
स्वास्थ्य ने विशेषज्ञों ने जानकारी दी है कि भारत में प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम 2.5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, कोलकाता और पुणे में कैंसर के कुल मामलों में प्रोस्टेट कैंसर के रोगियों की संख्या दूसरे नंबर पर है.
चिकित्सकों के अनुसार, पूरी दुनिया में इस समय 17 लाख लोग प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे हैं और इसके पीछे इस बीमारी का देर से पता चलना और रोग के बारे में कम जानकारी सबसे बड़े कारण हैं. भारत की बात करें तो इस समय यहां 2,88,000 लोग प्रोस्टेट कैंसर से ग्रस्त हैं.
एशियन कैंसर इंस्टीट्यूट में यूरो-ओंकोलॉजी के प्राध्यापक जगदीश एन. कुलकर्णी ने कहा, 'पिछले तीन दशकों को देखें तो मुंबई में प्रोस्टेट कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं और कैंसर के कारण होने वाली मौतों की प्रमुख वजह बन चुका है. हर वर्ष प्रोस्टेट कैंसर के 300 नए मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें से सिर्फ 25-30 फीसदी मामले ही शुरुआती चरणों के होते हैं.'
कुलकर्णी ने जोर देकर कहा कि यदि शुरुआती चरण में प्रोस्टेट कैंसर का पता लग जाए तो बिना ऑपरेशन के अन्य उपचारों के जरिए इसका सफल उपचार संभव है.