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भारी पड़ सकता है प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन की दवाएं लेना

प्रेग्नेंसी के दौरान एंटीडिप्रेसेंट्स लेने के कारण बच्चों में ऑटिज्म का खतरा बढ़ जाता है. यही नहीं, ऐसे बच्चों में बर्थ डिफेक्ट की आशंका बहुत ज्यादा होती है.

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वंदना भारती
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:12 PM IST

अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान अवसाद से बाहर निकलने के लिए एंटी डिप्रेशन दवाओं का सहारा लेती हैं तो जरा संभल जाएं. क्योंकि हालिया अध्ययन की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि प्रेग्नेंसी के दौरान एंटी डिप्रेशन की दवाओं की खुराक लेना खतरनाक साबित हो सकता है. यह ना केवल मां को बल्कि बच्चे की मानसिक सेहत को भी प्रभावित करता है.

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यह अध्ययन नेशनल सेंटर फॅार रजिस्टर बेस्ड रिसर्च के आरहुस बीएसएस के शोधकर्ताओं ने किया है.

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प्रेग्नेंसी के दौरान डिप्रेशन की दवाएं लेना मां और बच्चे के लिए कितना सुरक्षित है, इस पर शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया और पाया कि प्रेग्नेंसी के दौरान एंटीडिप्रेसेंट्स लेने के कारण बच्चों मे ऑटिज्म का खतरा बढ़ जाता है. यही नहीं, ऐसे में बच्चों के बर्थ डिफेक्ट के साथ पैदा होने की आशंका बढ़ जाती है.

शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन 9 लाख से ज्यादा बच्चों पर किया, जिसमें ज्यादातर ऐसे बच्चे शामिल थे, जिनकी मां ने प्रेग्नेंसी के दौरान डिप्रेशन की दवाएं खाईं.

अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि गर्भवती होने के दौरान एंटीडिप्रेसेंट्स दवाओं की खुराक लेने वाली माताओं के बच्चों में ऑटिज्म बीमारी के लक्षण दिखने लगते हैं. ऐसी माताओं के बच्चों में फैसले लेने की क्षमता उन बच्चों के मुकाबले कम होती है, जिनकी मां गर्भवती होने के दौरान डिप्रेशन की दवाएं नहीं लेती हैं.

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