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केरल में बाढ़ का पानी भरने से बढ़ रहा है इन बीमारियों का खतरा

केरल में बाढ़ से मची तबाही रुकने का नाम नहीं ले रही है.  बाढ़ के रुके हुए पानी से तरह-तरह की बीमारियों के फैलने की भी आशंका है.

रुके हुए पानी से बीमारियों का खतरा रुके हुए पानी से बीमारियों का खतरा
प्रज्ञा बाजपेयी
  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 3:56 PM IST

केरल में बाढ़ का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य में हो रही लगातार बारिश से तबाही मची हुई है. राज्य भर में बाढ़ पीड़ितों के लिए रिलीफ कैंप बनाए गए हैं. तमाम तरह की मुश्किलें होने के अलावा जलभराव की स्थिति से बीमारियां फैलने का भी खतरा मंडराने लगा है.

कोच्चि में रहने वाले एपिडेमियोलॉजिस्ट पॉल चैको ने बताया, इस तरह की परिस्थिति में बहुत जल्दी कीटाणु फैलते हैं. ऐसे में डिसेंट्री, टायफाइड, हैजा जैसी बीमारियां बहुत आसानी से होने का खतरा रहता है. सरकार को पीने के पानी को सुरक्षित रखने और सफाई की तरफ तुरंत ध्यान देना चाहिए.

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केरल में जलभराव की स्थिति से मच्छरों को पनपने का मौका मिलता है जिससे डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं.

केरल के स्वास्थ्य विभाग में अधिकारी अनिल वासुदेवन ने शनिवार को रॉयटर्स को बताया कि अलुवा के नजदीक रिलीफ कैंप में चिकनपॉक्स से संक्रमित 3 लोगों को अलग रखा गया है.

शनिवार को केरल के मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य में पास पर्याप्त खाद्य भंडार है. लेकिन केरल के पास दवाइयों और फ्यूल की कमी है.

केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने आश्वस्त किया है कि बाढ़ का पानी कम होने पर केरल के हर गांव में हेल्थ इंस्पेक्टर के नेतृत्व में एक टीम भेजी जाएगी जिससे हाइजीन और स्वच्छता अभियान चल सके.

उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने केरल के जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए अपनी जान खतरे में डाली है, उन्हें नायकों की तरह सम्मानित किया जाएगा.

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