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बाल मजदूरी के सबसे बड़े गढ़ हैं ये दो राज्य, खतरे में मासूमों का भविष्य

इस दिवस की शुरुआत साल 2002 में 14 साल से कम उम्र के बच्‍चों बाल मजदूरी से निकालकर शिक्षा दिलाने के उद्देश्‍य से 'द इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन' ने की थी।

भारत में मजदूरी करने वाले बच्चों में एक बड़ी तादाद ग्रामीण इलाकों से ताल्लुक रखती है. भारत में मजदूरी करने वाले बच्चों में एक बड़ी तादाद ग्रामीण इलाकों से ताल्लुक रखती है.
सुमित कुमार/aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 जून 2019,
  • अपडेटेड 3:46 PM IST

बाल श्रम के विरोध में आज पूरी दुनिया एंटी चाइल्ड लेबर डे सेलिब्रेट कर रही है। इस दिवस की शुरुआत साल 2002 में 14 साल से कम उम्र के बच्‍चों को बाल मजदूरी से निकालकर शिक्षा दिलाने के उद्देश्‍य से 'द इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन' ने की थी। हालांकि 17 साल गुजरने के बाद भी बाल भारत में बाल मजदूरी पर लगाम कस पाना मुश्किल लग रहा है.

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भारत में बाल श्रम को लेकर स्पष्ट आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन, साल 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 5-14 आयु वर्ग के एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चे बाल श्रम की दलदल में धकेले गए हैं.  अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में लगभग 15.2 करोड़ बच्चे बाल श्रम के लिए मजबूर हैं।

भारत में मजदूरी करने वाले बच्चों में एक बड़ी तादाद ग्रामीण इलाकों से ताल्लुक रखती है. आंकड़ों की मानें तो लगभग 80 प्रतिशत बाल मजदूरी की जड़ें ग्रामीण इलाकों में ही फैली हैं. देश में 2011 के आधार पर सेक्टर आधारित बाल मजदूरी पर नजर डाली जाए तो बच्चों की सबसे बड़ी आबादी यानी 32.9 फीसदी (33 लाख) खेती से जुड़े कामों में लगी है, जबकि 26 फीसदी (26.30 लाख) बच्चे खेतीहर मजदूर हैं.

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यूपी-बिहार में सबसे ज्यादा बाल मजदूर-

भारत में बाल मजदूरों का सबसे ज्यादा संख्या 5 राज्यों बड़े राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में हैं. यहां बाल मजदूरों की कुल लगभग 55 प्रतिशत है. सबसे ज्यादा बाल मजदूर उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं. उत्तर प्रदेश में 21.5 फीसदी यानी 21.80 लाख और बिहार में 10.7 फीसदी यानी 10.9 लाख बाल मजदूर हैं. राजस्थान में 8.5 लाख बाल मजदूर हैं.

कहां हैं सबसे ज्यादा बाल मजदूर-

पूरी दुनिया में बाल मजदूरों की सबसे ज्यादा संख्या अफ्रीका में है. अफ्रीका में हैं. अफ्रीका में 7.21 करोड़ बच्चे बाल श्रम की कैद में हैं, जबकि एशिया-पैसेफिक में 6.21 करोड़ बच्चे बाल मजदूरी कर रहे हैं. दुनिया के सबसे विकसित कहे जाने वाले देश अमेरिका में बाल मजूदरों की संख्या एक करोड़ के पार है.

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