दुल गे (Gay) हैं.
फिल्म में शार्दुल और सुमन अपनी पर्सनल लाइफ और सेक्सुअल प्रेफरेंस को छुपाने के लिए आपस में शादी तो कर लेते हैं, लेकिन उनकी सेक्सुअल प्रेफरेंस, आम पति-पत्नी की तरह नहीं होतीं. शार्दुल का यौन आकर्षण लड़के में होता है और सुमन का लड़की में.
आज के समय में भी बहुत से लोग ऐसे होंगे, जो लैवेंडर मैरिज के बारे में नहीं जानते. क्योंकि भारत में सदियों से इस तरह की शादियों और मुद्दों को समाज के डर से छुपाकर रखा जाता है. लैवेंडर मैरिज क्या है, इस बारे में डिटेल में जान लीजिए.
लैवेंडर मैरिज क्या है (What’s lavender marriage)
अगर किसी पुरुष का सेक्सुअल ओरियंटेशन यानी यौन आकर्षण किसी महिला की अपेक्षा पुरुष की तरफ होता है, तो वह गे (समलैंगिक पुरुष) होता है. वहीं अगर किसी लड़की का आकर्षण, पुरुष की अपेक्षा किसी लड़की की तरफ होता है, तो उसे लेस्बियन कहा जाता है.
एक्सपर्ट के मुताबिक, जब एक गे लड़का और लेस्बियन लड़की शादी करते हैं, जिससे समाज और परिवार के सामने वे आम शादीशुदा जोड़ों की तरह लगते हैं, उसे लैवेंडर मैरिज कहते हैं. बताया जाता है कि लैवेंडर कलर को होमोसेक्सुएलिटी से जोड़कर देखा जाता था, इसलिए उसे लैवेंडर मैरिज कहा जाता है.
इस तरह की शादी समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा बचाने, तानों से बचने एवं अपनी सेक्सुअल प्रेफरेंस को छुपाकर रखने के लिए की जाती है. ताकि रूढ़िवादी समाज और परिवार शादी न करने के कारण उन्हें किसी समस्या का सामना न करना पढ़े. 'बधाई दो' मूवी में भी शार्दुल और सुमन इसी तरह शादी करते हैं और फिर रूम मेट्स की तरह रहते हैं.
भारत में लैवेंडर मैरिज (Lavender marriage in India)
6 सितंबर, 2018 को कोर्ट ने एतिहासिक फैसले में सालों पुराने प्रावधान को हटा दिया था और 2 बालिग समलैंगिकों के संबंधों को वैध करार दिया था. कोर्ट ने धारा 377 के उस प्रावधान को हटा दिया था, जिसमें एक ही लिंग के 2 लोगों को संबंध बनाने की इजाजत नहीं दी जाती थी. लेकिन अभी भी कई लोगों को अपने परिवार और समाज के डर से अपनी सेक्सुअल प्रेफरेंस को लोगों के सामने जाहिर करना काफी मुश्किल लगता है.
देश में अक्सर यही उम्मीद की जाती है कि लड़का या लड़की हमेशा विपरीत लिंग वाले से ही शादी करे, अपना घर बसाए और बच्चे पैदा करे. अभी भी समान लिंग वाले लोगों को शादी करने या फिर साथ रहने पर कठिनाई महसूस करते हैं. अगर कोई ऐसा करने की सोचता भी है तो उसे समाज और परिवार द्वारा अस्वीकार किए जाने का डर बना रहता है, जिससे वो सेक्सुअल प्रेफरेंस को छुपाकर रखता है. भारत में भी पिछले कुछ सालों में ऐसे गे कपल की शादियां हुई हैं, जो कि समाज में सोच को बदल रहे हैं.
ऐसे लोग करते हैं लैवेंडर मैरिज
कई लोग कानूनी रूप से विपरीत लिंग से शादी करने के लिए तैयार होते हैं, ताकि वे अपने समलैंगिक पार्टनर के साथ प्राइवेट रूप से रह सकें. वे लोग लैवेंडर मैरिज करते हैं. हालांकि इसके बाद भी उनके रिलेशन में काफी सारी समस्याएं आती हैं. जिनमें सबसे बड़ी समस्या होती है, बच्चे पैदा करने की.
'बधाई दो' मूवी में भी शार्दुल के घर वाले उनसे खुशखबरी सुनाने के लिए दबाव बनाने लगते हैं. असल लाइफ में भी ऐसा ही होता है. अब अगर 2 समलैंगिक लोग विपरीत लिंगी की तरह शादी कर लेते हैं, तो उन पर परिवार वाले बच्चे पैदा करने का दबाव बनाएंगे और उनके लिए इस तरह की सिचुएशन से निकलना काफी मुश्किल होता है.