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भारत को युवाओं का देश कहा जाता जाता है और आज 12 अगस्त को पूरी दुनिया इंटरनेशनल यूथ डे सेलिब्रेट कर रही है.
यूनाइटेड नेशंस ने दुनियाभर में युवाओं की समस्याओं को ध्यान में रखकर इस दिवस को सेलिब्रेट करने की कवायद शुरू की थी. वहीं तीन दिन बाद भारत में स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया जाएगा. आइए इसी कड़ी में जानते हैं कि आज के युवाओं की चुनौतियां क्या हैं और उन्हें किन समस्याओं से आजादी चाहिए.
लिंग भेद से आजादी
आज भी कई परिवारों में लड़कियों को लड़कों केृ समान नहीं समझा जाता. समानता और स्वतंत्रता के लिए उन्हें आज भी अपनों से संघर्ष करना पड़ रहा है. घर में ज्यादा तवज्जो न मिलने से लेकर अपनी मर्जी के कपड़े न पहनने तक, उन्हें ढेरों मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं. यहां तक कि शादी करने में भी उनकी पसंद का ख्याल नहीं रखा जाता.
करियर तय करने की आजादी
देश के ज्यादातर युवा इस मुश्किल से जूझ रहे हैं. 18 साल की उम्र तक पहुंचते ही उन पर करियर को लेकर सवालों की झड़ी लगा दी जाती है और आखिर में उन पर जबरन कुछ भी थोप दिया जाता है. ज्यादातर मां-बाप बच्चे की ख्वाहिश पूछे बिना ही उसे इंजीनियर या डॉक्टर बनने के लिए मजबूर करते हैं.
सोशल मीडिया पर आजादी
मौजूदा वक्त में सोशल मीडिया को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा का सबसे बड़ा मंच माना जाता है. लेकिन यहां भी समाज के ठेकेदारों का जबरदस्त पहरा लगा हुआ है. आपके निजी विचार सोशल मीडिया पर पोस्ट होते हूी उस पर नकारात्मक प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो जाती है, जिसके बाद आपको मजबूरन वो पोस्ट डिलीट करना पड़ता है. अभिव्यक्ति के इस मंच पर पहरा देने वालों में आपके दोस्त, रिश्तेदार या सहकर्मी हो सकते हैं.
स्ट्रेस से आजादी
आज युवाओं की सामने सबड़े बड़ी चुनौती यही है. स्कूल कॉलेज से लेकर नौकरीपेशा व्यक्ति भी स्ट्रेस से जूझ रहा है. किसी को करियर की चिंता खा रही है और कोई करियर बनाने के बाद भी बॉस के डर से स्ट्रेस में जी रहा है.