
फैमिली के बाद अक्सर लोगों को दोस्तों के बीच जाकर सुकून मिलता है. दोस्ती कभी और कहीं भी हो सकती है इसका कोई ठोर-ठिकाना नहीं होता है लेकिन बचपन की दोस्ती का कोई तोड़ नहीं होता है.
कुछ दोस्त हमेशा साथ रहते हैं तो कुछ हमेशा के लिए बिछड़ भी जाते हैं और कई बार तो ऐसे दोस्त भी बन जाते हैं जिनका जिंदगी में न होना ही बेहतर रहता है. तभी तो कहते हैं दोस्त जितने कम उनते ही अच्छे और अगर आप उन लोगों में से हैं जो हर किसी से दोस्ती कर लेते हैं तो आपको नीचे दी गई कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि हर एक दोस्त जरूरी नहीं होता है...
1. दोस्ती का एक उसूल है कि इसमें कोई रूल नहीं होता है. इसीलिए तो ये रिश्ता सबसे खास होता है लेकिन अब इस बात का ये भी मतलब नहीं है कि आप हर किसी से दोस्ती कर लें.
2. अपने दोस्त चुनते समय सावधानी रखना भी जरूरी है क्योंकि कई बार दोस्त ही जी का जंजाल भी बन जाते हैं.
3. अगर आपके बचपन के या कॉलेज के कुछ खास दोस्त हैं तो उन्हें खास ही बनाकर रखें ताकि आपकी प्राइवेसी बनी रही है.
4. दोस्त तो कहीं भी बन जाते हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप हर किसी को अपने घर तक ले आएं.
5. दोस्ती करना अच्छी बात है लेकिन इसका ये मतलब बिलकुल नहीं है कि नए दोस्त मिलने पर आप पुराने दोस्तों को भूल जाएं.
6. आजकल सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी दोस्ती हो जाना आम बात है लेकिन ऐसी दोस्ती को आगे बढ़ाने से पहले सेफ्टी और सक्योरिटी का ध्यान रखना भी जरूरी है. अक्सर ऐसे रिश्तों में लोग धोख खा जाते हैं.
7. साथ ही दोस्ती के चक्कर में पड़कर अपनी फैमिली और करियर को कभी भी इग्नोर न करें. दोस्त कम हों लेकिन अच्छे और सुलझे हुए होना बहुत जरूरी है.