
Obesity in children: मोटापा कोई नई बीमारी नहीं है, बल्कि यह लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है. यदि आपकी लाइफस्टाइल सही रहेगी तो यह कभी नहीं होगी और यदि आपकी लाइफस्टाइल सुस्त है या खराब है तो जल्द ही ये आपको घेर लेगी. युवाओं के साथ-साथ बच्चों में बढ़ता मोटापा भी माता-पिता के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है क्योंकि आजतक छोटे-छोटे बच्चों का भी वजन काफी अधिक होता है.
बच्चों को बचपन से ही बैलेंस और हेल्दी डाइट अगर दी जाए और उन्हें हेल्दी लाइफस्टाइल के बारे में बताया जाए तो उनका वजन भी मेंटेन रहेगा और हेल्दी भी रहेंगे. तो आइए आपको बच्चों का वजन मेंटेन रखने के लिए क्या करना होगा, इस बारे में जान लीजिए. एस्टर सीएमआई हॉस्पिटल बैंगलोर की बाल मनोवैज्ञानिक और जीवन विशेषज्ञ डॉ. सुषमा गोपालन ने कुछ तरीके बताए हैं जो हर पैरेन्ट्स को अपनाने चाहिए.
हेल्दी और बैलेंस डाइट दें
डॉ. सुषमा का कहना है, 'बच्चों को भरपूर मात्रा में सब्जियां, फल और अनाज खिलाना चाहिए. साथ ही उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी भी पिलाना चाहिए. हमेशा जोर दें कि वो परिवार के साथ मिलकर खाना खाए और खाना खिलाते समय स्क्रीन ऑन नहीं होनी चाहिए ताकि वह खाने को लेकर अलर्ट रहे. बच्चे को खाने के हिस्से, खाने के स्वाद, बनावट और पेट भर जाने पर शरीर को क्या संकेत मिलते हैं, उन्हें समझने दें.
आजकल के कई पैरेन्ट्स बच्चों को डिब्बाबंद वाली चीजें खाने दे देते हैं जो कि गलत होता है. उनमें काफी मात्रा में प्रिजर्वेटिव मिले होते हैं जो शारीरिक समस्याएं पैदा कर सकते हैं. जब बच्चे जंक फूड मांगते हैं तो माता-पिता को मना करना सीखना चाहिए. स्क्रीन और खाने की दुकानों पर इतने सारे लालच भरे एड्स आते हैं जो आपके लिए एक चैलेंज हो सकते हैं. लेकिन यदि आप आज इनसे निपटना सीख जाएंगे तो आगे समस्या नहीं होगी.
फिजिकल एक्टिविटी पर दें ध्यान
अक्सर देखा जाता है जैसे ही बच्चे ने किसी बात की जिद की तो पैरेन्ट्स मोबाइस पकड़ा देते हैं या फिर टीवी ऑन कर देते हैं. आपको इन चीजों से बचना है. इसकी जगह बच्चे को फिजिकल एक्टिविटी की ओर मोटिवेट करना है. इसमें दौड़ना, कूदना, साइकिलिंग, तैरना आदि जैसे खेल शामिल हो सकते हैं.
स्क्रीन टाइम कम करने और फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाने से बच्चे की फिजिकल हेल्थ पर गलत असर पढ़ सकता है. जब बच्चे की ग्रोथ की उम्र है, तो उसे ग्राउंड में या घर में खेलने के लिए बोलें. यह उसके दिमाग और हेल्थ पर अच्छा असर डालेंगी.
अच्छी आदतें डालें
लिमिट स्क्रीन टाइम, समय से सोना, समय से खाना, नहाना जैसी जो भी आदत बच्चे में आप शुरू से डालेंगे, वे आगे चलकर काफी फायदेमंद साबित होंगी. यदि आपका बच्चा इन चीजों के लिए पॉजिटिव रिस्पांस नहीं देता है तो आप किसी एक्सपर्ट की भी सलाह ले सकते हैं.