
आजकल की मॉर्डन लाइफस्टाइल में देखा जाता है कि लोग बहुत जल्दी एक- दूसरे की तरफ आकर्षित होने लगते हैं. एक नजर देखते ही लोग किसी को भी अपना क्रश बना लेते हैं. और फिर कब ये क्रश एक खूबसूरत प्यार के रुप में बदल जाता है उन्हें इसका अंदाजा भी नहीं होता.
वैसे तो किसी के प्रति आकर्षित होना बहुत आम बात होती है. यह भावना किसी भी उम्र में आ सकती है. लेकिन टीनेजर्स में यह एहसास सबसे ज्यादा देखा जाता है.
हाल ही में हुई एक स्ट्डी में यह दावा किया गया है कि इंसान उन लोगों के प्रति ज्यादा आकर्षित होते हैं , जिनके फीचर्स उनके माता-पिता से मिलते जुलते हों. यह अध्ययन यू. के. की ग्लासगो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है.
अध्ययन की रिपोर्ट यह दावा करती है कि हेट्रोसेक्शुयल पुरुष और लेजबियन महिलाओं में ऐसी महिलाओं के लिए प्यार की भावना पैदा होती है जिनकी आंखों का रंग उनकी मां की आंखों के रंग जैसा होता है. इसी प्रकार हेट्रोसेक्शुयल महिला और गे पुरुष अपने पिता जैसी आंखों वाले पुरुषों के प्रति आकर्षित होते हैं.
यह अध्ययन 300 पुरष और महिलाओं पर किया गया है . इस अध्ययन को पॉजिटिव सेक्सुअल इन प्रिंटिंग थ्योरी के साथ जोड़कर भी देखा गया है.
दरअसल, यह एक थ्योरी है जिसमें पशु और जानवरों की अनेक प्रजातियों पर रिसर्च की गई थी. इस थ्योरी की मानें तो पक्षी हों या जानवर सभी अपने लिए ऐसा साथी चुनते हैं जो उनके माता-पिता जैसे दिखते हैं.
शोधकर्ताओं के अनुसार हमारे अंदर जानें- अंजाने ऐसे लोगों के लिए प्यार की भावना पैदा हो जाती है, जिनके फीचर्स हमारे माता- पिता जैसे होने साथ उनकी आंखों का रंग भी उनके जैसा ही हो.